बिहार: 108 आदिवासी गांव चुनाव का करेंगे बहिष्कार
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले यहां के कैमूर पठारों में स्थित 108 गांव के लोगों ने मतदान का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. यहां के स्थानिय निवासियों का आरोप है कि पुलिस ने इलाके की जनजातीय आबादी पर सख्ती बरती है. इन प्रदर्शनों का नेतृत्व कैमूर मुक्ति मोर्चा संगठन की ओर से किया गया था. लोगो ने बताया पुलिस की तरफ से यह कार्रवाई तब की गई, जब आदिवासी इलाके के टाइगर रिजर्व घोषित किए जाने के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.
केएमएम की मांग
संगठन का आरोप है कि इलाके में काम कर रहे उसके 25 एक्टिविस्ट्स को पुलिस ने फर्जी मामलों में गिरफ्तार किया. दूसरी तरफ गांववालों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि उन्हें इलाके से नहीं निकाला जाएगा, इसके बावजूद वन विभाग जबरदस्ती लोगों को यहां से निकालने में जुटा है. साथ ही उनकी फसलों को भी तहस-नहस किया जा रहा है.
ऐसे में केएमएम ने मांग की है कि सरकार को कैमूर को अनुसूचित इलाका घोषित करना चाहिए. इलाके में टाइगर रिजर्व के निर्माण का काम सिर्फ ग्राम सभाओं और इलाके में रहने वाली जनजातीय आबादी से मंजूरी लेने के बाद ही शुरू किया जाना चाहिए.
एक आदिवासी को लगी थी गोली
दरअसल शुक्रवार को इसे लेकर एक चार सदस्यीय पैनल ने दिल्ली से रिपोर्ट निकाली है. रिपोर्ट के मुताबिक, 10 सितंबर को 108 गांवों के आदिवासी अधौरा में स्थित वन विभाग के दफ्तर के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए इकट्ठा हुए थे. उस दौरान पुलिस ने भीड़ पर कार्रवाई की, जिसमें सात कार्यकर्ताओं पर गोली चलाई गई और लाठीचार्ज किया गया. इसके बाद 16 अक्टूबर को सभी सातों कार्यकर्ताओं को जमानत पर छोड़ा गया. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि एक आदिवासी प्रभु की पुलिस की गोली लगने से मौत हुई थी.