अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने राम मंदिर ट्रस्ट पर उठाये सवाल
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने राम मंदिर ट्रस्ट पर सवाल उठाये। कहा कि प्रधानमंत्री से मिलकर तीनों प्रमुख अखाड़ों के एक एक सदस्य को ट्रस्ट में स्थायी सदस्य बनाने की मांग करेंगे।
प्रधानमंत्री से तीनों प्रमुख अखाड़ों के एक-एक सदस्य को ट्रस्ट में स्थायी सदस्य बनाने की करेंगे मांग
अयोध्या : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी अयोध्या पहुंचे। हनुमानगढ़ी राम जन्मभूमि में दर्शन पूजन किया। सरयू की आरती की। अयोध्या के संतों से मुलाकात की।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने राम मंदिर ट्रस्ट पर सवाल उठाये। कहा कि प्रधानमंत्री से मिलकर तीनों प्रमुख अखाड़ों के एक एक सदस्य को ट्रस्ट में स्थायी सदस्य बनाने की मांग करेंगे। ट्रस्ट में कुछ राम मंदिर आंदोलन से जुड़े हैं तो कुछ का कोई योगदान नहीं है। यह जो राम मंदिर बन रहा है, वह पूर्वजों और साधु संतों की 400 साल की लड़ाई का परिणाम है। उन्होंने यह उम्मीद जताई कि एक दिन काशी और अयोध्या की तरह मथुरा में भी भव्य कार्यक्रम का आयोजन होगा।
बता दें कि बीते 25 अक्टूबर को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी को अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष चुना गया था। महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु के बाद से अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का पद खाली था। महंत रवींद्र पुरी 2024 तक के लिए चुने गए हैं। रवींद्र पुरी के पास कई इंजीनियरिंग कॉलेज, डिग्री कॉलेज, मेडिकल कॉलेज चलाने का 20 साल का अनुभव है।
16 दिसंबर को भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शाम को सरयू आरती का हिस्सा बने और आज सुबह सभी ने रामलला के दर्शन किये और सिर नवाने के लिये हनुमान गढ़ी भी पहुंचेंगे।
इस दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ मेजबान के तौर पर हर जगह मौजूद रहे। सूबे में ये सभी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के लिये पहुंचे थे। इससे आस्था स्थलों की बदलती तस्वीर के साथ ही यूपी में बदलते इंफ्रास्ट्रक्चर की भी ब्रैंडिंग हो सकेगी।
वाराणसी में 18 दिसंबर को महापौर सम्मेलन भी आयोजित किया जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी भी इस सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करेंगे। प्रदेश के 247 नगर निगमों के महापौर इस सम्मेलन का हिस्सा बन रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, इन्हें भी काशी से लेकर अयोध्या तक आस्था स्थलों और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की तस्वीर दिखाई जाएगी। सम्मेलन के अगले दिन 18 दिसंबर को सभी महापौर को बस से अयोध्या लाकर दर्शन कराने की कार्ययोजना बनाई जा रही है।
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