IFSO ने बुल्ली बाई ऐप के मुख्य साजिशकर्ता की असम से की गिरफ्तारी

बुल्ली बाई ऐप

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा IFSO (Intelligence Fusion and Strategic Operations unit) ने बुल्ली बाई ऐप (Bulli Bai App) मामले में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। IFSO ने गुरुवार को बुल्ली बाई ऐप (Bulli Bai App) के पेज को github के जरिए बनाने वाले और ट्विटर पर यह अकाउन्ट चलाने वाले मुख्य आरोपी नीरज बिश्नोई को गिरफ्तार करने का दावा किया है।

सूत्रों की मानें तो आरोपी नीरज बिश्नोई ने पूछताछ में बताया कि उसे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है, बल्कि उसने जो किया ठीक किया। शुरुआती पूछताछ में नीरज की बातों से लगता है कि उसे पूरी मुस्लिम कम्युनिटी से नाराजगी थी और वह उन महिलाओं को टारगेट करता था, जो सोशल मीडिया अकाउंट पर मुस्लिम आइडियोलॉजी के साथ काफी ऐक्टिव रहती थीं।

केस को पूरी तरह सुलझाया गया

IFSO यूनिट, जिसे साइबर सेल भी कहा जाता है, के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा के मुताबिक आरोपी नीरज बिश्नोई बुल्ली बाई ऐप (Bulli Bai App) का मुख्य साजिशकर्ता और क्रिएटर है। इसी ने इस ऐप को बनाया है। आरोपी नीरज को आसाम के जोरहट से गिरफ्तार कर दिल्ली पुलिस ने इस केस को पूरी तरह सुलझा लेने का दावा किया है।

दिल्ली की एक ​मुस्लिम महिला पत्रकार ने साउथ ईस्ट दिल्ली पुलिस को शिकायत दी थी कि उसकी फोटो को @bullibai_ ट्विटर हैंडल और दूसरी जगह पर डाला गया, जिसके बाद साइबर सेल साउथ ईस्ट पुलिस ने केस दर्ज करके जांच शुरू की थी।

असम का रहने वाला है आरोपी

शिकायत दर्ज होने के बाद उस ट्विटर एकाउंट को ट्विटर ने सस्पेंड कर दिया और github platform से भी डिलीट कर दिया। इसके बाद टेक्निकल सर्विलेंस के जरिए आरोपी की पहचान की गई, जो असम का रहने वाला था। IFSO यूनिट के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा और एसीपी रमन लांबा के नेतृव में इंस्पेक्टर विजेंदर, सब इंस्पेक्टर नीरज की एक टीम का गठन करके आरोपी को पकड़ने के लिए असम रवाना किया गया। इस टीम ने असम में रेड्स की और नीरज बिश्नोई नाम के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

बीटेक में सेकेंड ईयर का छात्र है आरोपी

पूछताछ में आरोपी नीरज ने बताया कि इसी ने github पर बुल्ली बाई ऐप बनाया। साथ ही ट्विटर पर @bullibai_ एकाउंट भी इसी ने बनाया। आरोपी नीरज बिश्नोई कम्प्यूटर साइंस बीटेक में सेकेंड ईयर का छात्र है और भोपाल के वैलोर इंस्टीट्यट से पढ़ाई कर रहा था। पूछताछ में इसने बताया github अकाउंट ऐप नवंबर 2021 में डेवलप हुआ था और दिसंबर 2021 में इस ऐप को अपडेट किया गया। आरोपी नीरज ने बताया कि उसने @sage0x1 नाम से ट्विटर अकाउंट भी बनाया था।

Bulli Bai App Case का मुख्य साजिशकर्ता नीरज बिश्नाई : आरोपी नीरज ने बताया कि वह सोशल मीडिया के जरिए न्यूज में चल रही खबरों पर नजर बनाए हुआ था। उसने एक और ट्विटर अकाउंट @giyu44 बनाया और ट्वीट किया कि मुम्बई पुलिस ने गलत लोगों को गिरफ्तार किया है।

नीरज ने बनाया एक और ट्विटर अकाउंट

आरोपी नीरज ने बताया कि वह सोशल मीडिया के जरिए न्यूज में चल रही खबरों पर नजर बनाए हुआ था। उसने एक और ट्विटर अकाउंट @giyu44 बनाया और ट्वीट किया कि मुम्बई पुलिस ने गलत लोगों को गिरफ्तार किया है। फिलहाल मुम्बई पुलिस ने बेंगलुरू और उत्तराखंड से जिस महिला को गिरफ्तार किया है, सूत्रों के मुताबिक उनका डायरेक्ट लिंक नीरज से नहीं था और वे सोशल मीडिया के जरिए उससे सम्पर्क में रहते होंगे। उत्तराखंड से गिरफ्तार श्वेता ने भी अकाउंट बनाकर नीरज को दे दिया था, जिसे वो ही हैंडल कर रहा था।

सुल्ली डील्स’ मामले में कोई रोल नहीं

जांच के दौरान साइबर सेल ने यह भी पता लगाने की कोशिश की कि बुल्ली ऐप के अलावा 6 महीने पहले सुल्ली डील्स वाले केस से भी इनका संबंध तो नहीं है, लेकिन फिलहाल ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं।

बता दें कि github और ट्विटर ने इस जांच में पुलिस की कोई मदद नहीं की, ये गिरफ्तारी टेक्निकल सर्विलेंस के जरिए अंजाम दी गई है। आरोपी नीरज को IFSO यूनिट ने ड्यूटी मैजिस्ट्रेट के घर पर पेश किया और 7 दिन की पुलिस कस्टडी की मांग की है। जज ने आरोपी को 7 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया। IFSO यूनिट अब पुलिस कस्टडी में लेकर आरोपी नीरज से पूछताछ करेगी ताकि इसकी मंशा, मंसूबे और अगर इसका और भी कोई साथी है, तो उसका भी पता लगाया जा सके।

मुस्लिम महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा को बढ़ावा देना उद्देश्य

इधर, दिल्ली की एक मुस्लिम महिला पत्रकार का ऐप के जरिये उत्पीड़न की कोशिश के बाद पत्रकार संघ ने मुस्लिम महिलाओं को ऐप के माध्यम से निशाना बनाए जाने पर हैरानी और गुस्सा जताते हुए कहा, ‘यह दूसरी बार है जब मुस्लिम महिलाओं की सार्वजनिक ‘नीलामी’ हुई है। अगर पुलिस ने छह महीने पहले ऑनलाइन हुई कुख्यात ‘सुल्ली डील’ के दोषियों की पहचान कर ली होती, तो मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाने और उन्हें आतंकित करने की यह घटना दोहराई नहीं जाती।’

बता दें कि ‘बुल्ली बाई ऐप’ पर ‘नीलामी’ के लिए बिना इजाजत सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की छेड़छाड़ की गई तस्वीरें और विवरण डाले गए थे। एक साल से भी कम समय में ऐसा दूसरी बार हुआ है। पिछले साल जुलाई में ‘सुल्ली डील्स’ नामक ऐप पर इसी प्रकार की सामग्री डाली गई थी, और उस समय भी ऐसा ही विवाद उत्पन्न हुआ था।

1 जनवरी को महिला पत्रकार ने दर्ज की थी FIR

दिल्ली पुलिस ने एक वेबसाइट पर एक महिला पत्रकार की छेड़छाड़ की गई तस्वीर कथित तौर पर अपलोड करने को लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ एक महिला पत्रकार ने 1 जनवरी को एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पत्रकार ने इस सिलसिले में एक शिकायत दर्ज कराई थी और उसकी प्रति ट्विटर पर साझा की थी।

वहीं, इंडियन वीमेंस प्रेस कॉर्प्स ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए कहा कि गिटहब पर होस्ट किये गये बुल्ली बाई ऐप ऑनलाइन यौन हिंसा के बराबर है। इस तरह की ‘नीलामी’ स्पष्ट रूप से तस्करी और यौन अपराधों को बढ़ावा देती है।

लिंग आधारित हिंसा को बढ़ावा देने की सुनियोजित साजिश

संगठन ने अपने बयान में कहा, ‘यह बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण घटना है कि एक ऐप के में करीब 100 मुस्लिम महिलाओं के बारे में आपत्तिजनक बातें लिखीं गईं। बुल्ली बाई ऐप का आसान शब्दों में हम यही मतलब समझ रहे हैं कि इसका मकसद अल्पसंख्यक उत्पीड़न और मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ लिंग आधारित हिंसा को बढ़ावा देने की सुनियोजित साजिश है।’

संगठन ने कहा, ‘अपनी तस्वीरों के प्रकाशन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने वाली साहसी महिलाओं को हम सलाम करते हैं, जिन्होंने नफरत की साजिश में भी अपनी हिम्मत नहीं छोड़ी और इसके खिलाफ आवाज उठाई।’

संगठन ने कहा, ‘हम मुंबई, दिल्ली और हैदराबाद पुलिस से, जहां महिलाओं ने शिकायतें दर्ज कराई थीं, विषय पर तत्काल कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं।’ हालांकि मंगलवार के इस बयान के बाद इस मामले में कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं।

इसे भी पढ़ें:

बुल्लीबाई ऐप : उत्तराखंड से तीसरी गिरफ्तारी

Leave a Reply

Your email address will not be published.

sixteen − ten =

Related Articles

Back to top button