बिहार : मांझी 30 अगस्त तक खोलेंगे अपने पत्ते
महागठबंधन से अलग हो चुके हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी इन दिनों बिहार की राजनीति के अहम फैक्टर बन गए हैं। सभी की निगाहें उनके अगले कदम पर है। बताया जा रहा है कि जनता दल यूनाइटेड (JDU) के अलावा वे असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi), पप्पू यादव (Pappu Yadav) व यशवंत सिंह (Yashwant Sinha) से भी लगातार संपर्क में हैं।
श्री माँझी (Jitan Ram Manjhi) कहां जाएंगे, इसकी घोषणा वे 30 अगस्त तक कर देंगे। मांझी ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। महागठबंधन (Mahagathbandhan) में वापसी की संभावना को उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के काम को अच्छा बताते हुए कहा कि उनसे बात हुई है।
मांझी ने लालू परिवार (Lalu Family) पर हमला करते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के कारण ही उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी गंवानी पड़ी थी तथा तेजस्वी यादव (Tejsahwi Yadav) ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति को एकजुट करने की उनकी को पलीता लगाया।
काफी सोच-विचार के बाद छोड़ा महागठबंधन
मांझी ने कहा कि उन्होंने काफी सोच-विचार करने के बाद महागठबंधन से अलग होने का फैसला किया। गठबंधन में जितना अपमान होना था, हो चुका है। पार्टी की कोर कमेटी का निर्णय था महागठबंधन में रहने का अब कोई मतलब नहीं है। इसके बाद ही यह कदम उठाया गया।
कई जगह चल रही बात, नीतीश से भी हुई चर्चा
उन्होंने कहा कि नए रिश्तों को लेकर उनकी बात कई जगह चल रही है। मायावती, असदुद्दीन ओवैसी, बामसेफ, तीसरे मोर्चे के नेताओं के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस और यहां तक कि कांग्रेस के भी कुछ नेता उनके संपर्क में हैं। नीतीश कुमार के सवाल पर मांझी ने कहा वे बेहतर काम कर रहे हैं। उनसे भी बात हुई है। विकल्प अभी खुले हुए हैं। मांझी ने कहा कि कि जो भी फैसला होगा, 30 अगस्त के पहले होगा और सबको इसकी जानकारी मिलेगी।
मिल रहे संकेत, जेडीयू के साथ जा सकते हैं मांझी
मांझी भले ही अपने पत्ते को 30 अगस्त तक खालने की बात करें, लेकिन आगे की उनकी योजना का स्पपष्ट संकेत मिल रहा है। चर्चा है कि जेडीयू से उनकी बात करीब-करीब तय हो चुकी है। सूत्र बताते हैं कि वे अपनी पार्टी का जेडीयू में विलय कर सकते हैं। हालांकि, ‘हम’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान इससे इनकार करते हैं। हां, जेडीयू के साथ गठबंधन से वे इनकार नहीं कर रहे हैं।
मांझी से गठजोड़ करना चाहते ओवैसी, पप्पू
सूत्र बता रहे हैं कि जेडीयू के अलावा मांझी के संपर्क में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, जन अधिकार पार्टी के संरक्षक राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव और तीसरा मोर्चा के नेता नरेंद्र सिंह भी हैं। ओवैसी मांझी से गठजोड़ कर सीमांचल में पकड़ मजबूत बनाना चाहते हैं।
लालू परिवार पर भी जमकर बरसते हुए जीतनराम मांझी ने कहा कि उनके मुख्यमंत्री पद की कुर्सी गंवाने की वजह लालू प्रसाद यादव थे। लालू नहीं चाहते थे कि वे बिहार के मुख्यमंत्री बने रहें। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने तब लालू प्रसाद का विरोध भी किया था और कहा था कि वे जो कर रहे हैं, ठीक नहीं है। पर, आरजेडी प्रमुख की उनके खिलाफ अति सक्रियता की वजह से ही उनकी कुर्सी गई। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बारे में मांझी ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को एकजुट करने की उनकी जो मुहिम थी उसमें तेजस्वी यादव ने ही पलीता लगाया।