अब चीन चला चांद को जीतने
दक्षिण चीन के हाई नान टापू पर स्थापित वन छांग उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से 23 नवंबर की सुबह साढ़े चार बजे चीन ने छांग अ अंतरिक्ष यान को प्रक्षेपित किया जो तीन सप्ताह के भीतर 800,000 किलोमीटर की यात्रा पूरी करने के बाद धरती पर लौटेगा।
लेकिन वह खाली नहीं लौटेगा। वह अपने साथ चांद की धरती का टुकड़ा भी लेकर आयेगा।
अगर यह अंतरिक्षयान अपने मिशन में सफल हुआ तो वह चांद की सामग्री लाने वाला चीन का पहला और 44 साल बाद विश्व का चौथा अभियान होगा। छांग का मतलब है महान या बड़ा या लंबा।
चीनी मिथकों में छांग अ चांद की एक राजकुमारी का नाम है। जिसे पहले हुंग अ कहा जाता था। लेकिन जब दो सम्राटों ने उस नाम को अपना लिया तो वह
वर्जित हो गया।
चीनी पेंटिंग में दिखाया जाता है कि छांग अ चांद की ओर तैरती हुई जा रही है और बहुधा उसकी पृष्ठभूमि में उसका महल होता है। अमरत्व की दवा तैयार करता हुआ खरहा भी रहता है।
अंतरिक्ष यान के सफल प्रक्षेपण को देखकर वुहान स्थित चीन के भूविज्ञान विश्वविद्यालय के खगोलीय भूविज्ञानी श्याओ लुंग की आंखें भर आईं। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को इससे बहुत लाभ होगा।
चांग अ-5 अंतरिक्ष यान का वजन 8,200 किलो है और उसके अंदर एक लैंडर ऐसेंडर,औरबिटर और रिटर्नर भी रखे हुए हैं।
चांद की कक्षा में पहुंचने के बाद लैंडर और ऐसेंडर चांद की सतह पर उतरेंगे।
इस मिशन में यूरोपियन स्पेस एजेंसी भी मदद कर रही है।इसकी सफलता के बाद अंतरिक्ष रोबोटिक्स का युग आ जायेगा।
हाईनान टापू की जगह द्वीप कहते ,तो ज़्यादा उपयुक्त होता। ये चांग अ -५ क्या है? इसे शायद छांग अ होना चाहिए था।