नेहा राठौर और माद्री काकोटी के समर्थन में सिविल सोसाइटी का ज्ञापन, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर चिंता

नेहा और माद्री पर दर्ज एफ़आईआर के विरोध में पुलिस आयुक्त को सौंपा गया ज्ञापन

लोकगायिका नेहा राठौर और लखनऊ विश्वविद्यालय की शिक्षिका माद्री काकोटी के खिलाफ पहलगाम आतंकी हमले से जुड़े ट्वीट्स को लेकर दर्ज की गई FIR के विरोध में आज लखनऊ की सिविल सोसाइटी के एक प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस आयुक्त को ज्ञापन सौंपा।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख लोग:

  • प्रो. रूपरेखा वर्मा (पूर्व कुलपति, लखनऊ विश्वविद्यालय)
  • प्रो. रमेश दीक्षित
  • संस्कृतिकर्मी दीपक कबीर (इप्टा)
  • ट्रेड यूनियन नेता दिनकर कपूर
  • वंदना राय (एडवा)
  • शांतम (आइसा)
  • मीना सिंह (ऐपवा)
  • कांति मिश्रा (महिला फेडरेशन)
  • इमरान राजा (लखनऊ बचाओ संघर्ष समिति)
  • व्यंग्यकार राजीव ध्यानी

ज्ञापन में उठाए गए प्रमुख मुद्दे

प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन में कहा कि नेहा राठौर और माद्री काकोटी के खिलाफ दर्ज एफ़आईआर:

  • अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है।
  • लोकतांत्रिक मूल्यों और नागरिक अधिकारों का हनन है।
  • सत्ता के कार्यों पर सवाल उठाना, अन्याय के विरुद्ध बोलना और जनता की आवाज़ बनना हर नागरिक का संविधानिक अधिकार है।

मुख्य मांगें

ज्ञापन में मांग की गई कि:

  1. नेहा राठौर और माद्री काकोटी के खिलाफ दर्ज FIR को तुरंत रद्द किया जाए।
  2. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा हेतु संविधानिक मर्यादाओं का पालन किया जाए.

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