अपने गार्डेन में थाईलैंड के अम्बार के फल
बृजलाल , पूर्व पुलिस महानिदेशक उ प्र
आज मैंने अपने गार्डेन से थाईलैंड के अम्बार के फल तोड़े। 15 दिन पहले देशी अम्बार जिसे आमड़ा भी कहा जाता के फल तोड़े थे जिसका अचार बन चुका है। अम्बार के पेड़ पूर्वी उत्तर प्रदेश में लोग घरों के पास और बगीचों में लगाते है। लगाना बहुत आसान। पके फल को उगाकर या इसकी एक टहनी काटकर ज़मीन में लगायी जा सकती है। बीज से लगा पौधा 3-4 साल और टहनी से लगा पेड़ एक साल में ही फल देने लगता है। इसकी पत्तियाँ भी खट्टी होती है। बचपन में हम लोग इसकी खट्टी पत्तियों को नमक लगाकर खा जाते थे।
जाड़े में इसकी पत्तियाँ झड़ जाती हैं और बसंत आते ही आम की तरह पीले बौर आते है, पत्तियाँ बाद में आती है।फल जून में आ जाते हैं, जो कभी- कभी बाज़ार में मिल जाते है। मैंने देशी अम्बार की टहनी अपने गृहजनपद सिद्धार्थनगर से लाकर लगाया था। इसकी स्वादिष्ट चटनी भी बनती है। थाईलैंड का आमड़ा गोरखपुर की एक नर्सरी से लाया था । इसके फल देशी अम्बार के बाद आते है और खट्टापन बहुत कम होता है। अभी ये फल बिल्कुल कच्चे है, गुठली की जाली नहीं पड़ी है। इस अम्बार का भी अचार बनाया जायेगा।