अयोध्या राममंदिर शिलान्यास : मोदी बोले-  रचा जा रहा स्‍वर्णिम इतिहास 

(मीडिया स्वराज़ डेस्क) 

अयोध्‍या.  वर्षों की प्रतीक्षा के बाद अयोध्‍या में 12 बजकर 44 मिनट और 8 सेकेंड के मुहूर्त पर चांदी की कन्‍नी से नींव भरकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतिहास रच दिया। राम मंदिर की आधारशिला रखने के बाद पीएम मोदी ने देश को संबोधित किया।

श्री मोदी ने  जय सिया राम  के साथ संबोधन शुरू करते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक पल है। आज इस पल में स्‍वर्णिम इतिहास रचा जा रहा है। पूरा देश राम मय है। हर मन दीपमय है। आज पूरा भारत भावुक है और भारत के साथ-साथ विश्‍व का हर रामभक्‍त रोमांचित है। सदियों को इंतजार आज समाप्त हो रहा है।

इस दौरान पीएम मोदी ने तमिल रामायण का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि अब हमें आगे बढ़ना है। देर नहीं करनी है। यही संदेश श्रीराम का आज के लिए है। सियापति रामचंद्र की जय-जयकार के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना संबोधन खत्म किया। पीएम ने कहा कि मुझे विश्वास है भगवान राम का ये मंदिर युगों-युगों तक मानवता को प्रेरणा देता रहेगा, मार्गदर्शन करता रहेगा। भगवान श्रीराम का चरित्र और आदर्श ही महात्मा गांधी के रामराज्य का मार्ग है। राम आधुनिकता के पक्षधर हैं। राम की प्रेरणा के साथ भारत आज आगे बढ़ रहा है, मानवता ने जब-जब राम को माना है, विकास हुआ है। भटकने पर विनाश हुआ है। हमें संकल्पशक्ति से आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है। राम विभिन्न रूपों में मिलेंगे। वह भारत की अनेकता में एकता के सूत्र हैं। तमिल, मलयालम, बांग्ला, कश्मीर, पंजाबी में राम हैं।

उन्होंने आगे कहा कि विश्व के कई लोग खुद को राम से जुड़ा हुआ मानते हैं। कंबोडिया, थाईलैंड, मलेशिया, ईरान में भी राम कथाओं का विवरण मिलेगा। नेपाल और श्रीलंका में तो राम का आत्मीय संबंध जुड़ा है। राम दुनिया के हर रूप में रचे-बसे हैं। इसी आलोक में अयोध्या में राम जन्मभूमि पर श्री राम के भव्य-दिव्य मंदिर के लिए आज भूमि पूजन हुआ है।

 साथियों इस मंदिर के साथ के साथ इतिहास नहीं रचा जा रहा। बल्कि इतिहास दोहराया भी जा रहा है। हम जानते हैं जैसे पत्थरों पर लिखकर रामसेतू बनाया गया वैसे ही हर घर से इसके जल और मिट्टी इसके निर्माण की ताकत बनेगी। भारत की आस्था और सामूहिकता पूरी दुनिया के लिए अध्ययन का विषय है।  राम हमारे मन में घुल मिल गए हैं। कोई काम करना हो तो प्रेरणा के लिए भगवान राम की ओर ही देखते हैं।

आप भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए, अस्तित्व मिटाने का बहुत प्रयास हुआ लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हुए हैं। श्रीराम भारत की मर्यादा है और श्रीराम मर्यादा पुरषोत्तम हैं। हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के समय हमारी पीढ़ियों ने सबकुछ समर्पित कर दिया। देश का ऐसा कोई भाग नहीं जहां आजादी के लिए बलिदान न दिया गया है। 15 अगस्त लाखों बलिदानों का प्रतीक है। ठीक उसी प्रकार राम मंदिर के लिए कई शदियों तक कई पीढ़ियों ने प्रयास किया है। आज का ये दिन उसी तप त्याग और संकल्प का प्रतीक है। यह मंदिर हमारी राष्ट्रीय भावनाओं का प्रतीक बनेगा। यह लोगों को संकल्प की प्रेरणा देता रहेगा।

उन्होंने कहा इस मंदिर से इस क्षेत्र का पूरा अर्थतंत्र ही बदल जाएगा। यहां हर क्षेत्र में अवसर बढेंगे। सोचिए, पूरी दुनिया से लोग यहां आएंगे। इससे कितना कुछ बदल जाएगा यहां। राममंदिर निर्माण की प्रकिया राष्ट्र को जोड़ने का उपक्रम है।  करोड़ों लोगों को आज विश्वास नहीं हो रहा होगा कि वो अपने जीते जी ये सब देख रहे हैं। वर्षों तक टाट में रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा।

उन्‍होंने कहा कि बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा। टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से चल रहे इस व्यतिक्रम से रामजन्मभूमि आज मुक्त हो गई है। राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था। जिनके त्याग, बलिदान और संघर्ष से आज ये स्वप्न साकार हो रहा है, जिनकी तपस्या राममंदिर में नींव की तरह जुड़ी हुई है, मैं उन सब लोगों को आज नमन करता हूँ, उनका वंदन करता हूं।

राम हमारे मन में गढ़े हुए हैं, हमारे भीतर घुल-मिल गए हैं। कोई काम करना हो, तो प्रेरणा के लिए हम भगवान राम की ओर ही देखते हैं। आप भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए। इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति का आधार हैं।

श्री मोदी ने बताया, यहां आने से पहले, मैंने हनुमानगढ़ी का दर्शन किया। राम के सब काम हनुमान ही तो करते हैं। राम के आदर्शों की कलियुग में रक्षा करने की जिम्मेदारी भी हनुमान जी की ही है। हनुमान जी के आशीर्वाद से श्री राममंदिर भूमिपूजन का ये आयोजन शुरू हुआ है। श्रीराम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा, हमारी शाश्वत आस्था का प्रतीक बनेगा, हमारी राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा, और ये मंदिर करोड़ों-करोड़ लोगों की सामूहिक संकल्प शक्ति का भी प्रतीक बनेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस अवसर पर एक डाक टिकट जारी किया गया है। इसकी कीमत पांच रुपये है और पांच लाख डाक टिकट छपेंगे।  इस पर राममंदिर की तस्वीर है।

इससे पहले सीएम योगी ने संबोधन करते हुए पीएम मोदी का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह भावनात्मक पल है। योगी के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत संबोधित किया। भगवान राम सबके हैं और सब भगवान राम के हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या पहुंचकर पहले हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा की, उसके बाद रामलला के दर्शन किए।

महंत नृत्य गोपाल दास जी महाराज ने कहा कि सबके सामने एक ही प्रश्न आता था कि राम मंदिर कब बनेगा। हमारे सामने यही प्रश्न आता था कि कब बनेगा, राम मंदिर कब बनेगा। हमने कहा एक ओर मोदी और एक ओर योगी अब नहीं बनेगा तो कब बनेगा। मेरी इच्छा है कि शीध्र दिव्य मंदिर का निर्माण हो। तन मन धन अर्पण करने के लिए हम सभी तैयार हैं।

इस मौके पर राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने सभी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आनंद का क्षण हैं। एक संकल्प लिया था और मुझे ध्यान है तब के संघ संचालक ने यह बात कही थी कि बहुत लग के हमें 20 से 30 साल काम करना होगा तब ये पूरा हुआ। इसके लिए अनेक लोगों ने बलिदान दिया है। बहुत से ऐसे लोग हैं जो यहां उपस्थित नहीं हो सके। लेकिन इसके बाद भी आनंद की लहर है। सबसे बडा आनंद है भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जो प्रयास हो रहे हैं उसकी आज शुरूआत हो रही है।

 सीएम योगी आदित्यनाथ ने संबोधित करते हुए कहा कि पांच शताब्दियों बाद राम मंदिर का सपना पूरा हुआ है। जिस अवधपुरी का यह अहसास करने के लिए पांच शताब्दियां लग गईं। 135 करोड़ भारतवासियों को और पूरे विश्व के लोगों व नागरिकों की भावनाओं का मूर्तरूप देने का अवसर जिस महानुभाव के कारण प्राप्त हुआ वह है भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, हमारे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संचालक मोहन भागवत और पूज्य महंत नृत्य गोपाल दास महाराज। देश के समस्त संत और इस कार्यक्रम के उपस्थित अतिथिगण को प्रणाम और उनका स्वागत करता हूं।

जानकारी के मुताबिक राम मंदिर निर्माण के लिए पहले शिलाओं का पूजन किया गया। 12 बज कर 44 मिनट पर चांदी की कन्नी से नींव डाली गई। पूजा स्थल पर मुख्यमंत्री योगी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, संघ प्रमुख मोहन भागवत और नृत्य गोपाल दास मौजूद रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर काम समय से पूरा किया। जबकि पंडित जी पूजा बढ़ा रहे थे, क्योंकि अगला मुहूर्त 12 बजकर 44 मिनट 8 सेकंड पर था।

 

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