आयुर्वेद की मदद से फेफडों को कोरोना वायरस से कैसे बचायें!
वात वित्त कफ संतुलन जरुरी
कोविड-19 से फेंफड़ो के संक्रमण होते ही रोगी गंभीर स्थिति में पहुँच जाता है।आक्सीजन का कम हो जाता है।इससे हृदय भी प्रभावित होता है।ऐसी स्थिति में भी आक्सीजन देना पड़ रहा है।इसके बावजूद भी रोगी के पूर्ण स्वस्थ होने की संभावना कम ही रहती है।इसलिए आज की परिचर्चा में फेंफड़ो कैसे करे,विषय पर विशेषज्ञों से विमर्श प्रस्तुत है।एस के मिश्र की रिपोर्ट
पूरी चर्चा के लिए कृपया यहाँ क्लिक करें
कोविड महामारी काल के दूसरे स्ट्रेन में फेफड़ों के संक्रमण के कारण बहुत से लोगों को जान गंवाना पड़ा है। कई बार कोरोना निगेटिव होने के बाद भी संक्रमण की अधिकता के कारण मरीज की जान चली गयी है। ऐसे में फेफड़ों को संक्रमण से बचाने की महती आवश्यकता समझ में आयी है। आयुर्वेद में फेफड़ों को संक्रमण से बचाने के बहुत से उपाय बताए गए हैं। इस विषय पर चर्चा बीबीसी के पूर्व संवाददाता रामदत्त त्रिपाठी ने आयुर्वेद के विद्वानों से परिचर्चा की।
औषधि के साथ आहार विहार को भी फेफड़ों की मजबूती के लिए महत्वपूर्ण
इसमें औषधि के साथ आहार विहार को भी फेफड़ों की मजबूती के लिए महत्वपूर्ण बताया गया। विशेषज्ञों ने बताया कि आयुर्वेद में बहुत सारी औषधियां रोगी के अनुसार फेफड़ों को ठीक करने के लिए उपलब्ध हैं। इनका प्रयोग कर किसी भी प्रकार के संक्रमण को ठीक किया जा सकता है। फेफड़ों को मजबूत और स्वस्थ रखने के तौर तरीकों पर भी विद्वानों ने अपने विचार रखे। इसमें व्यायाम और सही आहार विहार के साथ-साथ दिनचर्या को मौसम के अनुकूल रखने को महत्पपूर्ण बताया गया। मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए वात वित्त कफ के संतुलन को जरुरी बताया गया।
इस परिचर्चा में एक मरीज के परिजन भी शामिल हुए। इसमें आईसीयू में भर्ती गंभीर मरीज को आयुर्वेदिक दवाओं के प्रयोग से ऑक्सीजन लेवल 75 से 95 तक 24 घंटे के अंदर पहुंचाने और स्थिर रखने में मदद मिली।
ऋतु चर्या
परिचर्चा मे वसंत ऋतु के 15 दिन पूर्व और शिशिर ऋतु के 15 दिन बात की अवधि को यमराज की दाढ़ बताते हुए आहार विहार में विशेष सावधानी बरतने को कहा गया। साथ ही आयुर्वेद के कोराना में प्रयोग के लिए लोगों से अभियान चलाने का भी अनुरोध विशेषज्ञों ने किया।
परिचर्चा में आयुष ग्राम चित्रकूट से डॉ मदन गोपाल वाजपेयी , आईएमएस बीएचयू के प्रो राजेंद्र प्रसाद , गुरुकृपा क्लीनिक देवरिया से डॉ वरेश नागरथ और ईस्टन साइंटिस्ट पत्रिका के संपादक और आयुर्वेद चिकित्सक डॉ राम अचल शामिल हुए।
महामारी काल के दूसरे स्ट्रेन में फेफड़ों के संक्रमण के कारण बहुत से लोगों को जान गंवाना पड़ा है। कई बार कोरोना निगेटिव होने के बाद भी संक्रमण की अधिकता के कारण मरीज की जान चली गयी है। ऐसे में फेफड़ों को संक्रमण से बचाने की महती आवश्यकता समझ में आयी है।
आयुर्वेद में फेफड़ों को संक्रमण से बचाने के बहुत से उपाय बताए गए हैं। इस विषय पर चर्चा बीबीसी के पूर्व संवाददाता रामदत्त त्रिपाठी ने आयुर्वेद के विद्वानों से परिचर्चा की। इसमें औषधि के साथ आहार विहार को भी फेफड़ों की मजबूती के लिए महत्वपूर्ण बताया गया।
विशेषज्ञों ने बताया कि आयुर्वेद में बहुत सारी औषधियां रोगी के अनुसार फेफड़ों को ठीक करने के लिए उपलब्ध हैं। इनका प्रयोग कर किसी भी प्रकार के संक्रमण को ठीक किया जा सकता है।
फेफड़ों को मजबूत और स्वस्थ रखने के तौर तरीकों पर भी विद्वानों ने अपने विचार रखे। इसमें व्यायाम और सही आहार विहार के साथ-साथ दिनचर्या को मौसम के अनुकूल रखने को महत्पपूर्ण बताया गया।
वात वित्त कफ संतुलन जरुरी
मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए वात वित्त कफ के संतुलन को जरुरी बताया गया। इस परिचर्चा में एक मरीज के परिजन भी शामिल हुए। इसमें आईसीयू में भर्ती गंभीर मरीज को आयुर्वेदिक दवाओं के प्रयोग से ऑक्सीजन लेवल 75 से 95 तक 24 घंटे के अंदर पहुंचाने और स्थिर रखने में मदद मिली।
परिचर्चा मे वसंत ऋतु के 15 दिन पूर्व और शिशिर ऋतु के 15 दिन बात की अवधि को यमराज की दाढ़ बताते हुए आहार विहार में विशेष सावधानी बरतने को कहा गया। साथ ही आयुर्वेद के कोराना में प्रयोग के लिए लोगों से अभियान चलाने का भी अनुरोध विशेषज्ञों ने किया।
परिचर्चा में आयुष ग्राम चित्रकूट बाँदा से डॉ मदन गोपाल वाजपेयी आईएमएस बीएचयू के प्रो राजेंद्र प्रसाद गुरुकृपा क्लीनिक देवरिया से डॉ वरेश नागरथ और ईस्टन साइंटिस्ट पत्रिका के संपादक और आयुर्वेद चिकित्सक डॉ राम अचल शामिल हुए।
पैनल में शामिल हैं
रामदत्त त्रिपाठी, ऐंकर
अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पत्रकार, राजनीतिक विश्लेषक , सामाजिक कार्यकर्ता , विधिवेत्ता और सूचना संचार के विशेषज्ञ हैं.
डॉ वरेश नागरथ
एमबीबी एस,एम डी देवरिया
गुरकृपा ऐलोपैथी-आयुर्वेदिक संयुक्त क्लीनिक देवरिया
प्रो (डा) राजेन्द्र प्रसाद
काय चिकित्सा फुफ्फुस रोग विशेषज्ञ आयुर्वेद
आई एम एस आयुर्वेद संकाय,बीएचयू वाराणसी
डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी
आयुष ग्राम ट्रस्ट सूरज कुंड रोड चित्रकूट धाम
, पूर्व उपाध्यक्ष भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तर प्रदेश
डॉ.आर.अचल
आयुर्वेद चिकित्सक एवं मुख्य सम्पादक ईस्टर्न साइंटिस्ट जर्नल