आइए स्वस्थ समाज की ओर एक कदम और बढ़ाएं
नई दिल्ली। भारत के लोगो को सस्ती दवा दिलाने की दिशा में किए गए कार्य के लिहाज से यह एक ऐतिहासिक तस्वीर है। दिल्ली में पहली बार इस विषय पर परिसंवाद का आयोजन किया गया। इस आयोजन को दिल्ली में कराने का पूरा श्रेय Dr. Ranjeet Kant को जाता है। आज से 8 वर्ष पूर्व दिल्ली से निकली इस आवाज ने एक जनआंदोलन का रूप धारण कर लिया। ‘कंट्रोल मेडिसिन मैक्सिमम रिटेल प्राइस’ कैम्पेन की शुरुवात आज ही के दिन हुई। देखते-देखते देश की कई नामी गिरामी कंपनियों ने कैंसर की दवाइयों के दाम कम किये।
इतना ही नहीं दवाइयों के मूल्य को निर्धारित करने वाली सरकारी नियामक NPPA ने देश की कई नामी गिरामी कंपनियों पर ओवरचार्जिंग के मामले में जुर्माना लगाया।
महंगी दवाइयों के नाम पर मची लूट पर नकेल कसने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ बेंच के समक्ष नूतन ठाकुर ने जनहित याचिका लगाया। जरूरी दवाइयों की सूची को भारत सरकार ने 74 से बढ़ाकर 300 से ज्यादा कर दिया।
लोगों को सस्ती दवा मिल सके इसके लिए सरकार और समाज के स्तर पर जोर-शोर से काम हुए। सरकार ने जनऔषधि योजना को जमीन पर उतारने का संकल्प लिया तो दूसरी ओर कुछ उद्यमियों ने जेनरिक दवाइयों की अपनी अलग चेन की शुरुवात की। सबका मकसद एक ही है कि लोगो को सस्ती दवा मिल सके।
आज देश में 6700 से ज्यादा सरकारी जनऔषधि केंद्र खुल चुके है। करोड़ो लोगों को इसका फायदा मिला है। लाखो लोग गरीबी की बाढ़ में डूबने से बचे हैं। यह सब इसलिए संभव हो पाया क्योंकि देश में जागृति आई। आपलोगों ने इस आंदोलन को जन आंदोलन बनाया। आज जो भी बदलाव दिख रहा है उसका श्रेय स्वस्थ भारत परिवार को जाता है। आप मित्रो को जाता है।
हमने बिना किसी ज्ञापन के, बिना किसी धरना-प्रदर्शन के एक बड़ी लड़ाई को जीता है। आगे अभी बहुत कुछ बाकी है। शांति, सद्भाव, सहकार एवं उत्साह ही हमारी लड़ाई के साधन है। इसी से स्वस्थ समाज के अपने सपने को हम साकार कर सकते हैं।