शिव अनंत हैं
शिव अनंत हैं
वो जितने सरल हैं
उससे कहीं ज्यादा गूढ़ भी हैं
वो औघड़ हैं, अविनाशी हैं।
वो प्रेमी हैं,
सन्यासी हैं।
वो मतवाले और निराले हैं।
वही हलाहल गरल पिएं।
और वही सृष्टि संहार करें।
वही प्रेम का पूरक हों अर्धनारीश्वर अवतार धरें।
अपनी जटा पर गंगा समाये।मानव का उद्धार करें।
शिव ही शक्ति के साध्य रहेजन-जन के आराध्य रहे।
महादेव हैं,
धूनी रमायें कभी चिता की भस्म लपेटेंकभी डमरू से हैं नाद करें।
प्रेम का ऐसा अलख जगाया
शिव में सारा जगत समाया
चेतन से अवचेतन तक हर कंकड़ में शिव वास करें।
वही सनातन, वही नित्य हैं।
शिव ही सुंदर, शिव ही सत्य हैं।
नमः पार्वती पतये हर-हर महादेव महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं।
-21 फरवरी 2020© दीपक गौतम स्वतंत्र पत्रकार, सतना, मध्यप्रदेशसंपर्क : 992380013
परिचय : मध्यप्रदेश के सतना जिले के छोटे से गांव जसो में जन्म. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग से 2007-09 में ‘मास्टर ऑफ जर्नलिज्म’ (एमजे) में स्नातकोत्तर. मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में लगभग डेढ़ दशक तक राजस्थान पत्रिका, दैनिक भास्कर, राज एक्सप्रेस और लोकमत जैसे संस्थानों में मुख्यधारा की पत्रकारिता. लगभग डेढ़ साल मध्यप्रदेश माध्यम के लिए क्रिएटिव राइटिंग। इन दिनों स्वतंत्र लेखन में संलग्न. बीते 15 सालों से शहर दर शहर भटकने के बाद फिलवक्त गांव को जी रहा हूं. बस अपनी अनुभितियों को शब्दों के सहारे उकेरता रहता हूं. ये ब्लॉग उसी का एक हिस्सा है.