आयुष मंत्रालय में कैबिनेट एवं राज्य मंत्री नियुक्ति एक स्वागतयोग्य कदम: डॉ. वाजपेयी
आयुष मंत्रालय के गठन के उपरांत मोदी सरकार द्वारा मंत्रालय में पहली बार एक कैबिनेट मंत्री के रूप में श्री सर्वानंद सोनेवाल जी एवं राज्य मंत्री के रूप में डॉ. महेंद्र भाई कालूभाई मुंजपारा की निश्चित रूप से एक सराहनीय एवं स्वागतयोग्य कदम है।
इससे प्रधान मंत्री द्वारा आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देने और इसे राष्ट्र की प्रमुख चिकित्सा पद्धति बनाने की दिशा में किए जा रहे कार्यों को निश्चित रूप से प्रभावी गति मिलेगी। आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी ने यह बात एक प्रेसवार्ता में कही।
उन्होने आगे बताया कि आयुर्वेद के प्रशंसक प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी
ने ही पहली बार अपने पहले कार्यकाल में 9 नवंबर 2014 आयुष को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से अलग कर एक स्वतंत्र मंत्रालय स्थापित कर राज्य मंत्री के रूप में श्री श्रीपद यस्सोनाइक की राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में नियुक्ति की थी . आयुष मंत्रालय अपने गठन के समय से ही लगातार आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य कर रहा है। गत वर्षों में मंत्रालय ने राष्ट्रीय आयुष मिशन और आयुष हेल्थ कम्यूनिटी सेंटर की स्थापना, जिला आयुष समितियों का गठन, एनसीआईएसएम एक्ट,2020 और एनएचसी एक्ट, 2020 लागू करने जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य किए हैं।
उन्होने यह भी कहा कि आयुष मेडिकल एसोसिएशन आयुष मंत्रालय से आयुष चिकित्सा की शिक्षा में व्यापक सुधार, तकनीकी प्रोन्नतियों का प्रयोग, चिकित्सा के क्षेत्र में नए अनुसन्धानों को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस एवं कारगर कदम उठाने के लिए लगातार मांग करता रहा है। मंत्रालय द्वारा इस दिशा में अब तक कुछ पहल अवश्य की गई है, परंतु यह अपर्याप्त है। अब इन कार्यों में गति देना आवश्यक है।
उन्होने आशा व्यक्त की कि सर्वानंद सोनेवाल और डॉ. महेंद्र भाई कालूभाई मुंजपारा अनुभवी एवं योग्य राजनेता हैं और सर्वानंद सोनेवाल का असम के मुख्य मंत्री के रूप में कार्यकाल अत्यंत सराहनीय रहा है, इसलिए उनके कुशल नेतृत्व में आयुष चिकित्सा में आवश्यक सुधारों को निश्चित रूप से अपेक्षित गति मिलेगी और आयुष चिकित्सा देश की प्रमुख चिकित्सा पद्धति बनने की दिशा में तीव्र गति से अग्रसर होगी।