मैंगो बाबा एप से घर बैठे लीजिए सैनिटाइज आम का मज़ा
लखनऊ. अगर आप भी आम के शौकीन हैं तो ये खास खबर आपके लिए ही है। कोरोना काल में जहां हर एक चीज़ सैनिटाइज होकर इस्तेमाल की जा रही है, वहाँ आपके घर तक सैनिटाइज आम पहुँचाने के लिए मैंगो बाबा एप मार्केट में आ चुका है। आपको बस इसे अपने मोबाइल में डाउनलोड करके अपनी मनपसंद वैरायटी के आम का आर्डर प्लेस करना है और आपके घर तक आम पहुंच जाएगा।
वहीं, अगर आप आम के बाग लगाने जा रहे हैं या आपके पास आम की लंबी चौड़ी बाग है, तो भी ये एप आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। राजधानी स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान ने इसे आम के शौकीनों और आम किसानों दोनों को ध्यान में रखकर लांच किया है।
‘मैंगो बाबा’ मोबाइल एप ना केवल स्वादिष्ट एवं उत्तम क्वालिटी के आम बल्कि संस्थान के उद्यमियों द्वारा बनाए गए आम के संबंधित प्रोडक्ट्स को भी उपलब्ध कराने में मददगार साबित हो रहा है। आम की विभिन्न किस्मों की आइसक्रीम सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकेगा। आम की सप्लाई चेन से जुड़े लोगों के लिए तो यह ढेर सारा पैसा कमाने का अवसर उपलब्ध कराने जा रहा है।
केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ के निदेशक डॉ राजन ने बताया कि बागों से आमों को तोड़ने के बाद उनकी भली-भांति सफाई एवं हॉट-वॉटर ट्रीटमेंट द्वारा जीवाणु रहित करके पैक किया जाता है। इन आमों को कार्बाइड के बिना इथाईलीन गैस द्वारा पकाया जाता है। आमो की तुड़ाई से लेकर पैकेजिंग को संस्थान द्वारा दी गई सलाह के अनुसार किया जाता है। यह आम अधिकतर उन बागों से होते हैं, जहां पर संस्थान द्वारा की गई संस्तुतियों के अनुसार कीटनाशकों का छिड़काव किया गया हो। संस्थान कम से कम कीटनाशकों के प्रयोग के ऊपर विशेष जोर देता है और यह सब एक विशेष प्रकार के स्प्रे शेड्यूल द्वारा संभव हो पाता है। उन्होंने बताया कि संस्थान ने फार्मर फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत किसानों को कार्बाईड एवं कीटनाशक रहित आम उत्पादन करने का प्रशिक्षण दिया था। इस ऐप के उद्यमियों को उन किसानों से लिंक करके अच्छी क्वालिटी के आमों को ग्राहकों तक पहुंचाने में संस्थान गाइडलाइन प्रदान करता है। संस्थान द्वारा हॉट वॉटर ट्रीटमेंट, फलों की धुलाई एवं पैकेजिंग की अन्य प्रक्रियाओं को ऑटोमेटिक मशीन द्वारा संपादित करने की सुविधा भी प्रदान की गई है। फलों की धुलाई से लेकर पैकेजिंग के विभिन्न चरणों से सम्बन्धतित सावधानियों से उद्यमियों को संस्थान के मेंटर्स की देख रेख में कराया जा रहा है। उद्यमी केवल ऐप का ही व्यावहारिक प्रयोग नहीं कर रहे हैं बल्कि इसकी सहायता से आम की पूरी सप्लाई चेन को दृढ़ता प्रदान करना संभव हो पा रहा है। संस्थान इसका उपयोग करके मलिहाबाद की अनेक दुर्लभ आम की किस्मों की बिक्री के लिए प्रयत्न कर रहा है। यह अनोखी आम की किस्में लखनऊ के बाजारों में उपलब्ध नहीं है परंतु मलिहाबाद के बागवान इनसे रूबरू हैं और इनके स्वाद एवं अन्य खासियत के बारे में भी जानते हैं। उपभोक्ताओं को निकट भविष्य में इन उम्दा किस्म को खरीदने का अवसर इस ऐप के माध्यम से ही दिया जाएगा। ज्यादातर आम का व्यवसाय दशहरी, चौसा लंगड़ा और लखनउवा के ऊपर निर्भर है। अन्य किसानों को मंडी में कोई स्थान नहीं मिल पाता है। यदि यह किस्में मंडी तक पहुंच भी जाएं तो दाम इतना कम होता है कि किसान असंतुष्ट रह जाता है। यह अनोखी एवं महत्वपूर्ण किस्में मलिहाबाद क्षेत्र के लिए विरासत हैं और यदि इन्हें बचाने के लिए इनकी बिक्री के बारे में ना सोचा गया तो निकट भविष्य में किसान इन किस्मों को अपने बागों में स्थान देने से कतराएंगे। बदलते परिदृश्य में इन कम प्रचलित आम की किस्मों की मांग बढ़ाने के लिए मैंगो बाबा ऐप कारगर सिद्ध होगा। संस्थान किसान एवं उद्यमियों के साथ मिलकर इस पर कार्य करने की योजना बना रहा है।
उन्होंने बताया कि मैंगो बाबा ऐप किसानों को मंडी तक जाने की जहमत से बचा सकता है। इसके साथ ही साथ ग्राहकों को भी उनके दरवाजे पर अच्छी क्वालिटी के आम उपलब्ध कराएगा| इस ऐप के द्वारा विभिन्न प्रकार के आम एवं उस से बने उत्पादों को ग्राहकों तक पहुंचाने एवं उद्यमियों को उचित दाम मिलाने के उद्देश्य की पूर्ति होगी।