सौरव गांगुली बर्थडे स्पेशल: फुटबॉल था पहला प्यार, इस घटना के बाद किया क्रिकेट में डेब्यू
नई दिल्ली. बीसीसीआई के अध्यक्ष और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली आज अपना 48 वां बर्थडे मना रहे हैं। आज वह एक शानदार क्रिकेटर के तौर पर जाने जाते हैं। लेकिन शायद कम ही लोग जानते होंगे कि उनका पहला प्यार क्रिकेट नहीं फुटबॉल था। सौरव गांगुली को फुटबॉल से बेहद प्यार था, वह रोज़ फुटबॉल मैच खेलने जाते थे। लेकिन बड़े भाई स्नेहाशीष ने उन्हें क्रिकेट के लिए प्रेरित किया। काफी समझाने के बाद वह क्रिकेट खेलने को राजी हुए। संयोग देखिए बाद में गांगुली ने अपने बड़े भाई स्नेहाशीष की जगह बंगाल रणजी टीम में ली थी।
वहीं, सौरव गांगुली के नाम एक ऐसा रिकॉर्ड भी है, जिसे सचिन तेंदुलकर भी कभी तोड़ नहीं पाएं सौरव गांगुली ने अपना टेस्ट डेब्यू 1996 में लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान में किया था। गांगुली ने पहले ही मैच में 131 रन की शानदार पारी खेली थी। वो पहले टेस्ट में ही शतक जड़ने वाले दुनिया के तीसरे बल्लेबाज बन गए। बता दें सचिन तेंदुलकर अपने पूरे करियर में लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर शतक नहीं लगा सके, लेकिन दादा ने इसे डेब्यू मैच में ही कर दिखाया था।
यही वजह है कि महेंद्र सिंह धोनी ने भले ही आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप, वनडे वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी जीती हों, लेकिन इसके बावजूद उन्हें एक ऐसे भारतीय कप्तान से टक्कर मिलती है जो ये सब ट्रॉफियां ना जीतने के बावजूद फैंस के दिलों में एक खास जगह रखता है। सौरव गांगुली ने भारतीय क्रिकेट को अर्श तक पहुंचाया है। उसे एक ऐसी राह दिखाई, जिसके बाद टीम इंडिया की दशा, दिशा और सोच पूरी तरह बदल गई।
जो टीम इंडिया 90 के दशक में बेहद शांत क्रिकेट खेलती थी। गांगुली ने कप्तान बनने के बाद उसकी सोच ही बदल डाली। वो गांगुली ही थे, जिन्होंने टीम इंडिया को आक्रामक क्रिकेट खेलने का मंत्र दिया था। यही वजह रही कि घर पर शेर कही जाने वाली टीम इंडिया ने विदेश में भी सीरीज जीतनी शुरू की।
सौरव गांगुली टीम इंडिया को 20 से ज्यादा टेस्ट मैच जिताने वाले पहले भारतीय कप्तान हैं। गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया ने 21 टेस्ट मैच भी जीते। हालांकि उनके इस आंकड़े को पहले धोनी और उसके बाद विराट कोहली ने पछाड़ दिया लेकिन, जिस तरह से गांगुली ने नई टीम में नई सोच पैदा की उस जज्बे को आज भी याद किया जाता है।