नेपाली कांग्रेस की जांच में नेपाली धरती पर चीन के कब्जे का खुलासा

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यशोदा श्रीवास्तव, नेपाल मामलों के विशेषज्ञ

काठमांडू। नेपाल सरकार के विदेश मंत्रालय ने चीन द्वारा नेपाली भूभाग पर कब्जा करने से साफ इनकार किया है।

वहीं कर्णाली प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस ने भौतिक निरीक्षण कर नेपाल विदेश मंत्रालय के दावे को भारी भरकम सबूतों के साथ फुस्स करते हुए सिद्ध किया है कि चीन ने अपने उत्तरी सीमा से लगे नेपाली भूक्षेत्रों पर कब्जा कर स्थाई निर्माण भी कर लिया है।

इसी के साथ नेपाल के ओली सरकार से सवाल भी किया है कि क्या नेपाल सरकार के सहमति से चीन नेपाली भूक्षेत्रों पर कब्जा कर रहा है?

कुछ दिनों से नेपाल के विपक्षी दलों द्वारा नेपाली भूक्षेत्र पर चीन के कब्जे का आरोप लगाया जा रहा है। लेकिन नेपाल सरकार और काठमांडू में चीनी दूतावास इसका खंडन करते रहे हैं।

चीन ने नेपाली धरती पर हुमला की लिमि घाटी में आधुनिक इमारतों का निर्माण भी कर लिया है।

विपक्ष के आरोप को निराधार बताते हुए नेपाल में चीनी दूतावास ने यह भी कहा कि नेपाल अपनी सीमा का निरीक्षण कर सत्यापन कर सकता है।

चीनी दूतावास के हां में हां मिलाते हुए नेपाल सरकार और विदेश मंत्रालय ने भी एक बयान जारी कर कहा  कि चीन द्वारा निर्मित भवन आदि सीमा से एक किलोमीटर दूर चीनी धरती पर स्थित है।

विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने भी बयान जारी कर कहा कि चीन ने सीमा पार नहीं की है। मुख्य विपक्षी दल ने सरकार के के बयान को “अपरिपक्व” कहा था।

नेपाली भूक्षेत्र पर चीनी कब्जा की जांच हुमला के मुख्य जिला अधिकारी के नेतृत्व में एक सरकारी दल ने भी किया लेकिन सरकारी दल की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं किया गया है।

नेपाली कांग्रेस के केंद्रीय सदस्य और पूर्व मंत्री जीवन बहादुर शाही की एक टीम ने मौके पर दौरा कर कहा है कि चीन जो नेपाल का उत्तरी पड़ोसी है, ने लूलांगजोंग, हुमला में नेपाली भूमि पर भौतिक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है।

शाही के नेतृत्व में एक दल, जो कर्णाली राज्य विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल के नेता भी है, सीमा क्षेत्र की निगरानी के बाद इस निष्कर्ष की रिपोर्ट सार्वजनिक किया कि चीन द्वारा नेपाली क्षेत्र का अतिक्रमण किया गया है।

नेपाली कांग्रेस की टीम ने ग्यारह दिनों तक चीन सीमा के पिलर नंबर 5 से  12 तक स्थलीय अध्ययन किया।

नेपाली कांग्रेस नेता शाही ने अपनी जांच में मिले सबूतों के साथ हुमला मुख्यालय सिमिकोट में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चीन के नेपाली क्षेत्र में अतिक्रमण करने का खुलासा किया।रिपोर्ट के अनुसार लोलुंगजोंग में चीनी सरकार द्वारा बनाए गए भौतिक ढांचे नेपाली क्षेत्र के भीतर हैं और यह सिद्ध होता है कि चीन द्वारा नेपाली क्षेत्र का अतिक्रमण किया गया है।

वार्ता और सुरक्षा व्यवस्था की सिफारिशें

शाही के अध्ययन दल ने सुझाव दिया है कि सरकार स्थानीय लोगों की भागीदारी के साथ चीन के साथ औपचारिक बातचीत के माध्यम से इस मुद्दे को हल कर सकती है।

सरकार को सीमा क्षेत्र में रहने वाले नेपालियों को सुरक्षा प्रदान करने का सुझाव भी दिया गया है।

अध्ययन दल ने निष्कर्ष निकाला है कि नेपाल को भी इस सीमा पर अपने सुरक्षा कर्मियों को तैनात करना चाहिए क्योंकि चीन के पास हर सीमा चौकी पर सुरक्षाकर्मी है।

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