सुशांत की मौत का पूरा सच
अरुण अस्थाना, वरिष्ठ पत्रकार
देश का एक ख़ास तबक़ा जो अपनी संवेदनशीलता के लिए जाना जाता है, जो इंसानियत और इंसाफ़ के साथ खड़ा होता रहा है. वह सुशांत की मौत कांड को एक फ़िल्म के नाम की तरह शुद्ध देसी राजनीति के पैमाने पर ही तौल रहा है और सुशांत के परिवार के दर्द और मानवीय संवेदनाओं को अनदेखा कर रहा है. क्यों सिर्फ़ और सिर्फ़ राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित होकर बातें कर रहे हैं इस तबके के लोग?
https://khabar.ndtv.com/news/bollywood/sushant-singh-rajputs-postmortem-report-came-death-due-to-hanging-2246304
सुशांत की मौत के वाकए को समझने के लिए पहले मुंबई के फारमूलों को समझिए. दिल्ली में पावर से पैसा कमाया जाता है. मुंबई में पैसे से पावर जुटाई जाती है, इसे समझ लीजिए, सुशांत की मौत की गुत्थी काफ़ी कुछ समझ में आ जाएगी.
और-
एक सजग और संवेदनशील भारतीय नागरिक होने के नाते सवाल उठाइए. एक ही चश्मे से हर चीज़ को देखना बंद कीजिए. सिर्फ़ विचारधारा के आधार पर सच को नकारना अच्छा नहीं होता. पूरा सच जानने के लिए पूरा देखिए-