पहलगाम हमले के नायक आदिल हुसैन शाह: कश्मीरियत का प्रतीक
कश्मीरियत और मानवता का प्रतीक
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए क्रूरतम आतंकवादी हमले के दौरान चौबीस वर्षीय पोनीवाला आदिल हुसैन शाह ने बिना कोई क्षण गंवाए घायल पर्यटकों के बचाव में खुद को ढाल बना लिया। स्थानीय युवक आदिल ने हमलावरों के बीच झुके हुए बुज़ुर्गों और महिलाओं को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया, लेकिन अपने साहस के बदले एक सीधे सीने में लगी गोली से शहीद हो गए।
आतंकियों के सामने अदम्य साहस
बंकर फ़ायर की अचानक शुरूआत होते ही पैनिक की स्थिति बनी, लेकिन आदिल ने मैदान नहीं छोड़ा। उन्होंने घायल पर्यटकों को धकेलकर पीछे किया और अपनी जान जोखिम में डालकर उन्हें बचाया। इस भूमिका में उन्होंने चार पर्यटकों की जान बचाई और आतंकियों की नापाक साज़िश को विफल कर दिया।
कश्मीरियत और मानवता का प्रतीक
आदिल की शहादत ने कश्मीर में आपसी भाईचारे और मानवता की असली मिसाल पेश की। उसके गाँव शिनिपोरा नार में देर रात लोग सादगी से मिलकर चहल-पहल कर रहे थे और आदिल की जय-जयकार कर रहे थे। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आदिल ने “कश्मीरियत की असली भावना” दिखाई है।
देशभर से श्रद्धांजलि
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर आदिल के साहस की प्रशंसा की और कहा कि उनकी शहादत पूरे देश को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की प्रेरणा देती है।
• कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आदिल को मानवता का प्रतीक बताते हुए कहा कि उनकी कुर्बानी हमें धर्म-जाति से ऊपर उठकर एक-दूसरे के दर्द को समझने का सबक देती है।
• एनसीपी, लीग ऑफ़ मुस्लिम जागरण समेत अनेक राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने भी आदिल की वीरता को नमन किया।
परिवार और स्थानीय समाज का दर्द
आदिल के माता-पिता इशरत बानो और यूसुफ शाह अभी भी सदमे में हैं। पिता यूसुफ कहते हैं कि आदिल बचपन से ही मददगार स्वभाव का था और उसने हमेशा दूसरों की रक्षा को सर्वोच्च माना। गाँव वासियों ने उनके घर के बाहर पुष्प चढ़ाकर और मौन व्यतीत कर आदिल को याद किया।
आदिल हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट की पहल
आदिल की याद में “आदिल हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट” स्थापित करने की घोषणाएँ हो चुकी हैं, जिसका उद्देश्य निम्नलिखित होगा:
1. शहीदों के परिजन और घायल नागरिकों को आर्थिक सहायता प्रदान करना
2. मानवता, बहादुरी और कश्मीरियत पर आधारित शैक्षिक एवं सामुदायिक कार्यक्रम आयोजित करना
3. स्थानीय युवाओं को प्रेरित करने के लिए वार्षिक “आदिल हुसैन सम्मान” समारोह
आदिल हुसैन शाह ने अपनी अदम्य बहादुरी और निस्वार्थ सेवा से यह संदेश दिया कि कश्मीरियत का असली आधार है—एक-दूसरे के लिए खड़ा होना। उनकी शहादत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी।