राजनैतिक हस्तक्षेप के ख़िलाफ़ हंगरी के पत्रकारों का सामूहिक त्यागपत्र

हंगरी की सबसे बड़ी स्वतंत्र समाचार एजेंसी के समूचे संपादक बोर्ड समेत ज्यादातर पत्रकारों ने आज इस्तीफा दे दिया। ऐसा दावा किया जा रहा है कि दो दिन पहले ही उक्त समाचार आउटलेट के प्रधान संपादक को राजनैतिक हस्तक्षेप की वजह से बर्खास्त कर दिया गया था। 

इंडेक्स डॉट एचयू (index.hu) के 90 सदस्यों वाले इस संपादकीय बोर्ड में से 70 सदस्य, जिसमे डेस्क संपादन करने वाले सभी पत्रकार भी शामिल हैं, ने एक साथ मिल कर शुक्रवार को अपना इस्तीफा सौंप दिया। बताया जा रहा है कि यह इस्तीफे प्रधान संपादक  स्ज़बोल्क डुल की बर्खास्तगी के विरोध स्वरूप दिए गए हैं।

इस्तीफा देने वाले पत्रकारों ने हंगेरियन और अंग्रेजी भाषा मे एक ‘खुला पत्र’ भी प्रकाशित किया जिसमें व्यवस्था पर आरोप लगाया गया है कि हंगरी में पत्रकारों के स्वतंत्र रूप से काम करने  में बाधा पहुचाई जा रही है।

समाचार समूह की उप संपादक वेरोनिका मुंक, जिनका इस संस्था के साथ जुड़ाव विद्यार्थी जीवन से लेकर अब तक यानी कुल 18 वर्षों का रहा है, ने बताया कि कल उनके समेत सभी पत्रकार जब न्यूज़रूम से इस्तीफा दे कर बाहर निकले तो सब की आंखें नम थीं। वह बताती हैं कि उन सब के पास इसके अलावा कोई चारा नही था क्योंकि ‘लक्ष्मण रेखा पार हो चुकी थी’।

‘रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स’ की रेटिंग के अनुसार हंगरी यूरोपीय संघ में प्रेस स्वतंत्रता के मामले में सबसे निचले स्तरों पर है। इंडेक्स नामक यह पत्रकारिता समूह हंगरी की आखिरी बची हुई स्वतंत्र न्यूज़ एजेंसी थी। पिछले एक दशक में, जब से धुर दक्षिणपंथी विचारधारा से ताल्लुक रखने वाले प्रधानमंत्री विक्टर ओरबन ने सत्ता सम्हाली है, मीडिया की स्वतंत्रता धीरे धीरे खत्म की जाने लगी। ज्यादातर मीडिया घराने या तो सरकार की बोली बोलने पर मजबूर हैं या फिर बंद करने पड़ गए हैं।

पुर्तगाल की यात्रा पर गए हंगरी के विदेश मंत्री पीटर शिजरटो ने मीडिया पर सरकारी दबाव की खबरों का खंडन किया है। उन्होंने इन सामूहिक इस्तीफों को सरकार को बदनाम करने की साज़िश बताया है। उधर इंडेक्स मीडिया समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी लाशोलो बोडोलै ने एक विज्ञप्ति जारी कर यह बताया कि संपादकीय कार्यों में सरकार के हस्तक्षेप वाले सारे आरोप बेबुनियाद हैं।

साल की शुरुआत में इंडेक्स मीडिया समूह के बड़े शेयर सरकार से नजदीकी रिश्ते रखने वाले एक व्यवसायी ने खरीद लिए थे। इसके बाद आज से एक महीने पहले ही वेबसाइट ने अपने फॉलोवर्स को यह चेतावनी दे दी थी कि उक्त खरीद के बाद से संपादकीय स्वतंत्रता खतरे में है। मुख्य संपादक डुल ने बुधवार को समूह से बाहर जाते समय अपने संवाद में यह कहा भी था कि ‘इंडेक्स समूह पत्रकारिता का एक मजबूत स्तंभ जैसा था, जिस को सरकार ढहा देना चाहती है’।

मुंक कहती हैं कि ‘हम अपने आगामी कदमों के बारे में सोच रहे हैं। भले ही हमारे पास लड़ने के लिए कोई प्लान न हो, हम सब पत्रकार एक हैं और यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। हम जानते हैं कि वर्तमान में मीडिया का जो हाल है, हमारी लड़ाई कठिन होने वाली है’।

हंगरी की जनता भी समाचार समूह के पत्रकारों की इस बगावत के समर्थन में दिख रही है। मीडिया की दुर्दशा के विरोध में राजधानी बुडापेस्ट में शुक्रवार को नागरिकों ने एक  विशाल ‘विरोध मार्च’ भी किया है।

One Comment

  1. क्या ऐसा कभी भारत देश में भी हो सकता है ?

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