फेसबुक के मैदान पर भाजपा और कांग्रेस का मैच

यूजर्स को चौकन्ना रहने की जरूरत

दिनेश कुमार गर्ग। फेसबुक सोशल मीडिया का सबसे बडा़ प्लेटफार्म है।

इसके बाद यू ट्यूब, व्हाट्स ऐप्प,फेसबुक मैसेन्जर,  वीचैट, इंस्टाग्राम, टिकटाक  आदि आते हैं।

विश्वभर में 2603 मिलियन यानी 260 करोड़ लोग फेसबुक का प्रयोग करते हैं।

इसीलिए यह सोशल मीडिया का बादशाह है जिसे अपने प्रभाव में लाने के लिए कई देशों की सरकारें, राजनीतिक दल प्रयास करते हैं।

इसके बाद यू ट्यूब और व्हाट्स ऐप्प आते हैं जिनके प्रयोगकर्ताओं की संख्या 200 मिलियन प्रत्येक की है।

फेसबुक पर 29 करोड़ भारतीय यूजर

फेसबुक पर न्यूज, विचार प्रतिविचार, भडा़स, हंसी-मजाक, आत्म प्रशंसा आदि लगभग सभी मानवीय पक्षों को अभिव्यक्ति मिल जाती है।

इसी कारण यह भारत में सबसे लोकप्रिय माध्यम बना है।

भारत में इसके 290 मिलियन यानी 29 करोड़ यूजर हैं।

भारत के बाद अमेरिका का नंबर आता है जहां 19 करोड़ यूजर हैं ।

इसकी यही व्यापक पहुंच उसे सरकारों और राजनीतिक दलों की होड़ का स्थान बना रहे हैं।

फेसबुक राजनीतिक विवादों में

विश्व का सबसे अधिक प्रयोग होने वाला प्लेटफार्म होने के कारण फेसबुक विवाद में भी आ जाता है जो स्वाभाविक है।

यह व्यापक सोशल मीडिया प्लेटफार्म  भाजपा और कांग्रेस की होड़ का मैदान बन गया है।

विवाद के चलते संसदीय समिति के समक्ष फेसबुक इण्डिया हेड अजित मोहन की पेशी भी हो चुकी है।

राजनीतिक दलों द्वारा इसकी शक्ति को अपने पक्ष में इस्तेमाल कर लेने की चाहत और आरोपों का सिलसिला भारत में बीते माह अगस्त में दिखा।

अगस्त के अंतिम सप्ताह में भारतीय आईटी व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक के सीईओ को चिट्ठी लिखकर शिकायत की।

उनके मुताबिक इसका प्रयोग राष्ट्रवादियों की आवाज दबाने व प्रधानमंत्री को अपशब्द कहने में किया जा रहा है।

इसके पहले प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के राहुल गांधी ने भी जुकरबर्ग से फेसबुक का उपयोग कांग्रेस विरोधी भावनाएं भड़काने में प्रयोग किये जाने की शिकायत की थी।

राहुल गांधी की चिट्ठी के बाद  संसद में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी आरोप दोहराये।

इन शिकायतों पर फेसबुक ने 31 अगस्त को 103 पेजेस,78 ग्रुप्स, 453 एकाउंट्स और 107 इंस्टाग्राम एकाउंट्स को सस्पेण्ड किये जाने की सूचना प्रकाशित की।

प्राप्त समाचारों से यह अवगत नहीं हो पाया कि फेसबुक ने खातों को सस्पेंड कब किया।

पर उस पर दुरुपयोग के जो आरोप लगे हैं वे गत वर्ष लोकसभा चुनाव के समय के हैं।

तब सभी राजनीतिक दल वोटरों को प्रभावित करने के लिए हर उपलब्ध माध्यमों से प्रचार तेज करने में लगे रहे होंगे।

कई देश भी करते हैं सोशल मीडिया का दुरुपयोग

पर कहानी इतनी ही नहीं है कि राजनीतिक दल ही ऐसा दुरुपयोग करते हैं। कई देश भी करते हैं।

गत वर्ष 5 अगस्त को जब संसद ने कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले प्रावधानों को समाप्त किया तो कश्मीर सहित देश के कुछ राजनीतिक दलों ने उसका विरोध किया ।

उस विरोध को बल देने और जन आन्दोलन में बदल देने के लिए फेसबुक पर तबलीगी जमात ग्रुप नामक पेज प्रकट हुआ था।

और कश्मीर में मुस्लिमों पर अत्याचार, उनके अधिकार आदि पर अत्यंत भड़काऊ संदेशों, चित्रों का प्रसारण होने लगा।

वह निर्बाध चलता रहा सीएए विरोधियों को भी स्वर देने का काम उस ग्रुप से हुआ।

पर बाद में वह अचानक फेसबुक से गायब हो गया।

उक्त ग्रुप के कई संस्करण एकसाथ फेसबुक में सक्रिय थे और जनवरी आते आते सभी गायब हो गये।

शायद फेसबुक ने नोटिस लिया और उसे सस्पेण्ड कर दिया।

तो फेसबुक एक तरफ समाज के जीवन से जुडा़ एक सोशल नेटवर्किंग प्लेटफार्म है।

वहीं यह समाज विरोधियों, शत्रु देशों और राजनीतिक दलों के षड्यंत्रों, घात-प्रतिघातों का भी मैदान बनता है।

अतः यूजर्स को सावधान रहना पडे़गा

Leave a Reply

Your email address will not be published.

sixteen − ten =

Related Articles

Back to top button