नीरज मानव प्रेम के अन्यतम गायक थे
स्वर्गीय गोपालदास 'नीरज' की द्वितीय पुण्यतिथि के अवसर पर
हर्ष वर्धन अग्रवाल
बाबू जी स्वर्गीय गोपालदास नीरज से मेरी सर्वप्रथम मुलाक़ात हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्धारा दिनांक 02.07.2013 को आयोजित “Save the Girl Child and Stop Crime Against Women” Anup Jalota live Concert में हुई l नीरज जी ट्रस्ट के सामाजिक कार्यों से अत्यधिक प्रभावित हुए तथा ट्रस्ट के संरक्षक बने l वयोवृद्ध महाकवि नीरज जी के ट्रस्ट के साथ जुड़ने की ख़ुशी में, ट्रस्ट ने नीरज जी के जन्मदिन को उत्सव के रूप में मनाने का निश्चय किया तथा उनके 90वें जन्मदिवस वर्ष 2014 से उनके जीवित रहने तक निरंतर उनका जन्मदिवस उत्सव के रूप में मनाया l
उनकी संरक्षता में ट्रस्ट ने राष्ट्रीय एकीकरण एवं आपसी सौहार्द, गरीब बच्चों की पढ़ाई, संस्कृति एवं साहित्य के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किये l जिसमें अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मलेन, मुशायरे, सामाजिक रक्षाबंधन कार्यक्रम, हेल्प यू बाल गोपाल शिक्षा योजना, बापू के विचार संगोष्ठी, धर्म और आडंबर परिचर्चा जैसे अनेक कार्य जनहित में किये l
नीरज जी कहते थे कि साहित्यिक कार्य इतिहास में दर्ज हो जाता है, इसलिए पुस्तकें भी बनाओ l ट्रस्ट ने यह निर्णय लिया कि क्यों न सबसे पहले बाबू जी के ऊपर ही पुस्तक तैयार की जाए l मैंने तथा न्यासी श्रीमती डॉ० रूपल अग्रवाल ने नीरज जी के मार्गदर्शन में कॉफ़ी टेबुल बुक “गीतों के दरवेश : गोपालदास नीरज” का निर्माण किया, जिसका प्रकाशन ट्रस्ट ने किया, सदी के महानायक श्री अमिताभ बच्चन ने पुस्तक का विमोचन अपने मुंबई स्थित आवास “जनक” में दिनांक 24 फरवरी, 2018 को किया l
कॉफ़ी टेबुल बुक में हिंदी के प्रसिद्ध कवि और मुंबई की फिल्म नगरी के मशहूर गीतकार डॉ. गोपाल दास नीरज की जीवन यात्रा और लगभग गत 78 वर्षों से जारी उनके कविता रचना धर्म को समाहित करने का प्रयास किया गया है I हिंदी कविता के कवि सम्मेलनों में एकछत्र राज करने वाले प्रसिद्द छायावादी कवि डॉ. हरिवंश राय बच्चन को यह पुस्तक सादर समर्पित की गयी है I बच्चन जी द्धारा प्रारम्भ कवि सम्मेलनों के आयोजन की परम्परा को डॉ. गोपाल दास नीरज ने पूरी जीवंतता के साथ आगे बढ़ाया है I
कवि सम्मेलनों के माध्यम से अपार सफलता अर्जित करने के कारण नीरज जी को मुम्बई में फिल्मों के लिए गीत लेखन का आमंत्रण मिला I नीरज जी के द्धारा रचित, कारवां गुज़र गया, देखती ही रहो आज तुम दर्पन, वो हम न थे, वो तुम न थे, शोखियों में घोला जाए फूलों का शबाब, आज मदहोश हुआ जाए रे, स्वप्न झरे फूल से,मीत चुभे शूल से, लिखे जो खत तुझे, ऐ भाई! जरा देख के चलो, दिल आज शायर है, जीवन की बगिया महकेगी, मेघा छाए आधी रात, खिलते हैं गुल यहाँ, फ़ूलों के रंग से, रंगीला रे! तेरे रंग में, मेरो सैयां गुलाबी फूल, राधा ने माला जपी श्याम की, रेशमी उजाला है, मखमली अंधेरा, कहता है जोकर सारा जमाना, काल का पहिया, आदमी हूँ,आदमी से प्यार करता हूँ के अलावा अन्य कई गीत बहुत मशहूर हुए.
नीरज जी लगभग पांच वर्ष तक मुंबई में रहे और यहाँ देव आनंद, राज कपूर, मनोज कुमार जैसी मशहूर हस्तियों के संपर्क में आए और उनकी फिल्मों के लिए गीत लिखे . साथ ही उनके संपर्क में मशहूर संगीतकार, जैसे एस.डी. बर्मन, रोशन, शंकर जयकिशन, जयदेव, हेमंत कुमार जैसे संगीतकार भी आए.
उन्होंने एस.डी. बर्मन द्धारा कंपोज किए गए और राज कपूर, धर्मेंद्र, राजेश खन्ना जैसे नायकों पर फिल्माए गए कई सदाबहार गीत भी लिखे हैं. जन समाज की दृष्टि में वे मानव प्रेम के अन्यतम गायक थे l उन्होंने अपनी मर्मस्पर्शी काव्यानुभूति और सरल भाषा द्धारा हिन्दी कविता को एक नया मोड़ दिया है l नीरज जी की शैली समझने में आसान और उच्च गुणवत्ता वाली रही है l नीरज जी को सफल गीत लेखन के लिए फिल्म फेयर पुरस्कारों से भी नवाज़ा गया I गीतों की सार्थक परम्परा और कविवर नीरज की किस तरह हिन्दी के स्वनामधन्य आलोचकों द्वारा उपेक्षा की गई उस कथित राजनीति का भी जिक्र इस बुक में किया गया है।
‘पहल’ जैसी श्रेष्ठ साहित्यिक पत्रिका के सम्पादक एवं वरिष्ठ साहित्यकार ज्ञानरंजन ने कहा है कि नीरज जी ने अपने गीतों से बड़ी हलचल मचाई और समय के स्थिर हो जाने के बाद भी उनकी कविता जीवित है। उन्होनें गीतों में विचार की बड़ी प्रस्तुति की. हमारे निमार्ण में उनका हस्तक्षेप है।
अंत समय में नीरज जी के मन में दो मलाल थे एक तो नेता जी मुलायम सिंह यादव की पारिवारिक कलह, अखिलेश यादव से उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव का झगड़ा तथा दूसरा नीरज जी को यश भारती पेंशन नहीं मिलना, जिसके लिए नीरज जी दो बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले थे ।
इन दोनों मुलाक़ात में मैं नीरज जी के साथ था. मुख्यमंत्री योगी जी का धन्यवाद कि उन्होनें नीरज जी के देहावसान पर राजकीय शोक की घोषणा की थी तथा नीरज जी की स्मृति में उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर हर वर्ष पांच नवोदित कवियों को एक-एक लाख रुपये की सम्मान धनराशि “गोपालदास नीरज सम्मान” के रूप में प्रदान करने का फैसला लिया l
उम्मीद है कि कोरोना त्रासदी के उपरान्त मुख्यमंत्री जी स्वयं की गई घोषणा को अमल में अवश्य लाएंगे l