गौ माता की रक्षा का संकल्प – शंकराचार्य जी का गौ मतदाता अभियान शुरू | दिल्ली में रोका गया काफिला

“सवा सौ करोड़ हिंदुओं का भ्रम टूटा – हर दल कर रहा छल, अब गौ माता के भविष्य का फैसला गौ मतदाता के हाथ”

शंकराचार्य जी ने राजनीतिक दलों से सीधे पूछा – गौ रक्षा के पक्ष में हो या विपक्ष में

शंकराचार्य का गोप्रतिष्ठा अभियान

दिल्ली के कांस्टिट्यूशन क्लब में आज सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता में उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि आज़ादी के 78 वर्षों में कोई भी सरकार या नेता ऐसा नहीं आया, जिसने गौ माता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिया हो या गौ हत्या रोकने के लिए कठोर कानून बनाया हो।

अब हिंदुओं को सिर्फ गौ भक्त नहीं, गौ मतदाता भी बनना होगा।

दिल्ली की सड़कों पर शंकराचार्य जी का अभियान

शंकराचार्य जी ने गौ प्रतिष्ठा आंदोलन के तहत दिल्ली के विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यालयों पर जाकर सीधा सवाल पूछा – आप गौ रक्षा के पक्ष में हैं या विपक्ष में?

लेकिन जब उनका काफिला घोगा गांव से आगे बढ़ रहा था, तो दिल्ली पुलिस ने तीन घंटे तक रास्ता रोककर उन्हें नजरबंद रखा। पूरे क्षेत्र को छावनी में बदल दिया गया, रस्सियों से रास्ते बंद कर दिए गए ताकि वे पैदल भी आगे न बढ़ सकें।

बीजेपी कार्यालय के बाहर लगा बैरिकेड

जब शंकराचार्य जी कुछ दलों के कार्यालयों पर पहुंचे, तो कई नेताओं ने कहा कि वे पार्टी से चर्चा करके जवाब देंगे। लेकिन बीजेपी दफ्तर के 150 मीटर पहले ही बैरिकेड लगाकर उन्हें रोक दिया गया।

गौ रक्षा के लिए पंचसूत्री कार्यक्रम

अब गौ माता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पांच प्रमुख कदम उठाए जाएंगे –

1. गाय और गवय (गाय जैसी विदेशी नस्ल) में अंतर स्पष्ट करना।

2. 33 कोटि (33 करोड़) गौ मतदाताओं को संकल्प कराना।

3. तीन लाख रामाधाम (गौशालाओं) का निर्माण और संचालन।

4. बूचड़खानों पर निगरानी और कार्यवाही।

5. गौ रक्षा सेना द्वारा राज्यों की सीमा पर चौकसी।

गाय माता और गवय में अंतर समझना जरूरी

शंकराचार्य जी ने कहा कि गाय के मल-मूत्र तक में पवित्रता होती है, जो रोग नष्ट करता है और जीवनशक्ति बढ़ाता है। लेकिन विदेशी नस्ल की गाय या संकर नस्ल (गवय) में यह गुण नहीं होते। इसलिए, पहला कदम गाय और गवय के बीच का अंतर समझना है।

गौ मतदाता अभियान – हर गौ भक्त का कर्तव्य

अब हर हिंदू गौ मतदाता बनकर गौ माता की रक्षा के लिए मतदान करेगा। गौ हत्याओं को रोकने के लिए 33 करोड़ गौ मतदाताओं को संकल्प दिलाया जाएगा।

यज्ञ और गौ रक्षा का संकल्प

प्रातः 6:30 बजे गणपति सहस्त्रनाम और गौसूक्त मंत्रों के साथ यज्ञ शुरू हुआ, जिसमें शंकराचार्य जी महाराज के सान्निध्य में पूर्णाहुति दी गई।

इस अवसर पर गोकृपाकांक्षी गोपालमणि जी महाराज, विकास पाटनी, देवेन्द्र पाण्डेय, गोप्रतिष्ठानन्द स्वामी, नारायण तीर्थ, श्रीमद् ज्योतिर्मयानंद सरस्वती, अरविंद भारद्वाज, संजय जैन, राजीव झा, अमित शर्मा सहित कई गौ भक्त उपस्थित रहे।

🔹गौ माता राष्ट्रमाता है।

🔹हर हिंदू अब गौ मतदाता बने।

🔹गौ रक्षा ही सनातन धर्म की रक्षा है


 अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ) – गौ रक्षा और गौ मतदाता अभियान

1. गौ मतदाता अभियान क्या है?

गौ मतदाता अभियान एक सामाजिक और धार्मिक आंदोलन है, जिसका उद्देश्य गौ रक्षा को चुनावी मुद्दा बनाना और 33 करोड़ हिंदुओं को गौ माता की सुरक्षा के लिए संकल्पित करना है। इसके तहत गौ भक्तों को जागरूक किया जा रहा है कि वे अपने मताधिकार का उपयोग केवल उन्हीं प्रत्याशियों के समर्थन में करें, जो गौ रक्षा के पक्ष में ठोस कदम उठाने का वचन दें।

2. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी कौन हैं?

उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराजसनातन धर्म के एक प्रमुख संत हैं, जो गौ माता, गंगा रक्षा और धर्म-संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए सक्रिय हैं। वे लगातार हिंदू समाज को गौ हत्या के खिलाफ जागरूक कर रहे हैं और गौ माता को “राष्ट्रमाता” का दर्जा दिलाने की मांग कर रहे हैं।

3. गौ रक्षा आंदोलन का मुख्य उद्देश्य क्या है?

गौ रक्षा आंदोलन का उद्देश्य गौ हत्या को पूरी तरह बंद करवाना, बूचड़खानों पर निगरानी रखना और गौशालाओं का विस्तार करना है। इसके तहत पंचसूत्री कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसमें गौ-गवय की पहचान, गौ मतदाता जागरूकता, रामाधाम निर्माण, बूचड़खानों पर कार्यवाही और राज्यों की सीमाओं पर चौकसी शामिल हैं।

4. क्या गौ माता और विदेशी नस्ल की गाय में कोई अंतर होता है?

हाँ, देसी गाय और विदेशी नस्ल की गाय (गवय) में काफी अंतर होता है। शंकराचार्य जी के अनुसार, देसी गाय (वेदलक्षणा गाय) के दूध, गोबर और गौमूत्र में औषधीय गुण होते हैं, जबकि विदेशी नस्ल की गाय या संकर नस्ल की गाये (गवय) में यह गुण नहीं पाए जाते। गौ रक्षा अभियान का एक मुख्य लक्ष्य गाय और गवय के बीच का अंतर समझाना भी है।

5. गौ प्रतिष्ठा आंदोलन के तहत दिल्ली में क्या हुआ?

शंकराचार्य जी ने 17 मार्च 2025 को दिल्ली में गौ रक्षा के समर्थन में विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यालयों पर जाकर उनसे सीधा सवाल पूछा – “क्या आप गौ रक्षा के पक्ष में हैं या विपक्ष में?”लेकिन इस दौरान, दिल्ली पुलिस ने उनका काफिला घोगा गाँव में तीन घंटे तक रोक दिया और बीजेपी कार्यालय के बाहर बैरिकेड लगाकर आगे जाने से रोक दिया।

6. गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग क्यों की जा रही है?

सनातन धर्म के अनुसार गौ माता का स्थान सर्वोच्च है। वेदों और पुराणों में गाय को संपूर्ण देवताओं का निवास स्थान बताया गया है। शंकराचार्य जी का कहना है कि अगर भारत को सनातन संस्कृति के अनुरूप आगे बढ़ाना है, तो गौ माता को “राष्ट्रमाता” का दर्जा देना जरूरी है।

7. एक आम नागरिक गौ रक्षा आंदोलन में कैसे भाग ले सकता है?

आप निम्नलिखित तरीकों से गौ रक्षा आंदोलन का हिस्सा बन सकते हैं –

1. गौ मतदाता बनें और केवल गौ रक्षा के समर्थन में खड़े प्रत्याशियों को वोट दें।

2. स्थानीय स्तर पर गौशालाओं की देखभाल में योगदान दें।

3. गौ हत्याओं और अवैध बूचड़खानों की सूचना प्रशासन को दें।

4. गौ रक्षा से जुड़े आयोजनों में भाग लें और जागरूकता फैलाएं।

5. सोशल मीडिया पर #गौमाता #गौमतदाता जैसे हैशटैग का इस्तेमाल करें।

8. क्या गौ हत्या को रोकने के लिए कोई ठोस कानून है?

भारत के कई राज्यों में गौ हत्या पर प्रतिबंध है, लेकिन अभी तक पूरे देश में इसे लेकर कोई सख्त केंद्रीय कानून नहीं बनाया गया है। शंकराचार्य जी का आंदोलन गौ हत्या पर एक राष्ट्रीय कानून लागू करने की मांग कर रहा है।

9. क्या गौ रक्षा का मुद्दा केवल धार्मिक पहलू से जुड़ा है?

नहीं, गौ रक्षा केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि पर्यावरणीय और आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

गौ आधारित कृषि मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है और जैविक खेती को बढ़ावा देती है।

गौमूत्र और गोबर का उपयोग प्राकृतिक खाद, कीटनाशक, और औषधि के रूप में किया जाता है।

गौशालाओं के विस्तार से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।

10. क्या यह आंदोलन किसी राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ है?

नहीं, गौ प्रतिष्ठा आंदोलन पूरी तरह से गैर-राजनीतिक और सनातन धर्म से प्रेरित एक जन आंदोलन है। इसका उद्देश्य सभी राजनीतिक दलों को यह स्पष्ट करना है कि वे गौ माता की रक्षा के लिए क्या कदम उठाने वाले हैं।

📢 गौ रक्षा और गौ मतदाता अभियान से जुड़ें!

अगर आप भी गौ माता की रक्षा के लिए इस अभियान का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो #गौमतदाता बनें और इसे आगे बढ़ाने में सहयोग करें।

🔹 गौ माता राष्ट्रमाता है।

🔹 हर हिंदू अब गौ मतदाता बने।

🔹 गौ रक्षा ही सनातन धर्म की रक्षा है।

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Shankarachary in Delhi

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