आशा की किरण बना गन्ना विकास विभाग का महिला रोजगार सृजन कार्यक्रम
इस अभियान के अन्तर्गत 1,988 महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन कराते हुए 43,609महिला उद्यमियों को पंजीकृत किया गया है।
• सिंगल बड चिप कार्यक्रम ग्रामीण महिला उद्यमियों के लिए आय अर्जन में मददगार साबित हो रहा है।
• इस कार्यक्रम से लगभग 26.82 लाख कुन्तल उन्नतशील गन्ना बीज का उत्पादन होगा।
• अब तक ग्रामीण महिलाओं को लगभग 09 लाख दिवस का रोजगार उपलब्ध हुआ है।
महिला स्वयं सहायता समूहों के परिवार के सदस्य भी हो रहे हैं लाभान्वित.
इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी श्री संजय भूसरेड्डी ने बताया कि कोरोना कर्फ्यू के दौरान जब अधिकतर ग्रामीण परिवेश से जुड़े लोग शहर आकर आजीविका के लिए कार्य नहीं कर पा रहे हैं, ऐसी विषम परिस्थितियों में ग्रामीण महिला उद्यमियों को तो गन्ना विकास विभाग के सिंगल बड चिप कार्यक्रम के माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोजगार की प्राप्ति हो ही रही है, वहीं दूसरी तरफ इस कार्यक्रम के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों के परिवार के सदस्यों को भी रोजगार की प्राप्ति हो रही है। अब तक महिला स्वयं सहायता समूहों के परिवार के सदस्यों को स्थानीय स्तर पर ही 1,98,155 कार्य दिवस का रोजगार अर्जित हुआ है।
इस कार्यक्रम की प्रगति से संबंधित आँकड़ें साझा करते हुए श्री भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक रूप से समृद्ध करने के लिए प्रदेश के 36 गन्ना बहुल जिलों में अब तक 1,988 महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है, जिनमें 43,609 महिला उद्यमी पंजीकृत हैं।
इन समूहों से जुड़ी महिलाओं को सिंगल बड चिप के सीडलिंग तैयार करने हेतु विभाग द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। महिला समूहों द्वारा अब तक 10.92 करोड़ सीडलिंग तैयार करायी जा चुकी है, जिसमें से 9.38 करोड़ सीडलिंग की बिक्री करते हुए महिला समूहों द्वारा लगभग रू.28 करोड़ की आय अर्जित की गई है। गन्ने की नर्सरी से प्रति महिला उद्यमी एक सत्र में औसतन आय रू.59,000 की प्राप्ति होगी। अब तक प्रदेश की महिलाओं को लगभग 9 लाख मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध हुआ है।