पारिवारिक बजट मैनेजमेंट कैसे करें ?
पारिवारिक या घरेलू बजट कैसे मैनेज करें? क्या सरकार और कम्पनियों की तरह पारिवारिक बजट के लिए भी कोई प्लानिंग की आवश्यकता है अथवा नहीं ? पत्रकार राम दत्त त्रिपाठी ने इस विषय पर मैनेजमेंट गुरु डॉ आर डी मिश्रा के साथ चर्चा की.
घरेलू बजट बनाना जरूरी होता है या नहीं?
डॉ आर डी मिश्रा…
हमारा मानना है कि ज्यादातर घरों में बजट बनाया जाता है। बजट एस्टीमेट होता है रेवेन्यू एक्सपेंसेस का । सरकार का बजट भी इसी बेसिस पर होता है कि एस्टीमेटेड रेवेन्यू आगे साल का क्या होगा और एस्टीमेटेड रेवेन्यू हम कहाँ- कहाँ एलोकेट करेंगे ।
फैमिली बजट में भी यही टेक्निक इस्तेमाल होती है कोई अलग चीज नहीं है . हम लोगो को पता होता है कि हमारी अर्निंग कितनी है, सैलरी हो या बिज़नेस ।
कृपया देखें और चर्चा सुनें :
बजट इस ऑलवेज फॉर द फ्यूचर..
आने वाले समय में हमारा कौन सा एस्टीमेटेड एक्सपेंसेस होगा, उसको कैसे हम खर्च करें ताकि ना ही डेफिसिट हो और ना ही बहुत ज्यादा सरप्लस हो । सरप्लस हो जाये उसमे कोई बड़ी बात नही है । लेकिन इसमें शॉर्टऐज नहीं होनी चाहिए । कभी -कभी अन एक्सपेक्टेड खर्च आजाता है जिसकी वजह से दिक्कत हो जाती है….
बजट हर परिवार को बनना चाहिए । बजट सबसे ज्यादा मिडिल और लोअर मिडिल क्लास को बनना चाहिए ।
बजट बनाते समय कुछ बातों का ध्यान ज़रूर रखना चाहिए ।
1)- आपका इनकम क्या है?
2)- आपकी फैमिली साइज क्या है?
3)- आपकी लाईबिलिटीज क्या है?
4)- आपका लाइफ स्टाइल क्या है?
आपकी लाइफ स्टाइल के ऊपर डिपेंड करता हैं कि आपका बजट कैसे बने । सबसे महत्वपूर्ण चीज़ जो आती हैं वो फ़ूड और टैक्सस होता है । 40-50%खर्चा इसमें हो जाता है।
फिर आता हैं ट्रांसपोर्टेशन जैसे कि ऑफिस जाना है मार्केट जाना है आदि। तेल के दाम की रफ़्तार जिस स्पीड से बढ़ रही है उसमे कई लोगों का बजट बिगड़ने लगता है। दूसरी चीज़ है घरेलू गैस जो कि पिछले महीने 100 रुपए बढ़ गया। यह सबसे ज्यादा जरूरी चीजें हैं।
इसके बाद आता है हेल्थ केयर।
हमारे हेल्थ के ऊपर कितना खर्चा आएगा इसके लिए पैसे हमेशा रखना चाहिए । टैक्सस की लाइबिलिटी बहुत बड़ी चीज़ है। और भी अलग अलग एक्सपेंसेस जैसे कि इन्सुरेंस, क्रेडिट कार्ड… लोग कभी कभी क्रेडिट कार्ड से खरीद लेते हैं कि बाद में देना पड़ेगा और कभी नहीं दे पाते हैं तो कभी कभी 10-15% एक्स्ट्रा चार्जेज देने पड़ते हैं….यह आपके बजट को बिगाड़ देता है।
इसलिए हर परिवार अपने बजट को बना के चले।
अटल जी को हम इतना याद क्यों करना चाह रहे हैं ?(Opens in a new browser tab)
राम दत्त त्रिपाठी – आजकल हर दूसरा आदमी लोन लेता है, लोन का चलन बहुत है मार्केट में…जैसे कि कार का लोन, घर का लोन, टीवी का लोन, शादी का लोन… लोन ही लोन….. जिसकी वजह से नई जनरेशन EMI ही देती रहती है।
इसमें क्या करना चाहिए… लोन लेकर सुख से जिओ और EMI भरते रहो…. कितने हद तक यह सही है? क्या सलाह देंगे आप?
डॉ आर डी मिश्रा– यह कल्चर लोन लेने का बाहर के देशों में चालू हुआ….अब यह हमारे देश में भी आ गया है…क्रेडिट कार्ड डेबिट कार्ड का ट्रांजेक्शन चालू हो गया है… अगर आप बिना सोचे समझें कुछ भी लोन पर लेते हैं तो उसकी वजह से बर्डन तो आपके ऊपर पड़ता है काफी हद तक पड़ता है। बहुत सारे लोगों सुइसाइड करते हैं किया क्योंकि वो लोन नहीं चुका पाते। क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड लेते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि हमें चादर से ज्यादा पैर नही फैलाना है यह आपके बजट को बिगाड सकता है।
अक्सर ऐसा होता है कि जब आपका बजट बिगड़ता है या फिर कर्जा बढ़ता है तो अक्सर आप एक कर्जा उतरने के लिए दूसरा कर्जा लेते हैं और उस कर्ज को उतारने के लिए आप लाया कर्जा लेते हैं जो आपका बजट बिगाड़ता है।
मैं आपको यही सलाह दूंगा कि जब भी आप बजट बनाये तो यह देखिये कि आके बजट में सबसे ज्यादा ज़रूरत किस चीज़ कि है। बजट के तरीके..
कैश एनवलप सिस्टम बेसिक नीड्स को पहले पूरा करें…
फ्यूचर सेविंग सबसे ज्यादा जरूरी….( ओल्ड डेज ) आजकल के ज़माने में बच्चों पे डिपेंड नहीं होना चाहिए। बच्चों को पढ़ाइये और जब वो सेटल हो जाये तो उनको छोड़ दीजिए कि वो अपनी ज़िन्दगी जिए।
राम दत्त त्रिपाठी – कितना % परसेंट अपने इनकम का साल में सेव करना चाहिए फ्यूचर के लिए?
डॉ आर डी मिश्रा- बजट आपका आपके लाइफ स्टाइल पैर डिपेंड करता है। बजट में से काम से काम 10-20% तक की सेविंग ज़रूर होनी चाहिए । आपका लाइफ स्टाइल पर डिपेंड करता है आपका बजट । बहुत लोग 2 कमरे में गुजारा कर लेते हैं.बहुत को हवेली भी छोटी लगती है तो आपका बजट आपके लाइफस्टाइल के ऊपर पूरी तरह डिपेंड करता है। फ्यूचर सेविंग थोड़ा बहुत होना ही चाहिए।
राम दत्त त्रिपाठी – क्या रोज़ का खर्च लिखना ज़रूरी होता है इसके फायदे क्या है?
डॉ आर डी मिश्रा– रफ़ एस्टीमेट तो होना चाहिए…रफ़ एस्टीमेट होने से पता होता है कि हम कहा पैर सेविंग कर सकते हैं । आपको बस यह ध्यान में रखना चाहिए कि आपका फ्यूचर सेविंग कितना है और कितने कि जरूरत हो सकती है इसलिए फ्यूचर सेविंग सबसे ज्यादा जरूरी….
बहुत लोग होते हैं कि जितना कमाया उतना खाने पीने में उड़ा देते हैं ऐसा नहीं होना चाहिए । हमेशा बजट बना कर चलना चाहिए । बनाना आसान नहीं है पर कोशिश करनी चाहिए कि बजट सही तरीके से बनाया जाये।