दिल्ली: कोरोना मरीजों के लिए 80% बेड आरक्षित करने के लिए राज्य सरकार ने SC में दाखिल की याचिका

कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें कोरोना मरीजों के लिए 80 फीसद बेड आरक्षित करने पर रोक लगा दी थी। इस याचिका पर आगामी 27 नवंबर को सुनवाई होगी।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Delhi Health Minister Satyendra Jain) ने मिडिया से बातचीत में कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अवकाश याचिका (Special Leave Petition) दायर की है। इसमें मांग की गई है कि कोरोना वायरस संक्रमित रोगियों के लिए प्राइवेट/निजी अस्पतालों में 80 फीसद आइसीयू बेड आरक्षित करने के फैसले पर हाई कोर्ट की रोक को हटाए। बता दें कि दिल्ली सरकार के आदेश पर रोक लगाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने यह कहते हुए फटकार लगाई थी कि गैर कोविड-19 रोगियों को जीने का अधिकार है या नहीं।

शुक्रवार को कोरोना के 7000 से ज्यादा मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि सभी सरकारी अस्पतालों में 500 कोविड बेड और जोड़े हैं, जिनमें 110 बेड आइसीयू के हैं। वहीं, प्राइवेट अस्पतालों में 685 और बेड शामिल किए गए हैं।

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार द्वारा बनाए गए 33 बड़े प्राइवेट अस्पतालों में 80 फीसद आइसीयू बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित करने का आदेश दिया था। वहीं, आम आदमी पार्टी सरकार के इस आदेश पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी, अब दिल्ली सरकार का कहना है कि इससे 800 आइसीयू बेड सरकार से सिस्टम से कम हो गए हैं।

बता दें कि दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। शुक्रवार को पहली बार दिल्ली में 7000 से अधिक मामले सामने आए। दिल्ली में यह एक रिकॉर्ड है, जब 24 घंटे के दौरान इतनी अधिक मात्रा में कोरोना के मामले सामने आए।

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