एंटी CAA आंदोलन में गोली के शिकार छात्र जिलानी का ऑपरेशन सफल हुआ
लखनऊ, 30 अगस्त 2020: 19 दिसंबर 2019 को लखनऊ में हुए एंटी CAA आंदोलन के दौरान 2 छात्र गोलियों का शिकार हो गए थे. उनमे से एक छात्र जिलानी जो 16 वर्ष के है उसके पीठ के पीछे से गोली निकलकर पेट से बाहर आ गई थी और उसकी आंते बाहर लटक रही थी. शुरू में पुलिस ने किसी को मिलने नहीं दिया . KGMC लखनऊ से अधूरा इलाज के बाद दहशत में वहां से जाना पड़ा.
लॉकडाउन के चलते कोई भी हॉस्पिटल उसे लेने को तैयार नहीं था. जिलानी के पिता ट्रैक्टर चलाते थे जो उनकी मात्र रोज़ी रोटी और बेटे के इलाज का संसाधन था, कई महीने बैंक कि किश्त नहीं चुका पाने की वजह से बैंक ने उनका ट्रैक्टर जप्त कर लिया, दूसरी तरफ लटकती आंट, बढ़ते इंफेक्शन से जूझते हुए जब डॉक्टर ने सवा लाख ऑपरेशन का खर्च बताया जिसे सुनकर जिलानी के परिवार के होश उड़ गए!
जिलानी के ऑपरेशन के लिए दोबारा संविधान बचाओ , देश बचाओ अभियान की लीगल कन्वीनर अशमा इज्जत सामने आईं , जो लखनऊ हाई कोर्ट में वकील है और एंटी CAA आंदोलन में निर्दोष लोगो के केस देख रही है.
एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार SBDBA ने मुहिम के संरक्षक मंडल की मदद से जिलानी के ऑपरेशन को मुमकिन बनाया और ऑपरेशन कामयाब हुआ है!कल हस्पताल में कामयाब आपरेशन के बाद SBDBA के कन्वीनर अमीक जामेई और अभियान के सीनियर मेंबर दिनेश चन्द्र ( रिटायर्ड ग्रुप कैप्टन वायु सेना) जिलानी को देखने हस्टपाल गए. आपरेशन कामयाब हुआ है. जिलानी के पिता की आंखो में चमक थी.
पीड़ित छात्र जिलानी ने बताया कि वह दोबारा से पढ़ना चाहता है लेकिन उसे मालूम है कि रीढ़ की हड्डियों में गोली लगने की वजह से वह दोबारा से खड़ा नहीं हो पाएगा. उसकी आंखों नम थी . उसकी आंखो में सपना है वह अपने पिता को पढ़ लिख कर गरीबी बाहर निकालना चाहता है.
संविधान बचाओ देश बचाओ अभियान के लीगल टीम की कन्वीनर इज्जत ने बताया कि हम गैंग्स्टर के खिलाफ एफआईआर के रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय में रिट दाखिल कर रहे है जिसमें हमे कामयाबी मिल रही है!
संविधान बचाओ देश बचाओ अभियान के कन्वीनर और सपा के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता अमीक जामेई ने कहा है सिर्फ अगर लखनऊ में 20 ऐसे निर्दोष सर्वाइवर हैं जिनकी रोजी-रोटी खत्म हो चुकी है. उन्होंने अपील की हैं कि इन सभी प्रताड़ित बेरोजगार जिनके परिवारों का कोई सहारा नहीं है समाज उन्हें खड़ा करने में मदद दे और सामने आए.