अथर्ववेद चिकित्सा विद्वान देवदत्त शास्त्री की पुण्यतिथि पर सभा
अथर्ववेद के प्रख्यात विद्वान , विश्व यायावर और हिमालय विशेषज्ञ पण्डित देवदत्त शास्त्री की 33 वीं पुण्यतिथि पर आज प्रयागराज में आयोजित सभा में शामिल होकर उन्हें याद किया और भारतीय संस्कृति व अथर्ववेदीय कर्मज व्याधि चिकित्सा मां उनके योगदान की चर्चा की । शास्त्री जी प्रयागराज (कौशाम्बीजनपद) के ग्राम रानीपुर के निवासी थे और पण्डित मदन मोहन मालवीय के अखबार अभ्युदय के सम्पादक, हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अधिकारी , लेखक , तत्वदर्शी, भाषा वैज्ञानिक और भारतीय संस्कृति के विश्व भर में प्रचारक थे ।

कार्यक्रम का आयोजन शास्त्री जी के भतीजे देवव्रत मिश्र के पौत्र भाष्कर मिश्र असिस्टेंट प्रोफेसर ने अपने सिद्ध आथर्वण रिसर्च काऊन्सिल परिसर जयन्तीपुर प्रयागराज में किया । भाष्कर ने आज एक इनर्जी डिटेक्शन मशीन का भी अनावरण कर काउन्सिल को समर्पित किया ताकि मानसिक रोगियों और असाध्य व्याधियों से परेशान लोगों की चिकित्सा अच्छे ढंग से की जा सके । यह मशीन फोटान इमेज और किर्लियन फोटो के प्रयोग से मरीजों की इनर्जी फील्ड की स्थिति और कमियों की सूचना चित्रित करती है जिसे अथर्ववेदीय मंत्रों की सहायता से ठीक किया जा सके ।
मरीजों पर अथर्ववेदीय मंत्रों के प्रयोग का बहुत उत्साहजनक परिणाम मिले हैं । भाष्कर ने बताया कि सभी मरीजों का डेटा तैयार किया जाता है और जिनका प्रयोग मरीजों की हीलिंग के मार्गदर्शक के रूप में किया जायेगा । इस संबंध में वैज्ञानिक डाॅक्टर अमूल्य मालवीय ने एक विस्तृत परिचर्चा प्रस्तुत की ।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डाॅक्टर राजेन्द्र त्रिपाठी रसराज सहित मीटियोरोलाॅजिकल साइंटिस्ट श्री यतींद्र गर्ग ने भी अपने संस्मरण और विचार अभिव्यक्त किये ।