किसान संगठनों की बैठक में अलग पार्टी बनाने पर चर्चा

किसानों की होगी अपनी अलग पार्टी

आगरा: उत्तर प्रदेश के तमाम किसान संगठनों ने वर्चुअल बैठक कर प्रदेश में किसान पार्टी बनाने के मुद्दे पर चर्चा की, जिससे किसानों के मुद्दों को आने वाले चुनावों में चर्चा का केन्द्र बनाया जा सके. बीते 2 अक्टूबर को लाल बहादुर शास्त्री और गांधी जी की जन्म तिथि के दिन यह बैठक हुई. बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि जो काम पिछले 70 साल से नहीं हुआ, वह इस चुनाव में किया जाना चाहिए.

किसान नेता मनोज शर्मा ने बताया कि बैठक में कई जिलों के किसान नेता शामिल हुए, वहां किसानों से जुड़े मुख्य मुद्दों पर एक नोट तैयार किया गया, जिसमें तीनों कानून, बिजली, खाद, बीज, एमएसपी, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, राजस्व विभाग की तरफ से आने वाली समस्या, सहकारिता को मजबूत करने, सभी प्रकार की फसलों की खरीद एमएसपी पर करना, सब्जियों की एमएसपी घोषित करने, बिजली की 300 यूनिट फ्री, सरकारी विभागों द्वारा आम जनता पर लगाये गये सभी झूठे मुकदम़े वापिस जैसे मुद्दे शामिल थे.

इनके अलावा किसानों के बच्चों के लिए शिक्षा- स्वास्थ्य, रोड टैक्स तो टोल टैक्स क्यों, राशन की दुकान पर पहले की तरह सभी सामान सहित गैस सिलेंडर, सिंगूर, भट्टा परसौल, टप्पल, मंदसौर, लखीमपुर खीरी या देश के किसान आन्दोलन में मृत किसानों को शहीद का दर्जा देने-जैसे विषयों पर भी चर्चा की गई.

बैठक में किसान चर्चा करते हुए

बैठक में तय किया गया कि जो किसान चुनाव लड़ना चाहते हैं, वे किसान पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ सकते हैं, पर उन्हें यह शपथ पत्र देना होगा, कि चुनाव जीतने के बाद वे किसानों के मुद्दों को लगातार विधानसभा में उठाएंगे. बैठक में यह भी तय किया गया, कि किसानों के मुद्दों को राजनैतिक दलों का मुद्दा बनाने के लिए किसान घोषणा पत्र राजनैतिक दलों के अध्यक्षों को दिया जाएगा और उनसे यह गुजारिश की जाएगी, कि इन्हें अपने घोषणा पत्र में शामिल करें।

यह भी तय किया गया कि जो दल ऐसा करते हैं, चुनाव में उन सीटों पर उनकी मदद किसान संगठन करेंगे, जहां किसान पार्टी के उम्मीदवार नहीं होंगे। बैठक में भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा की गई, यह तय किया गया कि जो किसान जमीन देना नहीं चाहें उन्हें छोड़ा जाए. साथ ही उद्योगों के लिए जमीन लेने पर किसानों को कंपनी के शेयर दिए जाएं, जिससे उसके परिवार को आर्थिक सुरक्षा मिल सके.

बैठक में घोषणा पत्र के मुख्य बिंदुओं को संगठनों के सामने रखा गया, साथ ही उनसे सुझाव मांगे गए. शीघ्र ही घोषणा पत्र के लिए एक समिति गठन किया जाएगा. साथ ही पार्टी गठन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए बैठक की जाएगी. वर्चुअल बैठक में उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र के कई जिलों के किसान नेताओं ने भाग लिया, जिसमें प्रमुख रूप से मनोज शर्मा, अखिल संघर्षी, भारत शर्मा, निहाल पान्डे, सोनू शर्मा, नबाब सिंह, अरविंद सिकरवार, डाक्टर गोविंद जादौन, शिवसिंह बघेल आदि प्रमुख रहे.

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