ओवैसी ने साधा प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने COVID-19 का हवाला देते हुए संसद के आगामी मानसून सत्र से प्रश्नकाल छोड़ दिया।
दूसरी ओर, छात्रों को जेईई (संयुक्त प्रवेश परीक्षा) और नीट (राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा) में भाग लेने के लिए मजबूर कर रहे है।
एक तरफ मोदी कोविड-19 के कारण प्रश्नकाल में जवाब नहीं देंगे, दूसरी तरफ छात्रों से जेईई-नीट में जाकर परीक्षा देने को बोल रहे हैं।
ओवैसी ने प्रश्नकाल के बारे में सवाल किए और पत्रकारों से बात करते हुए कहा, यह उनका शासन है।
हम सदन में न सवाल उठा सकते हैं न बहस कर सकते हैं
ओवैसी ने कहा, हमें नहीं पता कि हम कोविड-19 संकट पर सवाल उठा सकते हैं और पूर्वी लद्दाख में क्या हो रहा है इस पर बहस हो सकती है क्योंकि कोई प्रश्नकाल नहीं है।
सरकार अपनी बर्बर प्रधानता के साथ अध्यादेश को ला सकती है और कानून का निर्माण कर सकते हैं।
हैदराबाद के सांसद ने आगे कहा, एक आदर्श स्थिति में हमारे पास प्रश्नकाल होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कई देशों के प्रधानमंत्री कोरोना वायरस से जुड़े मुद्दों पर प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं।
हमारे प्जरधानमंत्बरी मोदी सिर्फ वीडियो संदेश देते हैं।
मानसून सत्र में ये बदलेगा
लोकसभा और राज्यसभा में 14 सितंबर से 1 अक्टूबर तक मानसून सत्र के दौरान भी कोई ब्रेक नहीं होगा।
दोनों सदन शनिवार-रविवार को भी काम करेंगे।
कोविड-19 महामारी को देखते हुए दो पालियों में सभा का आयोजन किया जाएगा।
सुबह 9 से दोपहर 1 बजे और दोपहर 3 बजे से 7 बजे तक।
सामान्य परिस्थितियों में लोकसभा में प्रश्नकाल पूर्वाह्न 11 बजे से 12 बजे के बीच होता रहा है।
इसके बाद शून्यकाल होता है, जिसमें सदस्य अपने क्षेत्र अथवा जनहित के दूसरे मुद्दे उठाते हैं।
लेकिन इस बार प्रश्नकाल को जहां नहीं रखा गया है, वहीं शून्यकाल को भी सीमित किया गया है।