लोहिया पार्क, हरियाली, आक्सीजन और राजशेखर का नज़रिया
राम दत्त त्रिपाठी, वरिष्ठ पत्रकार, लखनऊ
लखनऊ के गोमती नगर का लोहिया पार्क. आक्सीजन से भरपूर. लोग सुबह शाम सैर के लिए जाते हैं. युवा लोगों के लिए मिलन स्थल भी है. बहुत सम्भव है आप घूमने जाते होंगे या एक दो बार गए होंगे. नहीं गए होंगे तो आते – जाते सड़क से देखा होगा. लेकिन यह दृश्य जो राज शेखर जी ने अपने सोशल मीडिया ट्विटर के माध्यम से दिखाया है वह बिलकुल अलग है. आकाश से. आकाश से तो बहुत पक्षियों ने भी इसे देखा होगा और उनके स्मृति बैंक में मी होगा भी, पर हम वह तो देख नहीं सकते. यह ड्रोन कैमरे के ज़रिए लिया गया वीडियो हैं.
राज शेखर जी को तो आप जानते भी होंगे. आई एस एस अफ़सर हैं. लखनऊ के लोक प्रिय ज़िला मजिस्ट्रेट रहे. अब परिवहन निगम के एम डी के तौर पर भी काफ़ी सक्रिय हैं.
कभी – कभी सबका मन करता है कि समय थम जाए और मन रम जाए. ऐसे में सारी थकान दूर हो जाती है. तनाव मिट जाता है. नए विचार आते हैं.
मुझे ध्यान है एक बार हमने गुलिस्ताँ क्लब के कार्यक्रम में तत्कालीन मुख्य सचिव योगेन्द्र नारायण जी को बुलाया था और स्वागत भाषण में मैंने उनसे निवेदन किया था कि अपना दफ़्तर और सचिवालय शाम को जल्दी बंद कर दिया करें ताकि लोग परिवार के साथ समय बिताएँ, सैर करें या थिएटर जाएँ.
लम्बे अरसे तक बंगाल के मुख्यमंत्री ज्योति बसु के बारे में कहते हैं कि वे शाम पाँच बजे के बाद किसी अधिकारी को फ़ोन भी नहीं करते थे.
गुलिस्ताँ क्लब का प्रसंग आया तो एक बात और बताते चलें, हमारे मित्र राम मोहन मिश्र आई ए एस यहाँ से शिफ़्ट होकर गोमती नगर सी एस आई टावर रहने गए. हम लोग आई पी एस शैलजाकांत मिश्र की अगुवाई में हर रविवार श्रम दान के लिए जाते थे. गुलिस्ताँ क्लब और विधान सभा हाल में पोलिथिन प्रदूषण और गायों की मौत पर प्रदर्शनी भी लगायी थी. मतलब पर्यावरण और जल संरक्षण में हम लोगों की साझा दिलचस्पी थी.
एक दिन उनके घर की बालकनी में बैठकर चाय पीते – पीते मैंने उनसे कहा ये जो बबूल के पेड़ और हरा भरा ग्रीन बफ़र जोन है, इसे सुरक्षित रखने के लिए पार्क बनवा लीजिए, वरना इसे भी बिल्डर लोग कंक्रीट का जंगल बना देंगे. राम मोहन जी को आइडिया पसंद आया, फिर तो उन्होंने सराकर के भीतर ज़रूरी जगह पैरवी की. मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे. लोहिया जी का नाम जुड़ने से सरकार को भी आइडिया पसंद आ गया.
पार्क तो लखनऊ में बहुत बने, लेकिन जो बात लोहिया पार्क में है वह कहीं और नहीं. अब आप अपने मन को नीचे के वीडियो के सहारे सीधे लोहिया पार्क ले जाइए और वहाँ की हरियाली में खो जाइए. आप चाहेंगे तो वहाँ की ख़ुशबू भी महसूस कर सकते हैं. मन की शक्ति अपार है.
I LIKE THIS PLACE AND COULD WILLINGLY WASTE MY TIME IN IT.
-William ShakespeareThis Quote goes Perfectly well for Lohia park.
Few Relaxed Moments with “Leo” (Aryan).
A panoramic “Bird Eye View” of Lohia park by “Drone Camera”.
Happy “Sunday “? pic.twitter.com/94OHVj0Cht
— Raj Shekhar IAS (@rajiasup) June 14, 2020