किसान आंदोलन, राजनीति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

किसान आंदोलन ने देश की राजनीति का एजेंडा बदल दिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोक सभा और राज्य सभा में किसान आंदोलन पर लम्बा भाषण देकर कृषि क़ानूनों का बचाव किया. अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने छोटे किसानों पर ज़ोर दिया. अपनी बात के समर्थन में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का भी हवाला दिया. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी का भाषण का किसान आंदोलन पर असर नहीं पड़ा. उल्टे आंदोलन और तेज हो गया.

लाउड टीवी पर वरिष्ठ पत्रकार संतोष भारतीय द्वारा आयोजित इस चर्चा में शामिल हैं लखनऊ से बीबीसी के पूर्व संवाददाता राम दत्त त्रिपाठी और नई दुनिया तथा दैनिक भास्कर के पूर्व प्रधान सम्पादक श्रवण गर्ग.

राम दत्त त्रिपाठी का कहना है कि किसान आंदोलन ने देश की राजनीति का एजेंडा बदल दिया है. राजनीति अब धार्मिक और साम्प्रदायिक मुद्दों के बजाय किसान और अर्थनीति पर केंद्रित हो रही है.

श्रवण गर्ग ने रेखांकित किया कि किसान आंदोलन ग़ैर दलीय राजनीति की ओर बाढ़ रहा है, जिसकी बात लोक नायक जय प्रकाश नारायण करते थे. सरकार इस आंदोलन से परेशान है.

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