ठंड में ठिठुरते बच्चों की तस्वीरें दिखाने के लिए पत्रकारों पर मुक़दमा
कानपुर देहात में पुलिस ने ठंड में ठिठुरते बच्चों की तस्वीरें दिखाने के लिए तीन पत्रकारों के विरुद्ध मुक़दमा दर्ज किया गया है. इन पत्रकारों ने यूपी दिवस के मौक़े पर स्कूली बच्चों से सर्दी के मौसम में हाफ़ पैंट पहना कर, योग अभ्यास करने की ख़बर दिखाई थी।इन पर शासन एवं प्रशासन की छवि ख़राब करने के आरोप में मुक़दमा क़ायम किया गया है.
ज़िला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) सुनील दत्त ने तीन स्थानीय पत्रकारों मोहित कश्यप, अमित सिंह और यासीन अली के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 505 और 506 के तहत मुक़दमा दर्ज कराया है।
उत्तर प्रदेश में लगातार आलोचनात्मक लिखने और दिखाने करने पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है।यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी कई ज़िलों में पत्रकारों के ख़िलाफ़ फ़र्ज़ी मुक़दमे क़ायम किया गए हैं.
बीएसए का आरोप है कि इन तीनों पत्रकारों ने उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर इको पार्क में हुए कार्यक्रम की रिपोर्टिंग को तोड़-मरोड़ कर की थी इससे उत्तर प्रदेश सरकार, स्थानीय प्रशासन और विभाग की छवि पर ग़लत असर पड़ा है।
कार्यक्रम के जहाँ दौरान नेता और अधिकारी गर्म कपड़ों में बैठे हुए हैं।वही प्राथमिक स्कूल के बच्चे केवल हाफ़ पैंट-शर्ट बिना स्वेटर के दिखाई दे रहे हैं।
कार्यक्रम रोज़ कानपुर देहात का तापमान 5 डिग्री था और इसके बावजूद बीएसए का आदेश था कि कार्यक्रम के लिए बच्चों को गर्मी की ड्रेस में बुलाया जाये।
पत्रकार मोहित कश्यप कहते हैं, कि उनके द्वारा जो रिपोर्ट कि गई उसमें कुछ ग़लत नहीं है।
ख़बर की विडीयो में साफ़ देखा जा सकता है कि नेता और अधिकारी स्वयं गर्म कपड़ों में बैठे हैं और बच्चे की सर्दी में बिना स्वेटर हाफ़ पैंट हैं।”
उनके अनुसार ख़बर प्रसारित होने के बात से प्रशासन की बच्चों के प्रति दिखाई गई असंवेदनशीलता की निंदा शुरू हो गई।इसी लिए वह ख़बर दिखाने वालों को मुक़दमे में फँसाने का प्रयास किया जा रहा है।
यासीन अली के अनुसार उनके विरुद्ध पहली बार कोई वैधानिक करवाई हुई है। कई समाचार पत्रों और टीवी चैनलों में काम करने का दावा करने वाले यासीन अली कहते हैं, उनके विरुद्ध किया गया मुक़दमा झूठा है।उन्होंने कहा कि, उनके चैनल ने वह ख़बर प्रसारित ही नहीं है, जिस को लेकर मुक़दमा लिखा गया है। यासीन अली आगे कहते हैं कि इसकी जानकारी उन्होंने बीएसए को दी, इसके बावजूद उनका नाम एफ़आईआर से नहीं हटाया गया।
अपर पुलिस अधीक्षक, घनश्याम चौरसिया ने कहा दोषियों के विरुद्ध नियमानुसार करवाई की जायेगी और बेक़सूर की नहीं फँसाया जायेगा।
कानपुर देहात के ज़िलाधिकारी दिनेश चंद्रा सिंह ने कहा कि केवल योग करते समय बच्चों ने स्वेटर, पैंट और कोट आदि उतारा था, इसका कारण यह था कि इन कपड़ों में योग करना सम्भव नहीं होता है।
पत्रकार संगठन कानपुर जर्नलिस्ट क्लब ने कानपुर देहात में पत्रकारों के विरुद्ध हुई एफ़आईआर की निंदा की है और इसके ख़िलाफ़ आंदोलन की बात कर रहे हैं।क्लब के महामंत्री अभय त्रिपाठी कहते हैं कि पत्रकारों पर बिना किसी आधार के मुक़दमा दर्ज किया गया है.
Amit Singh one of the journalist, said that -” making the children do yoga in inadequate clothing in the winter condition cold not be justified.“
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