यूपी के पूर्व मंत्री जमुना बोस को नहीं मिल रहा समुचित इलाज
शाश्वत तिवारी, लखनऊ। पूर्व कैबिनेट मन्त्री 95 वर्षीय जमुना प्रसाद बोस जी बीमार हैं। लोहिया कोविड अस्पताल में भर्ती हैं।
जो जहां है, वहीं से दस्तक दे ताकि उनके इलाज की समुचित व्यवस्था हो सके।
जमुना प्रसाद बोस जी यूपी की राजनीति में ईमानदारी और सादगी के पर्याय हैं।
वह स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी हैं। इसके अलावा वह आपातकाल में जेल भी गए थे और लोकतंत्र सेनानी हैं।
वह चार बार विधायक रहे हैं। वह उत्तर प्रदेश सरकार में दो बार कैबिनेट मंत्री रहे हैं।
इसके बाद भी उन्हें इलाज की वह व्यवस्था भी नहीं मिल पा रही है जबकि राज्य सरकार रोज इलाज के लिए तरह-तरह के दावे कर रही है।
बांदा में हो रहा था इलाज
बोस जी का बाँदा के अस्पताल में इलाज चल रहा था।
स्थिति गम्भीर होने पर उनको लखनऊ भेजा गया।
उन्हें लोहिया के इमरजेंसी में भर्ती होना था लेकिन जगह न होने से गोमती नगर के हार्ट सिटी असपताल में भर्ती होना पड़ा ।
वहाँ उनकी कोरोना जांच पॉजिटिव आई इसलिए उन्हें मजबूरी में लोहिया के कोविड अस्पताल भर्ती करना पड़ा।
दो बार के कैबिनेट मंत्री बोस जी का प्रदेश में अपना कोई मकान नहीं है।
1955 में अपनी बहन की शादी के लिए उन्हें अपना पुश्तैनी घर बेचना पड़ा था।
इसके बाद उन्होंने बांदा में दो कमरे का मकान किराये पर लिया था।
अपनी पेंशन से वे उसका किराया चुकाते हैं।
कोई गरीब जरूरतमंद आ जाने पर वे अपनी बची पेंशन का पैसा भी उसे दे देते हैं।
विधायक और मंत्री रहते वेतन का अपना पैसा वे गरीबों में बांट देते थे।
उनके किराये के घर की हालत भी दयनीय है।
जगह-जगह से प्लास्टर उख़ड़ा हुआ है।
दीवार पर लगी सुभाषचंद्र बोस और विनोबा भावे की तस्वीर धुंधली हो चुकी है।
पूरा जीवन गरीबों की सेवा में लगा देने वाले इस संत को आज इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है।