मायावती की कांग्रेस को चेतावनी, प्रियंका का पलटवार
(मीडिया स्वराज़ डेस्क)
नई दिल्ली, 29 जून 2020,: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने मायावती ने कांग्रेस पार्टी को साफ तौर पर चेतावनी दी कि वह बी.एस.पी. को ’’बीजेपी के हाथ का खिलौना’ व ’’बीजेपी का अघोषित प्रवक्ता’’ आदि कहने की गलत, बेतुकी व बेहूदी बातें तत्काल बन्द करे। बी.एस.पी. ना तो कभी कांग्रेस के हाथ का खिलौना रही है ना ही कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता कभी भी रही है और ना ही बीजेपी की है और ना ही आगे कभी ऐसा संभव है।
ऐसा कहकर मायावती ने हाल हाई में प्रियंका गांधी के परोक्ष आरोपों का जवाब दिया है.
एक लिखित वक्तव्य में सुश्री मायावती ने कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद/कब्जा/संघर्ष व कर्नल सहित 20 सैनिकों की शहादत व सम्बन्धित सीमा सुरक्षा आदि को लेकर सत्ताधारी बीजेपी व कांग्रेस पार्टी के बीच जो तकरार व आरोप-प्रत्यारोप लगातार हर दिन हो रहे हैं, वह अति-दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण हैं। साथ ही, इन पार्टियों के इस आपसी झगड़े में लगभग 125 करोड़ जनता से जुड़े जनहित के असली मुद्दे जैसे पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि व इसके कारण हर तरफ हर प्रकार की बढ़ रही महंगाई जिससे आम जन-जीवन त्रस्त है, के मामले दब कर गौण से हो गए हैं।
अपनी प्रेस विज्ञप्ति में सुश्री मायावती जी ने कहा कि बी.एस.पी. खासकर देश के गरीबों व दबे-कुचले शोषित लोगों के व्यापक हित व देशहित से जुड़ी एक सिद्धान्तवादी राष्ट्रीय पार्टी व मूवमेन्ट है और खासकर देशहित व देश की रक्षा व सुरक्षा से सम्बन्धित मामलों में केन्द्र के साथ ही खड़ी रहती है, चाहे वह किसी भी पार्टी की सरकार केन्द्र में रही हो।
जब कांग्रेस पार्टी केन्द्र की सत्ता में थी तो बी.एस.पी. ने देशहित के हर मामले में उसका साथ दिया और अब जबकि बीजेपी केन्द्र की सत्ता में है, तो चीन के साथ जारी सीमा विवाद व संघर्ष के मामले में वह उसके साथ है, क्योंकि देश की रक्षा व सीमा की सुरक्षा के मामले में सर्वाधिक दायित्व व असली संवैधानिक जिम्मेदारी केन्द्र सरकार की ही बनती है। इसलिए चीन के साथ सीमा विवाद व संघर्ष के मामले में अगर कांग्रेस पार्टी सोचती है कि बी.एस.पी. उसका साथ देकर केन्द्र सरकार से उसकी तरह ही तू-तू, मैं-मैं करेगी तो यह सम्भव नही हैं। एक असली अम्बेडकरवादी पार्टी का यह स्वभाव नहीं हो सकता है।
इसके साथ ही, सुश्री मायावती ने कहा कि देश को ’’आत्मनिर्भर’’ बनाने की कोशिश अच्छी बात है, लेकिन इसके नाम पर केन्द्र व राज्य सरकारें जो भी योजनायें चला रही हैं वे पूरी निष्ठा, ईमानदारी व निष्पक्षता के साथ जमीन पर अमल में नहीं लाई जा रही हैं। लोगों का यह कहना है कि इसमें पक्षपात किया जा रहा है। इनका लाभ सर्वसमाज के गरीबों व अन्य अति-जरूरतमंद लोगों को सही से पूरा नहीं मिल रहा है, बल्कि जिस राज्य में जिस पार्टी की सरकार है वह अपने-अपने हिसाब से अपने लोगों को ही ज्यादातर इसका लाभ दे रही है। इस सम्बंध में यू.पी. से भी काफी शिकायतें मिल रही हैं जबकि इन योजनाओं को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लागू करने की सख्त जरूरत है। इन योजनाओं के केवल प्रचार करने व इन्हें लांच करने से काम नहीं चलेगा बल्कि इसको निष्पक्ष तौर पर जमीनी हकीकत में बदलना होगा, जिसके लिए इन योजनाओं की मानिटरिंग भी बहुत जरूरी है जिसकी व्यवस्था केन्द्र सरकार को जल्द से जल्द करनी चाहिए, यह बी.एस.पी. की माँग है।
प्रियंका का पलट जवाब
मायावती के बयान के तुरंत बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर जवाब दिया, ” जैसे कि मैंने कहा था कि कुछ विपक्ष के नेता भाजपा के अघोषित प्रवक्ता बन गए हैं, जो मेरी समझ से परे है।इस समय किसी राजनीतिक दल के साथ खड़े होने का कोई मतलब नहीं है। हर हिंदुस्तानी को हिंदुस्तान के साथ खड़ा होना होगा, हमारी सरजमीं की अखंडता के साथ खड़ा होना होगा।और जो सरकार देश की सरज़मीं को गँवा डाले, उस सरकार के ख़िलाफ़ लड़ने की हिम्मत बनानी पड़ेगी।”