12 राज्यों के 100 से अधिक युवा शिविरार्थी स्वाध्याय आश्रम पट्टी कल्याणा पहुंचे
आप गलत को गलत कहना सीखिए यदि आपमें गलत को गलत कहने का साहस नहीं होगा तो समाज की विषमताएं ऐसे ही चलती रहेंगी। सभी भाषाओं, वेशभूषा आदि का सम्मान करें यही भारत है।
जय जगत में विश्व बंधुत्व एवं विश्व कल्याण का दर्शन छुपा हुआ है हम जय जगत की आवाज बुलंद करेंगे।
राधा भट्ट
आज गांधी विचार राष्ट्रीय युवा शिविर में महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान आदि राज्यों से शताधिक युवा चार दिवसीय आवासीय शिविर स्वाध्याय आश्रम पट्टीकल्याणा में पहुंचे। शिविर का आरम्भ गांधी जी एवं स्वर्गीय सुब्बाराव जी के चित्र पर सूतांजलि एवं पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। उद्घाटन करते हुए राधा बहन भट्ट ने कहा हमें भारत को समझने की आवश्यकता है। राष्ट्र के अंदर प्रेम भाईचारा सद्भावना विश्व बंधुत्व की आवश्यकता है और यही राष्ट्र का मूल आधार है गांधीजी मजबूती का नाम है हमें नकारात्मकता छोड़कर गांधीजी के स्वतंत्रता स्वराज सर्व धर्म एवं भाई चारा के दर्शन के द्वारा देश को मजबूत करना है।
आप गलत को गलत कहना सीखिए यदि आपमें गलत को गलत कहने का साहस नहीं होगा तो समाज की विषमताएं ऐसे ही चलती रहेंगी। सभी भाषाओं, वेशभूषा आदि का सम्मान करें यही भारत है। राधा भट्ट वरिष्ठ गांधीजनों मे हैं। आप 70 वर्ष से अनवरत सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा रही है। देश के लगभग सभी प्रान्तों में गांधी विचार प्रसार के साथ सामाजिक कार्यों मे कार्य करती रही है। आप को बांग्लादेश राष्ट्रीय सम्मान के साथ ही अन्य बहुत सारे सम्मान प्राप्त हुऐ हैं। आपको गांधी कार्य का सर्वोच्च जमनालाल बजाज पुरस्कार भी प्राप्त है।
इस अवसर पर गांधी स्मारक निधि पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश पट्टी कल्याणा के अध्यक्ष संजय सिंह ने बताया की वरिष्ठ गांधीवादी स्व. एसएन सुब्बाराव भाई जी स्मृति में हम इस युवा पीढ़ी को गांधी विचार का प्रशिक्षण देने के साथ ही युवा पीढ़ी को देश की विविधता का जो दर्शन है उसका परिचय करवाया जा रहा है।
उद्घाटन सत्र में संस्था सचिव आनंद कुमार शरण ने सभी शिविरार्थियों एवं अतिथियों का स्वागत किया और गांधी स्मारक निधि के गठन एवं गांधी स्मारक निधि पट्टी कल्याणा की प्रवृत्तियों का विस्तृत परिचय दिया।
शिविर में आए हुए शिविरार्थियों के सात दल बनाकर उन्हें योग- प्राकृतिक चिकित्सा, वर्ग चर्चा, सम्वाद एवं गांधी विचार की जानकारी दी गई।
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