समाज
-
गरीब की दृष्टि से –गरीबी का दर्शन
रीब की दृष्टि में उसकी गरीबी का कारण अमीर नहीं। ईश्वर को भी वह दोषी नहीं समझता। गरीब सैकड़ों वर्ष…
Read More » -
गांवों को अपना उद्धार स्वयं करना होगा : श्री गौतम भाई
🔊 सुनें विज्ञान युग और ग्रामस्वराज्य एक-दूसरे के पूरक हैं , गॉंवों को अपना उद्धार स्वयं करना होगा . देश…
Read More » -
प्रेम और करूणा की प्रतिमूर्ति मदर टेरेसा
प्रेम और करूणा की प्रतिमूर्ति मदर टेरेसा का मूल नाम एंग्नेस गोंजा बायोजिजू था. उनका जन्म २६ अगस्त १९१० को…
Read More » -
उपेक्षा से बदहाल शिक्षा और शिक्षक
शिक्षा की पूरी प्रक्रिया में शिक्षक की अहम भूमिका है। लेकिन अब हालात तेज़ी से बदल रहे हैं। जैसा कि…
Read More » -
भारत में अध्यात्म भी लोक मंगल का उपकरण है और यथार्थवादी
संसार प्रत्यक्ष है। इसी संसार में जीवन है। यह असार नहीं। संसार के कुछ अंश अल्पकालिक रूप में होते हैं।…
Read More » -
Consequences of Renaming Aligarh!
The impact of rechristening Aligarh and other towns and districts on their local communities, especially those belonging to the Muslim…
Read More » -
वृक्षारोपण : पौधे, मैडम और बाबू
‘‘मैडम पिछले वर्ष भी बहुत सारे पौधे लगाए गए थे। आज उनमें से बहुत कम बचें हैं। ऐसे वृक्षारोपण का…
Read More » -
-
कृष्ण का राष्ट्र-नायक स्वरूप और राष्ट्र-निर्माण की रचना प्रक्रिया
कृष्ण के अनंत स्वरूप हैं। अपनी अपनी मूल प्रकृति के अनुसार भारत की हर भाषा, हर बोली, हर सांस्कृतिक-समूह, हर…
Read More » -
‘स्मृति’ के बहाने विभाजन के दंश को स्थायी बनाने की जुगत!
पाकिस्तान कोई एक दिन में नहीं बना होगा और न ही विभाजन कोई एक तय तारीख़ पर ही सम्पन्न हो…
Read More »