जानिये कौन हैं पीयूष जैन…
करोड़ों की संपत्ति दबाकर पुराने स्कूटर में चलने वाले पीयूष जैन
‘समाजवादी इत्र’ व्यवसायी के घर में छापेमारी का दौर थमता नजर नहीं आ रहा। उनके कानपुर और कन्नौज स्थित घरों से लगातार सोना, चांदी, नकदी और कीमती तेलों समेत तहखाने भी मिल रहे हैं। हालांकि, पूछताछ के दौरान जैन ने कहा है कि उनके घरों से बरामद 287 करोड़ रुपये नकद उनके पूर्वजों द्वारा छोड़े गए 400 किलो सोने को बेचने के बाद जमा किए गए पैसे थे। इसके बावजूद रविवार रात पीयूष जैन की गिरफ्तारी के बाद भी उनके घरों और दफ्तरों में जांच एजेंसियों की तफ्तीश जारी है। संबंधित अधिकारियों की मानें तो CBIC के इतिहास में यह अब तक की सबसे बड़ी वसूली है। अब देखना यह है कि आगे की तफ्तीश में और क्या क्या सामने आता है…
मीडिया स्वराज डेस्क
- कन्नौज वाले घर से बोरों में मिल रहे नोट
- अब तक Rs. 257 करोड़ कैश मिल चुका है
- 15 किलो सोना और 50 किलो चांदी बरामद
- घर के अंदर एक पुराना तहखाना मिला
- और तहखानों का पता लगाने के लिये बुलाये जा रहे आर्किटेक्ट
लखनऊ : इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर और कार्यालय में छापेमारी और छापेमारी करने वाले अधिकारियों के नोट गिनने वाली मशीनों के साथ नोट गिनती करती हुई तस्वीरें जब मीडिया में आईं तो सोशल मीडिया पर ये तस्वीरें वायरल हो गईं। हर ओर कारोबारी पीयूष जैन की ही चर्चा हो रही थी।
वहीं, ‘समाजवादी इत्र’ बनाने को लेकर बीजेपी और समाजवादी पार्टी के नेताओं के बीच भी तूतू-मैंमैं होती रही। अब रविवार रात पीयूष जैन को कर चोरी के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें 14 दिन की ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। इसके बावजूद उनके घरों और दफ्तरों में नकदी और सोना मिलने का सिलसिला अब तक थमा नहीं है।
खबरों के मुताबिक, इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कानपुर और कन्नौज स्थित घरों और परिसरों में केंद्रीय एजेंसियां लगातार छापेमारी में लगी हुई हैं। अब तक कानपुर और कन्नौज स्थित जैन के आवास से 257 करोड़ नगदी, 15 किलो सोना और 50 किलो चांदी बरामद की जा चुकी है। वहीं, टीम अभी भी नोटों की गिनती में लगी हुई है। छापेमारी में 284 करोड़ रुपये नकद मिलने के बाद कानपुर परफ्यूम उद्योगपति पीयूष जैन को रविवार रात गिरफ्तार कर लिया गया। पीयूष जैन से 257 करोड़ रुपये कैश मिले थे। कल भी उनके घर छापेमारी हुई थी, जिसमें एक बैग में 300 चाबियां मिलीं। वहीं पीयूष के पास से 300 करोड़ की प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले हैं। मुंबई और दुबई में भी संपत्ति का पता चला है। इसके अलावा करोड़ों रुपये का सोना बरामद किया गया है।
कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कन्नौज ठिकानों पर आयकर विभाग और जीएसटी की छापेमारी (GST Raids) अब भी जारी है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक पीयूष जैन के कन्नौज स्थित घर से नोटों से भरी प्लास्टिक की आठ बोरियां मिली है। इसके अलावा सोने की बिस्किट और चांदी भी बरामद हुई है। शनिवार रात से ही नोट गिनने की तीन मशीनें इसकी गिनती में लगी हैं। अधिकारी बेडरूम, बाथरूम, किचन, हर जगह से कैश और जेवरात बरामद कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक छापेमारी के दौरान टीम को कुछ डायरी और बिल भी मिले हैं। इनमें कई कंपनियों से कच्चा माल खरीदने और बेचने का जिक्र है। सूत्रों के मुताबिक, छापे में शामिल टीम अब इन कंपनियों से संपर्क कर बिलों और डायरी में दर्ज जानकारी की तस्दीक करेगी। इस खबर से इत्र कारोबार से जुड़े लोगों में खलबली मची है।
जानिये, कौन हैं पीयूष जैन
पीयूष जैन मूलरूप से कन्नौज के छिपट्टी मोहल्ले के रहने वाले हैं। वो कन्नौज में आज भी अपने पुराने स्कूटर से चलते हैं। उनके कन्नौज के घर में एक पुरानी क्वालिस और एक मारुति कार है। वे बिल्कुल साधारण और आम आदमी की तरह रहते हैं और मोहल्ले में भी किसी से ज्यादा बात नहीं करते। पीयूष जैन का कारोबार यूं तो कानपुर बेस्ड है, लेकिन उनकी पैदाइश कन्नौज की है। कन्नौज की जैन स्ट्रीट में उनका पुश्तैनी घर है, जो काफी छोटा हुआ करता था। अब यह घर एक आलीशान कोठी में तब्दील हो गया है। जैन स्ट्रीट के उनके पड़ोसी बताते हैं कि उन्हें भी इस बात का इल्म नहीं था कि जैन परिवार इतना रईस है। पीयूष जैन के पिता महेश चंद्र जैन पेशे से केमिस्ट हैं। दो साल पहले महेश की पत्नी का निधन हो गया था। महेश से ही उनके बेटों पीयूष और अंबरीष ने इत्र और खाने-पीने की चीजों में मिलाए जाने वाले एसेंस बनाने का तरीका सीखा।
पड़ोसी हुए हैरान
गुरुवार और शुक्रवार को जब पड़ोसियों को पीयूष के घर इतनी भारी रकम होने की सूचना मिली तो हर कोई हैरान रह गया। लोगों ने बताया कि पीयूष का परिवार 6-8 लाख रुपये कीमत से ज्यादा की गाड़ियां इस्तेमाल नहीं करते हैं। त्योहारों पर पड़ोसियों को मिठाई जरूर देते हैं। कुछ महीने पहले इस कॉलोनी में ही पीयूष ने 200 गज का एक मकान खरीदा था।
15 सालों में तेजी से फैलाया कारोबार
पिछले 15 सालों में पीयूष ने अपने कारोबार को तेजी से फैलाया। अब कानपुर से लेकर मुंबई और गुजरात में भी उसका कारोबार है। कारोबार बढ़ा तो आसपास के दो मकानों को खरीदकर पीयूष ने अपना आलीशान मकान बनवाया। पीयूष का घर कुछ इस तरह से बना है कि करीब 700 वर्ग गज के मकान में दूसरे मकानों से बालकनी के अलावा कुछ नहीं दिखता। हालांकि, मकान में पीयूष के पिता महेश चंद्र जैन और उनका स्टाफ रहता है। पीयूष और उनका भाई अंबरीष यहां अक्सर आते-जाते रहते हैं। पीयूष और अंबरीष के 6 बेटे-बेटियां हैं। सभी कानपुर में पढ़ते हैं।
चप्पल और पायजामा पहनकर ही शादियों में पहुंच जाते थे पीयूष
पीयूष जैन का परिवार भले ही धनकुबेर था, लेकिन कन्नौज के लोग बताते हैं कि वे सादगीपूर्ण जिंदगी ही जीते रहे हैं। इससे अंदाजा ही नहीं लग पाया कि वह इतने अमीर हो सकते हैं। कई बार तो वह चप्पल और पायजामा पहनकर ही शादी-पार्टियों में पहुंच जाते थे। पीयूष जैन पर आरोप है कि कई फर्ज़ी फर्मों के नाम से बिल बनाकर कंपनी ने करोड़ों रुपयों की जीएसटी चोरी की। पीयूष के घर से 200 से अधिक फर्जी इनवॉइस और ई-वे बिल मिले हैं। घर में बड़ी तादाद में बक्से मंगवाये गए हैं। छापेमारी के दौरान जीएसटी चोरी का भारी खेल सामने आया है।
कन्नौज के छिपट्टी मोहल्ले से निकलकर मुंबई और मध्य पूर्व तक इत्र का कारोबार करने वाले पीयूष जैन का नाम आज देश भर में चर्चा में है। तिजोरियों और बेसमेंट से निकल रहे कैश को गिनने में मशीनें जुटी हैं। इत्र के कारोबार की दुनिया में पीयूष जैन का भले ही बड़ा नाम था, लेकिन उन्हें चर्चा इनकम टैक्स की रेड के बाद ही मिली है। अब तक करीब 257 करोड़ रुपये पीयूष जैन के ठिकानों से मिल चुके हैं। फिलहाल हर कोई यह जानना चाहता है कि पीयूष आखिर कौन हैं, जिनके इत्र से ज्यादा नोटों की खुशबू महसूस की जा रही है।
फैमिली को करीब से देखने वाले लोग बताते हैं कि बीते 15 सालों में इस परिवार की हालत बदल गई है। कभी एक छोटे से मकान में रहने वाले पीयूष जैन के परिवार के ज्यादातर लोग कानपुर में ही रहते हैं। कन्नौज में सिर्फ पिता महेश चंद्र रहते हैं। लेकिन परिवार की पहचान कन्नौज से ही है। इसीलिए उन्हें कन्नौज का धनकुबेर कहा जाता है। पीयूष जैन 40 से ज्यादा कंपनियों के मालिक हैं। इनमें से दो कंपनियां मिडिल ईस्ट में हैं। कन्नौज में पीयूष की परफ्यूम फैक्ट्री, कोल्ड स्टोरेज और पेट्रोल पंप भी हैं। मुंबई में पीयूष का हेड ऑफिस है। इसके साथ ही वहां उनका एक बंगला भी है। पीयूष जैन इत्र का सारा बिजनेस मुंबई से करते हैं, यहीं से इनका इत्र विदेशों में भी भेजा जाता है।
पीयूष जैन कन्नौज में इत्र के बड़े व्यापारियों में शुमार किए जाते हैं। वह 40 से ज्यादा कंपनियों के मालिक हैं। इनमें से दो कंपनियां मिडिल ईस्ट में हैं। कन्नौज में पीयूष की परफ्यूम फैक्ट्री, कोल्ड स्टोरेज और पेट्रोल पंप भी हैं। मुंबई में पीयूष का हेड ऑफिस है। साथ ही वहां उनका एक बंगला भी है। पीयूष जैन इत्र का सारा बिजनेस मुंबई से करते हैं, यहीं से इनका इत्र विदेशों में भी भेजा जाता है। अभी कुछ महीने पहले ही उन्होंने ‘समाजवादी पार्टी’ के नाम से इत्र लांच किया था।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (Directorate General of GST Intelligence (DGGI)), अहमदाबाद ने इत्र व्यवसायी और उत्तर प्रदेश में कन्नौज जिले के ओडोकेम उद्योग के प्रमोटर पीयूष जैन के कारखाने और आवास से 10 करोड़ रुपये बरामद किये हैं, जिनमें से ज्यादातर नकद हैं। सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा पीयूष जैन की फैक्ट्री से बेहिसाब चंदन का तेल और करोड़ों का इत्र भी जब्त किया गया है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (Central Board of Indirect Taxes and Customs (CBIC)) के अध्यक्ष विवेक जौहरी ने कहा, “केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के इतिहास में यह सबसे बड़ी वसूली है।”
डीजीजीआई सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को शुरू हुई तलाशी में जैन के कानपुर के आनंदनगर स्थित घर से 177 करोड़ रुपये और कन्नौज स्थित उनके घर से 107 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी बरामद हुई है। बता दें कि तलाशी अभियान में शामिल 50 कर अधिकारियों की एक टीम में उत्तर प्रदेश और गुजरात (अहमदाबाद) की इकाइयां भी शामिल थीं।
जांच से जुड़े सूत्रों ने कहा कि जैन को एक सुरक्षित घर में ले जाया गया और कई घंटों तक पूछताछ की गई। उससे कई सवाल किए गए लेकिन वह जांचकर्ताओं को संतुष्ट करने में सक्षम नहीं था। जैन को कर चोरी और फर्जी फर्मों के नाम पर कई चालान बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दौरान जैन ने दावा किया कि उनके घरों से बरामद 284 करोड़ रुपये नकद उनके पूर्वजों द्वारा छोड़े गए 400 किलो सोना बेचने के बाद जमा किए गए पैसे थे।
अधिकारी के अनुसार, सोना बेचने का कारण पूछने पर व्यापारी ने कहा कि उसे व्यापार में निवेश के लिए नकदी की आवश्यकता होती है इसलिये वह ऐसा करता है। डीजीजीआई अधिकारी ने कहा, “पीयूष ने बताया कि वह पिछले कई सालों से छोटे ज्वैलर्स को बैचेज में सोना बेचता रहा है।” इस बीच, उसके दावों की सच्चाई की जांच के लिए जांच अधिकारी कन्नौज में उसके पुश्तैनी छिपैती स्थित घर पहुंचकर वहां की तिजोरियां और दीवारें तोड़ने में लगे हैं।
बता दें कि एजेंसियों ने कन्नौज स्थित आवास से 250 किलो चांदी और 25 किलो सोना भी बरामद किया है। आईटी विभाग के सूत्रों ने बताया कि कारोबारी के घर और फैक्ट्री के अंदर 36 लोग हैं, जिनमें जीएसटी इंटेलिजेंस और इनकम टैक्स के अधिकारी भी शामिल हैं। यहां ‘चंदन’ के तेल के नौ ड्रम मिले हैं और गत्ते के बक्सों से 2,000 रुपये के नोटों के बंडल भी बरामद किए गए हैं। कारोबारी के घर से नोट गिनने की मशीन भी मिली है। इसी बीच पीयूष के कन्नौज स्थित आवास में एक तहखाना भी मिला है।
जांच दल ने पीयूष जैन के घर की दीवारों में कुछ और गुप्त लॉकरों की भी आशंका व्यक्त की है। इनका पता लगाने के लिए लखनऊ से आर्किटेक्ट और विशेषज्ञों की एक टीम बुलाई गई है।
बता दें कि कुछ समय पहले गुजरात में पकड़े गए ट्रकों में मिले फर्जी ई-वे बिल व फर्जी इनवाइस ने इत्र कारोबारी पीयूष जैन, ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन और शिखर पान मसाला के मालिकान के बीच चल रही सांठगांठ की पोल खोल दी। ट्रकों को पकड़ने के बाद डीजीजीआई की टीम ने लंबे समय तक रेकी की। इसके बाद बुधवार को सबसे पहले शिखर पान मसाला वालों और ट्रांसपोर्टर के यहां छापा मारा। यहां से पीयूष जैन के नाम से कई फर्जी बिल मिले। बस, यहीं से पीयूष टीम के निशाने पर आ गया। कन्नौज में कार्रवाई के दौरान उसके घर से मिली डायरी ने भी तीनों को घेरने का काम किया।
डायरी में इन दोनों के नाम के साथ ही उनसे लेनदेन, माल सप्लाई आदि का भी जिक्र है। सूत्रों के अनुसार गुजरात में पकड़े गए ट्रकों के बाद पता चला था कि माल लिखा पढ़ी में कहीं और दिखाया जाता था और असल में जाता कहीं और था। इसके बाद से डीजीजीआई की टीम ने निगरानी शुरू कर दी और पूरे सबूत जुटाने के बाद कार्रवाई की। हालांकि इतने बड़े पैमाने पर कैश मिलने से अफसर भी हैरान हैं। जांच में पता चला कि ज्यादातर कारोबार कैश में किया जाता था। अलग-अलग स्थानों पर जाने वाले माल में कमीशन भी लिया जाता था। हर दिन बड़ी संख्या में ट्रकों की लोडिंग-अनलोडिंग दिखाई जाती थी।
जानकारी के मुताबिक ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन का विवादों से पुराना नाता रहा है। उन पर और उनके गुर्गों पर अगस्त में स्टेट जीएसटी अफसरों के ऊपर फायरिंग करके सुपारी लदा ट्रक छुड़ाने का आरोप लगा था। स्टेट जीएसटी के अफसरों ने फतेहपुर में रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी।
जीएसटी-आयकर अफसरों ने किया सहयोग
डीजीजीआई की कार्रवाई में आयकर, जीएसटी, कस्टम के अफसरों ने भी सहयोग किया था। डीजीजीआई की कार्रवाई खत्म होने के बाद आयकर और ईडी इसकी जांच शुरू कर सकते हैं। गुरुवार के छापे में डीजीजीआई के अफसरों के कहने पर एसबीआई के अफसरों ने रुपये गिनने में मदद की। 17 मशीनों से रुपये गिने जा रहे हैं। रुपयों को रखने के लिए 80 स्टील के बक्से मंगाए गए और 1200 रुपये भाड़े में एक कंटेनर मंगाया गया था। इसकी मदद से बक्सों में कैश एसबीआई में जमा कराया गया।
जांच के बाद पता चलेगा कारोबार दायरा
गुरुवार को 150 करोड़ से ज्यादा कैश मिलने के बाद इत्र कारोबारी, शिखर पान मसाला के मालिकों और ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन पर और शिकंजा कसा गया और अब तक 258 करोड़ की जब्ती कर ली गई है। चूंकि इत्र कारोबारी का करोबार विदेश तक फैला है इसलिये जांच का दायरा अभी और भी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
अनुमान किया जा रहा है कि आयकर और ईडी की जांच शुरू होने पर विदेशी लेन-देन, बैंक लॉकरों, संपत्तियों का खुलासा भी हो सकेगा। एक समय में शिखर पान मसाला का शहर में बड़ा काम था। काम बढ़ने के बाद कंपनी नोएडा में शिफ्ट हो गई लेकिन अभी भी शहर में बड़े स्तर पर इसका कारोबार किया जा रहा है।