क्या अगले लोक सभा चुनाव मायावती और अखिलेश यादव फिर साथ आ सकते हैं!

क्या बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव आगामी 2024 ले लोक सभा चुनाव के लिए फिर से गठबंधन कर सकते हैं। सुहैलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओम प्रकाश राजभर का कहना है कि वह दोनों को साथ लाने की कोशिश करेंगे।

उत्तर प्रदेश में हाल में संपन्न हुए लोकसभा की दो सीटों आज़मगढ़ और राम पर के उपचुनाव में बीजेपी की जीत ने कई तरह की सियासी संकेत दिए हैं।

चुनाव परिणाम से उत्साहित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बयान में कहा कि यूपी की जनता ने तय कर लिया है कि विपक्ष अब अविश्वसनीय हो चुका है।श्री योगी अगले लोक सभा चुनाव में अस्सी में अस्सी सीटें जीतने की बात कर रहे हैं। चर्चा है कि योगी स्वयं प्रधानमंत्री पद की तरफ़ देख रहे हैं।

दूसरी तरफ नतीजे के दिन से ही सुहैलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओम प्रकाश राजभर यह कहते दिख रहे हैं कि मायावती और अखिलेश आपसी रंजिश की वजह हमारे समाज का बहुत बड़ा नुकसान कर रहे हैं। वे दोनों के बीच मध्यस्थता के संकेत भी दे रहे हैं?

याद दिला दें कि बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद संघ परिवार का मनोबल बढ़ा हुआ था, उसके बाद भी 1993 के विधान सभा चुनाव में काशी राम और मुलायम सिंह यादव एक मंच पर आए तो भाजपा सरकार नहीं बना सकी और मुलायम सिंह मुख्यमंत्री बने। इसके बाद 2019 के लोक सभा चुनाव में गठबंधन करके सपा और बसपा ने पंद्रह सीटें जीत ली थीं। इसके बाद मायावती ने गठबंधन तोड़ दिया लेकिन 2022 विधान सभा चुनाव में मात्र एक सीट से संतोष करना पड़ा।

ऐसे में ये सवाल यूपी की सियासी गलियारों में गूंज रही है कि क्या सपा-बसपा एक बार फिर से साथ आने की संभावना पर विचार कर सकते हैं? इस विषय पर कुमार भवेश चंद्र के साथ चर्चा करेंगे बीबीसी के पूर्व संवाददाता और यूपी के जाने माने पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी।

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