कोयला संकट : इंडियन एनर्जी एक्सचेंज की मुनाफाखोरी पर मचा बवाल
इंडियन एनर्जी एक्सचेंज की मुनाफाखोरी पर मचा बवाल, उपभोक्ता परिषद् ने प्रदेश ऊर्जामंत्री श्री श्रीकांत शर्मा से की मुलाकात सौपा प्रस्ताव. कहा केवल 3 दिन में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज पर निजी घरानो ने कमा लिया देश भर से 840 करोड़ महगी बिजली दर पर केंद्र सरकार से सीलिंग लगवाना जरूरी केवल उत्तर प्रदेश से इंडियन एनर्जी एक्सचेंज ने कमा लिया 3 दिन में मुनाफा रुपया 80 करोड़
ऊर्जा मंत्री पूरे मामले पर गंभीर उपभोक्ता परिषद् के प्रस्ताव को केंद्रीय ऊर्जामंत्री को भेजा और एक्सचेंज पर महगी बिजली पर सीलिंग लगाने की की सिपारिश
वर्तमान में कोयला संकट को लेकर जहा पूरा देश परेशान है वही उत्तर प्रदेश में कोयले के संकट से लगभग 4000 मेगावाट की मसीने बंद है प्रदेश में विद्युत कटौती न हो पावर कार्पोरेशन इंडियन इनर्जी एक्सचेंज से करोड़ो की महगी बिजली रोज खरीद कर उपभोक्ताओ को बिजली कटौती से मुक्त रख रहा है लेकिन देर सबेर इस महगी बिजली का खामियाजा प्रदेश के उपभोक्ताओ को ही भुगतना पड़ेगा जिसको लेकर उ0प्र0 राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने आज प्रदेश के ऊर्जामंत्री श्री श्रीकांत शर्मा से उनके आवास पर मुलाकात कर एक प्रस्ताव सौपते हुए यह मुद्दा उठाया की जब देश में कोयला की कमी के चलते बिजली कटौती जारी तो मुनाफाखोरी भी चरम पर है जहा इंडियन एनर्जी एक्सचेंज व अन्य एक्सचेंज 7 रुपए से लेकर 20 रुपए तक बिजली बेच रहा और जिन राज्यों को बिजली की जरुरत है वह खरीद रहे सबसे बड़ा चौकाने वाला मामला यह है की जो बिजली एनर्जी एक्सचेंज में रुपया 20 प्रति यूनिट में बेची जा रही उसकी वास्तिक लागत रुपया 6 प्रति यूनिट से भी कम है जो देश की उपभोक्ता बिरोधी नीति का खुलाशा कर रहा है । पिछले 3 दिनों में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज पर निजी घरानो ने कुल लगभग 840 करोड़ का मुनाफा कमाया । केवल उत्तर प्रदेश से इंडियन एनर्जी एक्सचेंज ने कमा लिया 3 दिन में मुनाफा रुपया 80 करोड़ ।
उपभोक्ता परिषद् द्वारा माननीय ऊर्जामंत्री जी को सौपे गये प्रस्ताव को प्रदेश के ऊर्जामंत्री श्री श्रीकांत शर्मा ने देश के केंद्रीय ऊर्जामंत्री श्री आर के सिंह को भेजते हुए एनर्जी एक्सचेंज की मुनाफाखोरी पर सीलिंग लगाने की बात को मानते हुए उपभोक्ता परिषद् की मांग पर गंभीरता से बिचार किये जाने का मुद्दा उठाया गया है इस सम्बंद में ऊर्जामंत्री जी द्वारा केंद्रीय ऊर्जामंत्री को पत्र भेजा गया है ।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने प्रदेश सरकार से आज यह मांग उठाई थी की बिजली आवश्यक सेवाओ के अंतर्गत आती है उसमे मुनाफाखोरी उचित नहीं और न ही संवैधानिक है यह कृत्य आपदा में अवसर तलासने जैसा है महोदय एक तरफ केंद्र का कानून है की कोई भी बिजली की ट्रेडिंग करने वाला अधिकतम 4 पैसा प्रति यूनिट से ज्ायदा नहीं कमा सकता यहाँ मुनाफाखोरी चरम पे है ऐसे में देश और प्रदेश के उपभोक्ताओ के हित में उपभोक्ता परिषद् के इस प्रस्ताव को केंद्रीय ऊर्जामंत्री नयी दिल्ली को इस आसय के साथ भेजवाने का कष्ट करे की वर्तमान विषम परिस्थित में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज व अन्य एक्सचेंज से बिकने वाली महगी बिजली दर पर एक उचित सीलिंग लगवाई जाय जिससे महगी बिजली बेचने पर प्रतिबन्ध लग सके ।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा वर्तमान में मुनाफाखोरी का हाल यह है की पिछले पांच दिनों के अंदर अगर केवल इंडियन एनर्जी एक्सचेंज का शेयर देखे तो लगभग 143 रुपया बढ़ा यानि की लगभग 23 प्रतिशत और वही एनर्जी एक्सचेंज पर जो बिजली बेच रहे वह सभी देश के निजी घरानो के पावर हाउस है जिनकी वास्तविक लागत लगभग रुपया 6 प्रति यूनिट की बिजली औसत रुपया 17 प्रति यूनिट में पिछले तीन दिनों से बिक रही है अगर इंडियन एनर्जी एक्सचेंज के कुल बिजली बेचने की बात करे तो वह लगभग 350 मिलयन यूनिट से 360 मिलयन यूनिट डेली का है यानी रोज निजी घरानो को केवल इनर्जी एक्सचेंज पर अपनी कुछ बिजली बेचने से अगर पूरे दिन की उनकी औसत बिक्री की दर निकले वह लगभग रुपया 15 प्रति यूनिट है उसमे वास्तविक लगत रुपया 6 प्रति यूनिट को छोड दे तो रोज रुपया 8 प्रति यूनिट कमा रहे ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा की केवल तीन दिन में अपनी कुछ बिजली बेचकर निजी घरानो ने रोज रुपया 280 करोड़ कमा लिया यानी 3 दिन के अंदर 840 करोड़ का मुनाफा यह देश के लिए दुर्भाग्य की बात है गरीब जनता की दरे बढ़ेगी और निजीघराने मालामाल हो रहे इस पर अंकुश लगन बहुत जरूरी ।