विश्व परिवार बचा लो
कविता
प्रदीप कुमार जैन,
सम्पादक, दैनिक विश्व परिवार, रायपुर
कोविड-19 कर रहा, जग में नर संहार ।
बडे-बडे सब खोजते, कैसे हो उपचार।।
कैसे हो उपचार, चीन के इस अदृश्य दानव का।
दुनिया मे अस्तित्व, उपस्थित् बना रहे मानव का ।।
चीनी मांसाहार से, उपजी विपदा आज।
बस्तीं – हस्ती’ कैद है, बड़े -बड़े मुहताज ।।
बड़े-बड़े मुहताज, स्वच्छता को अपनाओ ।
“जियो और जीने दो”, जीवन मन्त्र बनाओ ।।
सड़के सूनी, सूने उपवन, सूने मॉल बाजार ।
मूक पशु-पछी विचलित है, वातावरण निहार।।
वातावरण निहार, कराओ जांच स्वेच्छा ।
निज घर को ब्रह्माण्ड मान, डोलो, प्रभू इच्छा ।।
वन्द्नीय सब बन्द है, चिंतित हैं सरकार ।
मार भगाने के लिए, लॉक डॉऊन हथियार ।।
लॉक डाऊन हथियार, दूरियां स्वयं बनालो ।
करो “कोरोना” नाश, विश्व परिवार बचालो ।।