ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन सफलता के कगार पर ,कोरोना वायरस के इलाज की उम्मीद
—डा चन्द्रविजय चतुर्वेदी ,प्रयागराज
दुनिया भर में कोरोना महामारी से निजात पाने के लिए कोरोना वैक्सीन बनाने का कार्य युद्ध स्तर परचल रहा है। लोगों को वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार भी है। पिछले रविवार को चिकित्सा क्षेत्र कीप्रभावशाली पत्रिका -दी लैंसेट के संपादक रिचर्ड हार्टन का एक ट्यूट सारे विश्व में चर्चा का विषय बनगया जिसमे कहा गया था –कल वैक्सीन ,बस कह रहा हूँ। प्रतीत होता है की ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन कुछक्रांति करने वाली है।कोरोना वायरस का ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन जिसका नाम है –सीएच ऐ डी -ओ ए क्स -1 –एन सी ओ वी-19 के पहले चरण का मानव ट्रायल सफल और सुरक्षित रहा। ब्रिटेन के मेडिकल जर्नल -दी लैंसेट केअनुसार मानव ट्रायल के पहले चरण में 1107 लोगों को बूस्टर खुराक दी गई थी जिससे शतप्रतिशत रक्तमें न्युट्रिलाइजिंग एंटीबॉडी बानी। इस प्रकार यह वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित ही नहीं ,सहनशील औरप्रतिरक्षात्मक भी है।
ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय ने ऐस्ट्रा जेनेका के सहयोग से दस करोड़ वैक्सीन खुराकका लक्ष्य रखा है। इस अभियान के प्रमुख शोधकर्ता प्रो ऐन्दू पोलार्ड को भरोसा है की दूसरे खुराक मेंबेहतर नतीजे की उम्मीद है उसके बाद ही यह सफल वैक्सीन कही जायेगी। डब्लू एच ओ ने शुरुआती ट्रायल में मिले अच्छे परिणामों की प्रशंसा की है परन्तु अभी बड़े पैमाने परपरीक्षण की आवश्यकता है। डब्लूएचओ दुनिया भर हो रहे वैक्सीन निर्माण की निगरानी कर रहा है। चीनकी सिनोबैक बायोटैक ब्राजील में तीसरे चरण के मानव परिक्षण की तैयारी में है। जर्मन कंपनी बिनोटेकफिजर के साथ मिलकर वैक्सीन विकसित कर रही है।
उल्लेखनीय है की भारत में भी दो वैक्सीन मानव ट्रायल के स्टेज पर हैं। आईसी एमआर ने तेरहअस्पतालों का चयन वैक्सीन के मानव परीक्षण के लिए किया था। वैक्सीन –कोवैक्सीन का ट्रायलसोमवार को ऐम्स दिल्ली में शुरू कर दिया गया है। सोमवार को हैदराबाद के निम्स में भी परिक्षण कीशुरुवात हो चुकी है। ऐम्स पटना और पीजीआई रोहतक में तो सत्रह जुलाई से ही परीक्षण प्रारम्भ है।कानपुर के प्रखर अस्पताल और गोरखपुर के राणा अस्पताल में भी शीघ्र ही परीक्षण प्रारम्भ होने वालाहै।