लालू यादव की जमानत याचिका पर 11 दिसंबर तक टली सुनवाई

चारा घोटाला के चार मामलों में सजायाफ्ता राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर शुक्रवार को रांची हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। यह सुनवाई 11 दिसंबर तक के लिए टल गई है। लालू प्रसाद यादव ने झारखंड के दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में जमानत याचिका दाखिल की है।

शेष तीन मामलों में उन्‍हें जमानत मिल चुकी है। यदि हाईकोर्ट से उन्‍हें दुमका कोषागार के मामले में जमानत मिल जाती है तो वे जेल से बाहर आ जाएंगे। इसका बिहार की राजनीति पर बड़ा असर पड़ना तय है। लालू की जमानत याचिका पर बिहार की सियासत गर्म हो गई है। जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने लालू को राजनीति का कैंसर व कोढ़ बताते हुए उनकी जमानत का विरोध किया है।

जेडीयू ने लालू को बताया राजनीति का कैंसर
लालू को जमानत के मामले में बिहार में सियासत गर्म हो गई है। जेडीयू विधान पार्षद (MLC) व पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने अपने ट्वीट में जमानत का विरोध करते हुए लिखा है कि लालू प्रसाद यादव पर एक और मुकदमा दर्ज हो गया है।

ट्वीट में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक को फोन कर राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश तथा बार-बार जेल मैनुअल के उल्लंघन पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के मुख्य न्यायाधीश (CJI) से हस्तक्षेप की मांग की गई है। उन्‍होंने लालू प्रसाद यादव को आदतन अपराधी भी कहा है। जेडीयू नेता संजय सिंह ने लालू प्रसाद यादव के जेल मैन्युअल के उल्लंघन का हवाला देते हुए कहा है कि उन्‍हें जमानत नहीं मिलनी चाहिए। उन्‍होंने लालू को राजनीति का कैंसर और कोढ़ भी बताया है।

आरजेडी ने भी किया जेडीयू पर पलटवार
संजय सिंह के बयान पर आरजेडी प्रवक्ता एज्या यादव ने ऐसी अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल नहीं करने की नसीहत दी है। कहा कि राजनीति के कैंसर व कोढ़ तो जनादेश की चोरी-डकैती कर सत्ता पाने वाले लोग हैं। एज्‍या ने लालू यादव को गरीबों के मसीहा बताया है।

राबड़ी बोलीं: वे कोर्ट का करतीं सम्मान
शुक्रवार को लालू प्रसाद यादव को जमानत नहीं मिल सकी। अब मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी। लालू को जमानत मिल जाती है तो उनके जेल से बाहर आने का रास्‍ता साफ हो जाएगा। जमानत की बंदिशें रहेंगी, लेकिन यह आरजेडी के लिए यह किसी संजीवनी से कम नहीं होगा। लालू की मौजूदगी में विपक्षी महागठबंधन (Mahagathbandhan) को मजबूती मिलने की उम्‍मीद है। लालू की पत्‍नी व पूर्व मुख्‍यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा है कि वे कोर्ट के फैसले का सम्‍मान करतीं हैं। आरजेडी नेता मृत्‍युंजय तिवारी व भाई वीरेंद्र भी कहते हैं कि उन्‍हें लालू यादव को जमानत मिलने की पूरी उम्‍मीद है।

कोर्ट ने 11 दिसंबर तक टाली सुनवाई
विदित हो कि लालू प्रसाद यादव को झारखंड में दर्ज चारा घोटाला के पांच मामलों में से चार में सीबीआइ की विशेष अदालत ने सजा दे दी है। उन मामलों की अपील रांची हाईकोर्ट में लंबित है। जबकि, डोरंडा कोषागार से संबंधित पांचवे मामले में अभी सीबीआइ कोर्ट में सुनवाई चल रही है। जिन चार मामलों में लालू प्रसाद यादव को सीबीआइ कोर्ट ने सजा दी है, उनमें से तीन में हाईकोर्ट ने उन्हें आधी सजा काट लेने के आधार पर जमानत दे दी है।

उन्‍होंने इसी आधार पर दुमका कोषागार के मामले में भी जमानत मांगी है। साथ ही उन्‍होंने अपने खराब स्‍वास्‍थ्‍य का भी हवाला दिया है। शुक्रवार को जमानत का विरोध करते हुए सीबीआइ ने कहा कि सीबीआइ कोर्ट ने दुमका कोषागार मामले में लालू प्रसाद यादव को दो अलग-अलग मामलों में सात-सात साल की सजा सुनायी है। कोर्ट ने दोनों सजाएं एक साथ चलाने का आदेश नहीं दिया है। इस कारण लालू प्रसाद यादव ने दुमका कोषागार के मामले में एक दिन की सजा भी नहीं काटी है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने सुनवाई 11 दिसंबर तक टाल दी है।

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