इतिहास में दर्ज होने के लिए मोदी भी ज़मीन में गाड़ेंगे टाइम कैप्सूल

राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल का खुलासा

(मीडिया स्वराज डेस्क)

अयोध्या.  राम मंदिर आंदोलन को  इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज कराने के लिए  एक टाइम कैप्सूल दो हज़ार फुट नीचे गाड़ा जाएगा.  यह फैसला हाल ही में श्री राम जन्म भूमि ट्रस्ट द्वारा लिया गया है।श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने पटना में पत्रकारों को विस्तार से इसकी  जानकारी दी.  यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है जिससे भावी पीढियां राम मंदिर को लेकर किसी कानूनी लड़ाई में न फंसे।

राजनीतिक टीकाकार याद दिला रहे हैं कि  वर्ष 1973 में 15 अगस्त को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लाल किला परिसर में 32 फ़ीट नीचे काल पत्र गाड़ा था. यह काल पत्र यानि टाइम कैप्सूल उस समय सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्ष के बीच सियासी खींचतान का प्रतीक बन गया था।

कामेश्वर चौपाल ने   कहा कि इस टाइम कैप्सूल यानि काल पत्र में अयोध्या, श्री राम और उनकी जन्मभूमि का उल्लेख होगा . यह वर्षों तक संरक्षित रह सकेगा। यह विचार पुराने अनुभवों से आया है क्योंकि यह देखा गया कि इसके अभाव में श्री राम मंदिर को लेकर एक लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी।

लम्बी क़ानूनी लड़ाई 

उन्होंने बताया कि यह लड़ाई पिछले 70 सालों से चल रही है और उस समय वह बालक थे। इस लड़ाई के दौरान पूर्वजों द्वारा छोड़े गए शिलापट्टों से कुछ सहायता अवश्य मिली। इसीलिए यह काल पत्र ज़मीन में गाड़ने का विचार आया है।

उन्होंने कहा कि इस टाइम कैप्सूल को मंदिर की नींव में 2000 फीट नीचे गाड़ा जाएगा। यह ताम्रपत्र पर लिखा हुआ एक कालपत्र होगा। जिसमें अयोध्या और भगवान राम का विवरण होगा। ताकि आने वाली पीढ़ी को कोर्ट में खड़ा न होना पड़े। इस काम के लिए विशेषज्ञों से भी राय ली गई, जिससे कम जगह में अधिक से अधिक बातों का उल्लेख किया जा सके और उसे वर्षों तक संरक्षित रखा जा सके।

ट्रस्ट ने  राम मंदिर निर्माण को चरणबद्ध तरीके से करने का निर्णय लिया है। जिसके पहले चरण के तहत  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को शिलान्यास करने जा रहे हैं। वहीं करीब 2.75 करोड़ की लागत से राम कथा पार्क के विस्तार की योजना है। इसके अलावा 54 करोड़ की पेयजल योजना, 16 करोड़ की लागत से तुलसी स्मारक भवन का आधुनिकीकरण और 252 करोड़ रुपये की लागत से अयोध्या को आजमगढ़ व बहराइच से जोड़ने वाली सड़क का चौड़ीकरण शामिल है।

अयोध्या के विकास की परियोजनाएँ 

5 अगस्त को जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा, उसमें स्वदेश दर्शन योजना का तहत लक्ष्मण किला घाट का निर्माण, 10 करोड़ की लागत का रामायण सर्किट प्रोजेक्ट, 7 करोड़ की लागत से नए बस स्टैंड का निर्माण, 7 करोड़ की लागत से पुलिस बैरिकेडिंग का कार्य, प्रशासनिक भवन का निर्माण, लाइब्रेरी, एकेडमिक ब्लॉक का निर्माण, छात्रावास का निर्माण आदि परियोजनाएं शामिल हैं। इसके अतिरिक्त 134 करोड़ रुपये की लागत से राजश्री दशरथ मेडिकल कॉलेज की स्थापना और प्लास्टिक सर्जरी व बर्न यूनिट की स्थापना का कार्य भी किया जा रहा है।

5 अगस्त को 326 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास किया जाएगा जबकि 161 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Back to top button