गणित –विज्ञान के अभिव्यक्ति की भाषा है
गणित दिवस पर विशेष
डा चन्द्रविजय चतुर्वेदी ,प्रयागराज
![Chandravijay Chaturvedi](https://mediaswaraj.com/wp-content/uploads/2020/11/Dr.-Chandra-Vijaya.jpg)
22 दिसंबर महान गणितज्ञ ,श्री निवास रामानुजन की जयंती है ,जिसे राष्ट्रिय गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है। रामानुजन गणित के पर्याय थे ,उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कुछ चर्चा की जाए की गणित क्या है।?
मानव मन की चरम परिणीति इस संसार को जानने की होती है जिसे वह सत्य की खोज कहता है। मन और सृष्टि के साथ तादात्म्य स्थापित करते हुए मानव सत्य की खोज अनेक प्रकार करता है। कवि सत्य की अभिव्यक्ति कविता के माध्यम से करता है ,योगी साधना से ,संगीतकार संगीत से सत्य की ओर उन्मुख होता है। गणितज्ञ गणित के माध्यम से सत्य की अभिव्यक्ति करता है।
वस्तुतः गणित विज्ञान की वह भाषा है जो वैज्ञानिक नियमों को सिद्धांतों को प्रतिपादित करता है। गणित परम सत्य ,चरम सत्य के अभिव्यक्ति की भाषा है जो यह प्रतिपादित करता है की कैसे गुरुत्व के सहारे एयरक्राफ्ट आकाश में गमन कर रहे हैं ,शरीर के भीतर प्रोटीन के घुमाव कैसे हो रहे हैं। जल प्रवाह की गति से कैसे विद्युत् उत्पादन हो सकेगा। गणित की शाखा ज्योमेट्री ने तो बिना पहाड़ पर चढ़े ही पहाड़ की ऊंचाई बता दी। विशाल नदियों की गहराई की बात तो छोड़ ही दीजिये नक्षत्रों के मौन निमंत्रण को गणित की भाषा ने मौन नहीं रहने दिया।
विज्ञान की कोई भी शाखा हो रसायन हो भौतिकी हो , इंजीनियरिंग हो ,चिकित्साविज्ञान हो ,अंतरिक्ष विज्ञानं हो सभी के गूढ़ार्थों की व्याख्या गणित की भाषा से ही संभव हो सका। गणित ने ही जैववैज्ञानिकों को यह सामर्थ्य दी जिससे वे जान पाए की जीन और प्रोटीन के रहस्य क्या हैं। गणित की भाषा ने ही आकाशगंगाओं और ब्लैकहोल की करतूतों का पर्दाफाश किया। विज्ञानं के अतिरिक्त आज आर्थिक और सामाजिक जगत में जो कमाल हो रहे हैं वह गणित के कारण ही संभव हो पा रहा है।
गणित सत्य के उदघाटन की वह पवित्र भाषा है जो प्रकृति के शाश्वत नियमों को उदघाटित करता है जिसपर मन और बुद्धि का अहंकार हावी नहीं होता। कवि और चित्रकार अथवा संगीतकार ,योगी मन और बुद्धि का अहंकार हावी हो सकता है। आज की दुनिया जो अनुभवजन्य है ,प्रयोगात्मक है उतना ही वह थ्योरेटिकल भी है। इस दुनिया के लिए यह आवश्यक है की तथ्य ,परिकल्पना ,सुझाव ,विश्वास ,आस्था जैसे मूल्यों में स्पष्ट अंतर समझा जाये इसी से वैज्ञानिक सोच विक्सित हो सकती है ,गणित इसके लिए उपयोगी है।