हाथरस पीड़िता के परिजनों के नार्को टेस्ट के निर्णय पर माले को आपत्ति

कहा, यह परिवार का दोहरा उत्पीड़न, सीएम डीएम को क्यों बचा रहे, महिला सुरक्षा में नाकाम सीएम खुद कुर्सी कब छोड़ेंगे?

लखनऊ। भाकपा (माले) ने हाथरस कांड में मृत पीड़िता के परिजनों के नार्को टेस्ट कराने के मुख्यमंत्री के निर्णय पर सवाल उठाया है। पार्टी ने इसे पीड़ित परिवार का दोहरा उत्पीड़न बताते हुए निर्णय वापस लेने की मांग की है।

शनिवार को जारी बयान में पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि हाथरस गैंगरेप के आरोपियों के परिजनों की मीडिया तक पहुंच है, लेकिन मृतका के परिजन मीडिया की पहुंच से दूर घर में नजरबंदी की स्थिति में क्यों हैं? उनके घर की किलेबंदी कर पूरे गांव को पुलिस छावनी में क्यों तब्दील कर दिया गया है और परिजनों के फोन तक क्यों टेप किये जा रहे हैं? आखिर रातोंरात पीड़िता के शव को जला कर सबूत नष्ट करने के बाद देश-दुनिया की नजर से अब और क्या छुपाया जा रहा है?

सुधाकर यादव ने मुख्यमंत्री से पूछा कि हाथरस के जिलाधिकारी को क्यों बचाया जा रहा है, जिन्होंने पीड़िता के पिता को न सिर्फ धमकाया, बल्कि परिजनों को लात मारी? एफआईआर दर्ज करने व इलाज में शिथिलता बरतने से लेकर माता-पिता की बिना अनुमति के पीड़िता का जबरन दाह संस्कार करने का आदेश देने वाले ‘ऊपर’ के अधिकारियों को दंड कब मिलेगा? पीड़िता के बयान के बावजूद गैंगरेप को नकारने वाले एडीजीपी (एलओ) के विरुद्ध भी क्या कार्रवाई होगी? ऐसे मामलों में क्या कुछ पुलिस वालों का निलंबन ही पर्याप्त है?

अंत में माले राज्य सचिव ने कहा कि प्रदेश भर में खासकर दलित महिलाओं के साथ अपराधों की बाढ़ क्यों आई है? उन्होंने पूछा, “सर्वोपरि, महिलाओं की सुरक्षा करने में नाकाम मुख्यमंत्री कुर्सी कब छोड़ेंगे?”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Back to top button