प्रमुख खबरें

  • Photo of भारतीय सांस्कृतिक रिक्थ और पर्यावरण 

    भारतीय सांस्कृतिक रिक्थ और पर्यावरण 

    🔊 सुनें डा चंद्र्विजय चतुर्वेदी ,प्रयागराज भारतीय संस्कृति की मान्यता है कि मानव पञ्च महातत्वों –जल ,अग्नि ,आकाश, पृथ्वी ,तथा…

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  • Photo of थानों में सूचना दर्ज कराना इतना मुश्किल क्यों!

    थानों में सूचना दर्ज कराना इतना मुश्किल क्यों!

    🔊 सुनें अगर आपकी कोई वस्तु या काग़ज़ात कहीं गिर या खो जाये तो थानों में लिखित सूचना दर्ज से…

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  • Photo of गोवा में कल्पवास के बाद उडुपी में पंचकर्म 

    गोवा में कल्पवास के बाद उडुपी में पंचकर्म 

    🔊 सुनें गोवा में दो हफ़्ते कल्पवास के बाद आयुर्वेद के पंचकर्म का इलाज कराने के लिए कर्नाटक में मंदिरों…

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  • Photo of सूर्य ब्रह्मांड की आत्मा हैं

    सूर्य ब्रह्मांड की आत्मा हैं

    🔊 सुनें मकर संक्रांति पर्व पर वरिष्ठ लेखक और भारतीय संस्कृति के विद्वान हृदय नारायण दीक्षित का लेख – सूर्य…

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  • Photo of जोशीमठ त्रासदी के लिए कौन जिम्मेदार?

    जोशीमठ त्रासदी के लिए कौन जिम्मेदार?

    🔊 सुनें अभी कुछ समय पहले तक उत्तराखंड का रैनी गाँव सुर्खियों में था। और अब, पास का ही जोशीमठ खबरों…

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  • Photo of जोशीमठ त्रासदी पर सुंदर लाल बहुगुणा की याद

    जोशीमठ त्रासदी पर सुंदर लाल बहुगुणा की याद

    🔊 सुनें            विनोद कोचर  उत्तराखंड में चमोली जिले के जोशीमठ में  जमीनें फट रही हैं, पहाड़ खिसक रहे हैं,  जमीन से पानी के स्रोतफूट रहे हैं। ऐसे में पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा की यादें फिर से ताजा हो गई हैं।  मत प्रकृति अंग पर कर प्रहार’ यह शत्रु नहीं, जननी उदार!!          आज नौ जनवरी को उनका जन्मदिवस है और जोशीमठ सहित पहाड़ों में विकास के नाम पर किए जा रहेनिर्माण कार्यों के खिलाफ फिर से बड़े आंदोलन की जरूरत महसूस होने लगी है क्योंकि विकास के नाम परजिस तरह से पहाड़ों का सीना चीरा जा रहा है,धरती के नीचे लंबी लंबी विशालकाय सुरंगें खोदी जा रही हैं, प्रकृति के साथ बलात्कारकिया जा रहा है, उसके खिलाफ समय समय पर बहुगुणाजी आंदोलन करते रहे।      आज उनकी जन्मतिथि पर एक बार फिर से उत्तराखंड के पर्यावरण को बचाने के लिए एक बड़े आंदोलन कीजरूरत महसूस की जा रही है।         …

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  • Photo of स तीर्थराजो जयति प्रयागः –एक 

    स तीर्थराजो जयति प्रयागः –एक 

    🔊 सुनें डा चन्द्रविजय चतुर्वेदी भारतीय संस्कृति की विशिष्टता प्रकृति के साथ तादात्म्य है |भारतीय मानस में गंगा -यामुना जैसी…

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  • Photo of क्यों डरे सहमें हैं जोशीमठ के लोग

    क्यों डरे सहमें हैं जोशीमठ के लोग

    🔊 सुनें अखिलेश पाण्डेय जोशीमठ कस्बे के लोग किसी बड़ी अनहोनी की आशंका से डरे सहमे हुए हैं। लगभग 14…

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  • Photo of गोवा में कल्पवास

    गोवा में कल्पवास

    🔊 सुनें कई मित्रों ने यह जानने की उत्सुकता ज़ाहिर की है कि भला मैं गोवा में क्या कर रहा था ?  एक शब्द में कहूँ मैं गोवा में कल्पवास कर रहा था , यानी प्रकृति के बीच रहते हुए आहार और सेहत पर एक कार्यशाला अटेंड कर रहा था.  राम दत्त त्रिपाठी इसका आयोजन एक पत्रकार मित्र ने ही किया था  और प्रशिक्षक ग़ाज़ियाबाद दिल्ली से आयी थीं . सबसे जरूरी बात यह कि हम गोवा के मडकई गॉंव के जिस कैम्पस में टिकाये गये वह एक छोटे से गाँव में यह कैम्पस अद्भुत है . यहॉं तरह -तरह के पेड. पौधे वनस्पतियाँ हैं . आम , जामुन , नारियल , सुपारी , तेज पत्ता . इलायचीऔर काली मिर्च आदि आदि. इसलिए हवा में औषधियॉं . जैसे कभी लोग नैनीताल के भुवाली में स्वास्थ्य लाभके लिए जाते थे. इसलिए यहाँ रहना प्रयागराज के कल्पवास जैसा…

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  • Photo of राम होने का मतलब : सबके राम

    राम होने का मतलब : सबके राम

    🔊 सुनें   राम दत्त त्रिपाठी , वरिष्ठ पत्रकार आज राम का नाम लेने वाले तो बहुत हो गये हैं लेकिन बहुतों को पता ही नहीं राम होने का मतलब क्या होता है? वरिष्ठ पत्रकार राम दत्त त्रिपाठी का लेख  हिन्दू या वैदिक धर्म की सबसे बड़ी खूबी है कि इंसान को अंतरात्मा की पूरी आज़ादी है . वह ईश्वर को माने ,या न माने जिस रूप में चाहे उस रूप में माने , कोई उसे धर्म से बाहर नहीं कर सकता . उसमें विचारों पर पहरा नहीं है . मुंडे मुंडे मतिर्भिन्ना . …

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