वेबसाइट के लिए समाचार या लेख कैसे लिखें ?
सामग्री जनहित में और सामाजिक सद्भाव तथा लोकतंत्र को मज़बूत करने वाली होनी चाहिए . हमारा उद्देश्य तथ्यपरक और संतुलित समाचार एवं विश्लेषण के अलावा समाज परिवर्तन के लिए अहिंसक क्रांतिकारी आंदोलनों , रचनात्मक कार्यक्रम, समाज सेवा के लिए, जनता को आवाज़ देना है . हम समाज और सरकार के सजग प्रहरी भी हैं. लेखन स्वतंत्र , निष्पक्ष लेकिन संतुलित भाषा की मर्यादा के साथ .
हमेशा अपने पाठक की अभिरुचि को ध्यान में रखें कि वे क्या पढ़ना चाहेंगे. यह भी कि आपका लेख या समाचार उनके जीवन के लिए कितना मूल्यवान है . उसमें क्या नयी जानकारी , ज्ञान अथवा मनोरंजन मिलेगा.
कृपया वही विषय चुनें जिसके आप विशेषज्ञ हैं , अथवा कार्य अनुभव है. जो भी लिखें , मौलिक हो. विश्वास करने योग्य हो . लिखने से पहले एक दो पैराग्राफ़ में अपना आइडिया संपादक को भेजें. रिसर्च में तथ्य आँकड़ों को वेरीफाई कर लें . जिन लोगों की ओपिनियन उद्धृत quotes कर रहे हैं उन्हें मालूम होना चाहिए.
समाचार में Who , What , Where, When , Why और how का उत्तर मिलना चाहिए. यानी संक्षेप में पूरे तथ्य. समाचार से जुड़े सभी पहलू और दृष्टिकोण को जगह मिले.
कृपया लेखन प्रारम्भ करने के पहले तीन चार शब्दों का फ़ोकस की फ्रेज / थीम चुनें. इसके लिए गूगल में सर्च कर सकते हैं कि विषय के संबंध में क्या लिखा और पढ़ा जा रहा है. इसी फ़ोकस की फ्रेज को केंद्र में रखकर हेडलाइन लिखें जो पाठक के लिए आकर्षक हो.
सारांश : दो तीन छोटे वाक्यों में सारांश, लेखक का नाम और परिचय. पहले पैरा में की फ्रेज ज़रूर शामिल करें और लेख के बीच में भी कई बार इसका प्रयोग करें .
हर नया आइडिया नया पैरा में लिखे. दो लाइनों के बीच डबल स्पेस रखें . नयी और महत्वपूर्ण बात सबसे पहले. और फिर उसी क्रम में. कोई अगर केवल दो चार पैरा पढ़ना चाहता है तो उसे मुख्य बात पता चल जाए. महत्वपूर्ण बात से वह वंचित न हो. सम्पादकीय डेस्क को भी सहूलियत होती है कि नीचे वाला हिस्सा आसानी से हटा दे.
भाषा एवं लेखन शैली
हिंदी या अंग्रेज़ी जिसमें आप ज़्यादा सुविधाजनक समझते हैं, उसमें लिखें.भाषा सरल यानी ऐसी हो कि कम पढ़े और नई पीढ़ी के लोग समझ सकें . यानि आसान बोलचाल की हो . संस्कृत, हिंदी, अंग्रेज़ी, फ़ारसी और उर्दू के कठिन शब्द न हों.मजबूरी में उद्धरण देना पड़े तो कृपया सरल अनुवाद कर दें.
सामग्री बहुत संक्षिप्त और वाक्य छोटे होने चाहिए.भेजने से पहले ठीक से पढ़कर संशोधित कर लें . अनावश्यक शब्द , विशेषण आदि हटा दें . फ़ुल स्टाप के लिए . बिंदी का इस्तेमाल करें. हिंदी वाला डंडा नहीं. लेकिन, किंतु, परंतु आदि का कम से कम इस्तेमाल करें. ऐसे लोकल शब्द या मुहावरे इस्तेमाल न करें जो दूसरी जगह के लोग न समझें या अर्थ का अनर्थ हो जाए.
आजकल स्मार्ट फ़ोन पर हिंदी लिखना बहुत आसान है।लैपटोप या डेस्क्टाप पर GoogleIndic के ज़रिए रोमन में लिखकर हिंदी परिवर्तित कर सकते हैं।बोलकर भी लिख सकते हैं. गूगल की मदद से हिन्दी टाइप में बिन्दी , मात्रा और कई बार शब्दों की अशुद्धियों बहुत होती हैं . कृपया भेजने से पहले इन्हें अनिवार्य रूप से ठीक कर लें .
स्क्रिप्ट केवल यूनिकोड में चाहिए . कृतिदेव से यूनिकोड में कन्वर्ट करने में जो अशुद्धियॉं होती हैं कृपया इन्हें भी ठीक कर लें .
स्वयं संपादन
बेहतर होगा कि हड़बड़ी में न भेजें . लेख / फ़ीचर इस तरह संपादित करें जैसे किसी और ने लिखा है . प्रूफ़ रीडिंग ठीक से करें. बोलकर पढ़ेंगे तो त्रुटि आसानी से पकड़ में आ जाएगी.
ओरिजिनल फ़ोटो
विषय से संबंधित दो तीन फ़ोटो के अलावा अपना प्रोफ़ाइल फ़ोटो भी भेजें . हर फ़ोटो फ़ाइल एक एमबी से कम रहे . कापी राइट का ध्यान रखें. कोशिश करें फ़ोटो मौलिक हों. नेट से डाउनलोड करने में कापीराइट उल्लंघन होता है.
TAGS
लेख की विषय वस्तु से संबंधित तीन चार मुख्य शब्द हिंदी और अंग्रेज़ी में अंत में अलग से लिख दें. इससे जो लोग सर्च करेंगे उन्हें दिखायी देगा.
शब्द सीमा
न्यूज़ रिपोर्ट पाँच 500 से छह 600 सौ शब्दों के बीच और स्पेशल फ़ीचर/ लेख अधिकतम 2000 हज़ार शब्दों तक होना चाहिए.
कृपया इस बात का विशेष ध्यान लगभग पंचानबे फ़ीसदी लोग स्मार्ट फ़ोन पर ही देखते , सुनते और पढ़ते हैं . इसलिए बहुत लंबा नहीं . किसी विषय का एक पहलू एक लेख में , दूसरा पहलू दूसरे लेख में.
अंत में अपना ई मेल, ट्विटर हैंडल, फ़ेस बुक एकाउंट भी देने का कष्ट करें. इससे आपकी पहचान, अनुभव और विश्वसनीयता प्रमाणित होती है.
राम दत्त त्रिपाठी, पूर्व संवाददाता बीबीसी
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