कोरोना वैक्सीन: टीकाकरण के बाद भी फैल सकता है इंफ़ेक्शन
पचास प्रतिशत तक प्रभावी हो तो सफल वैक्सीन
टीकाकरण के बाद भी फैल सकता है इंफ़ेक्शन : इंग्लैण्ड के डिपुटी चीफ मेडिकल आफिसर डा जानथाम वान टॉम ने सन्डे टेलीग्राफ में लिखा कि- ” जिन लोगों को कोविड -19 टीकाकरण किया जा चुका है वे वायरस का संक्रमण इंफ़ेक्शन कर सकते है , इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। अतः टीकाकरण के बाद लाकड़ौन के नियमों का पालन विशेष रूप से होना चाहिए।”
उनका कहना है कि संक्रमण पर वैक्सीन का प्रभाव पड़ सकता है। कोई भी वैक्सीन के शत -प्रतिशत प्रभावी होने का दवा नहीं कर सकता पर यह संभव है की दो तीन सप्ताह के बीच कोरोना संक्रमण में संकुचन आ जाए।
डा जनाथम का मत है की टीकाकरण के दोनों खुराक लेने के बाद दूसरे से कोविड -19 प्राप्त करके आप संक्रमण चेन में न आजायें ,इसकेलिए आवश्यक है की टीकाकरण के बाद भी लाकड़ौन ,दो गज की दुरी तथा मास्क के प्रयोग का अनुशासन माना जाए।
टीकाकरण के बाद भी फैल सकता है इंफ़ेक्शन…
पूरी दुनिया में टीकाकरण का महा -अभियान प्रारम्भ हो चुका है। ब्रिटेन में फायजर बायोएटेक की वैक्सीन को अनुमति मिल गई है। माडर्ना और ऑक्सफोर्ड ऐस्ट्राजेनेका के वैक्सीन का इंतज़ार है। ये वैक्सीन मैसेंजर –आर यन ए –m RNA आधारित है जिसके सम्बन्ध में कहा जाता है की ऐसे वैक्सीन से शरीर भविष्य में कोरोना से जूझने में सक्षम हो जाएगा।वैज्ञानिकों का मत है की m -RNA आधारितवैक्सीन जब शरीर में प्रवेश करता है तब वायरस के खिलाफ मेमोरी बन जाती है जो वायरस के सूक्ष्म कणों से ही बनता है. शरीर जब कोरोना से संक्रमित होता है तो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता स्वतः सक्रीय हो जाती है और संक्रमण को निष्प्रभावी कर देता है।
भारत में ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया -DCDI ने कोविड -19 के इलाज के लिए दो वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दी है ये हैं –कोविशील्ड और कोवेक्सीन। कोवेशील्ड ऑक्सफ़ोर्ड ऐस्ट्राजेनेका का संस्करण है जबकि कोवेक्सीन भारत की अपनी वैक्सीन है जिसे स्वदेशी वैक्सीन कहा जा रहा है।
टीकाकरण के सम्बन्ध में संशय भी होते रहते हैं परन्तु अधिकांश विशेषज्ञों का मत है की कोरोना से जूझने के लिए अब तक उपलब्ध सभी वैक्सीनों की सुरक्षा रिपोर्ट ठीक है। यदि कोई वैक्सीन पचास प्रतिशत तक भी प्रभावी होजाये तो उसे सफल वैक्सीन की श्रेणी में रखा जाता है। टीकाकरण के बाद मामूली बुखार सरदर्द आदि कोई गंभीर समस्या नहीं होती। वैज्ञानिकों और डाक्टरों का कहना है की यह जागरूकता महत्वपूर्ण है की स्वास्थ्य में यदि कोई मामूली परिवर्तन भी आ जाए तो डाक्टर की राय लेनी चाहिए।
कोरोना वैक्सीन को लेकर संशय और सचाई(Opens in a new browser tab)
टीकाकरण के सम्बन्ध में अभी कई अनुत्तरित प्रश्नो के उत्तरों पर शोधकार्य हो रहे हैं। ये प्रश्न है क्या टीकाकरण कुछ काल के बाद फिर दुहराया जाएगा ?क्या बच्चों का भी टीकाकरण किया जाएगा ?बहरहाल अभी तो तात्कालिक आपातकालीन स्थिति में टीकाकरण ही प्रभावी उपाय सुरक्षा के साथ है।