उत्तर प्रदेश ने टिड्डी दल भगाने के लिए पहली बार द्रोण उतारा .
(मीडिया स्वराज़ डेस्क )
एक तरफ़ कोरोना का क़हर दूसरी तरफ़ टिड्डी दल का हमला. उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ने टिड्डियों को भगाने में दरों के इस्तेमाल के लिए केंद्र सरकार से द्रोण मशीन के इस्तेमाल की विशेष अनुमति ली.
प्रमुख सचिव कृषि एवं कृषि शिक्षा देवेश चतुर्वेदी ने बाँदा कृषि विश्व विद्यालय से स्पेशल पायलट प्रोजेक्ट बनवाया. कृषि विभाग ने ज़िलों में डी एम को इंचार्ज बनाकर कृषि, गन्ना और फ़ायर विभाग के तालमेल से टिड्डी दल भगाने में दरों के भी इस्तेमाल का निर्देश दिया. अब ज़िला पीलीभीत की गन्ना समिति, पूरनपुर के मिल क्षेत्र पूरनपुर के ग्राम जटपुरा में गन्ना विकास विभग के प्रयासों से पहली बार ज़िले में टिड्डी नियंत्रण हेतु ड्रोन का प्रयोग किया गया.
दस लीटर की दवा क्षमता वाले इन ड्रोन के आवाज़ से टिड्डी दल भाग रहे है,और उसके द्वारा किये जा रहे दवा के छिड़काव से टिड्डियां मर कर गिर रही है। यह द्रोण मशीन कृषि विभाग के अधीन बाँदा विश्व विद्यालय ने उपलब्ध कराया है.
प्रमुख सचिव चीनी उद्योग एवं केन कमिश्नर संजय आर भूसरेड्डी के अनुसार गन्ना विकास विभाग कृषि, कृषि रक्षा एवं जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से कल रात से ही टिड्डी नियंत्रण हेतु 1,000 लीटर के बड़े टैंकरों द्वारा टिड्डी दल को मारने एवं भागने का प्रयास किया जा रहा है.
इस समय पीलीभीत जिले में पहली बार खेती के कार्य, हेतु ड्रोन की मदद ली जा रही है। उम्मीद है इसमें जो दवा इस्तेमाल की जा रही है उससे मानव एवं अन्य जीव जंतुओं को नुक़सान नहीं होगा.