उत्तर प्रदेश में स्थापित सभी कम्बल कारखानें चालू
जल्द ही खजनी में लगेगा नया फिनिशिंग प्लांट : डॉ. नवनीत सहगल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में स्थापित सभी 7 कम्बल कारखानों का पुनरोद्धार कराते हुए सभी कम्बल कारखानें पुनः चालू करा दिये गये हैं।
इसके साथ ही इनमें कम्बलों का उत्पादन भी शुरू हो गया है।
बाजार की मांग के अनुसार कम दर पर अच्छी गुणवत्ता और फिनीशिंग के कम्बल तैयार कराने हेतु गोपीगंज, भदोही और नजीबाबाद में फिनिशिंग प्लांट संचालित हो रहे है।
जल्द ही खजनी में एक नया फिनिशिंग प्लांट स्थापित कराया जायेगा।
यह जानकारी अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा खादी एवं ग्रामोद्योग डॉ. नवनीत सहगल ने दी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के सात जनपदों गोरखपुर, बिजनौर, भदोही, अमेठी, जौनपुर, गाजीपुर तथा मिर्जापुर में कंबल कारखाने स्थापित थे, लेकिन ये काफी लम्बे समय से बंद चल रहे थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने निर्देश दिये थे कि प्रदेश में बंद सभी कंबल कारखानों को पुनः संचालित कराया जाय।
इन निर्देशों के अनुपालन में सभी कंबल कारखानों का पुनरोद्धार कराते हुए इनका चालू कराया गया है।
इसके साथ ही कंबलों के विपणन, फिनीशिंग, पैकेजिंग की बेहतर व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि इस वर्ष के लिए सभी कंबल कारखानों में उत्पादन का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है।
भदोही के कारखानों को 5000 कंबल बनाने का लक्ष्य दिया गया है, जिसके सापेक्ष अब तक 2680 कंबल तैयार किये जा चुके है।
इसी प्रकार जौनपुर तथा गोरखपुर को 3000, बिजनौर को 5000, मिर्जापुर को 4000, अमेठी 1000 तथा गाजीपुर के कंबल कारखाने को 1000 कंबल निर्मित करने का लक्ष्य दिया गया है।
इन कारखानांे में 7000 से अधिक कंबल निर्मित किये जा चुके हैं।
डॉ. सहगल ने बताया कि प्रदेश में स्थापित कंबल कारखानों में 49 हथकरघा चल रहे है।
एक हथकरघा से एक दिन में चार से पांच कंबल तैयार होते हैं।
इन कंबलों को मुलायम और दिखने में आकर्षक बनाने के लिए फिनिशिंग प्लांट स्थापित कराये गये हैं।
कंबलों की बढ़ते हुई मांग को देखते हुए खजनी में एक नया प्लांट लगाया जाएगा।