UP चुनाव में केंद्र में आई सपा की ‘लाल टोपी’, अब तक इस पर किसने क्या कहा…
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर में एक बार फिर इस लाल टोपी का जिक्र किया। वे यहां एम्स और खाद कारखाने का उद्घाटन करने आए थे। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने समाजवादी पार्टी की जमकर आलोचना की। उन्होंने सपा की लाल टोपी पर निशाना साधते हुए कहा कि लाल टोपी वालों को सिर्फ लाल बत्ती चाहिए, ये यूपी के लिए रेड अलर्ट है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा समाजवादी पार्टी पर किए गए ‘लाल टोपी’ वाले तंज पर अब राजनीति गरमा गई है। अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में ‘लाल टोपी’ बदलाव का प्रतीक है। यूपी बदलाव देखना चाहती है। भाजपा द्वारा किए गए वादे ‘जुमला’ मात्र हैं, वह लगातार लोगों से झूठ बोलते रहे हैं। उन्होंने जनता को गुमराह किया है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा समाजवादी पार्टी पर किए गए ‘लाल टोपी‘ वाले तंज पर अब राजनीति गरमा गई है। सपा और भाजपा के बीच लाल टोपी को लेकर यह सियासी लड़ाई कोई नई बात नहीं है। यूपी चुनाव की लड़ाई भी अब लाल टोपी पर आ गई है।
मार्च 2018 का एक वाकया याद आता है। संसद भवन के अंदर समाजवादी पार्टी के सांसद लाल टोपी पहन कर आए थे। जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने अपनी टोपी लहराते हुए इसे भाजपा के लिए “रेड सिग्नल” और “अलार्म बेल” बताया। पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव से जब यह पूछा गया कि वह और उनकी पार्टी के सदस्यों ने लाल टोपी क्यों पहनी है तो जवाब में उन्होंने कहा कि यह लाल टोपी भाजपा के लिए खतरे की घंटी है।
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मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर में एक बार फिर इस लाल टोपी का जिक्र किया। वे यहां एम्स और खाद कारखाने का उद्घाटन करने आए थे। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने समाजवादी पार्टी की जमकर आलोचना की। उन्होंने सपा की लाल टोपी पर निशाना साधते हुए कहा कि लाल टोपी वालों को सिर्फ लाल बत्ती चाहिए, ये यूपी के लिए रेड अलर्ट है।
सपा और भाजपा के बीच लाल टोपी को लेकर यह सियासी लड़ाई कोई नई बात नहीं है। 2018 में ही वामपंथियों के गढ़ त्रिपुरा में जब भाजपा ने अपनी सरकार बनाई तो इसके तुरंत बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने विरोधियों से कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में “लाल झंडा” को नीचे लाने के बाद उनकी पार्टी “लाल टोपी” को भी नीचे लाएगी। कहा जाता है कि योगी आदित्यनाथ ने यह बयान यूपी विधानसभा में लाल टोपी पहने विधायकों को देखकर दिया था। योगी ने कहा था, ‘लाल टोपी अब काम नहीं करेगी। भगवा का समय आ गया है। भगवा विकास और उदारता का प्रतीक है’।
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बहरहाल, मंगलवार को पीएम के दिये इस कटाक्ष पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को ही मेरठ में हुई जनसभा में जवाब दिया था, वहीं आप सांसद संजय सिंह इसे आरएसएस की ‘काली टोपी’ तक ले गए थे। बुधवार को एक बार फिर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए अखिलेश यादव ने पीएम मोदी के इस बयान को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में ‘लाल टोपी’ बदलाव का प्रतीक है। यूपी बदलाव देखना चाहती है। भाजपा द्वारा किए गए वायदे ‘जुमला’ मात्र हैं, वह लगातार लोगों से झूठ बोलते रहे हैं। उन्होंने जनता को गुमराह किया है। क्या उन्होंने अपने वायदे पूरे किए? क्या किसानों की आय दोगुनी हुई? क्या युवाओं को नौकरी मिली?
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अखिलेश यादव ने आगे कहा कि, उन्होंने कहा कि जो लोग जनता की संपत्ति बेचते हैं वो लाल रंग से डरते हैं। आज तक यह ‘जुमलों’ वाली सरकार रही है, अब यह ‘बेचू’ सरकार भी हो गई है। वह ऐसे मुद्दे इसलिए उठा रहे हैं क्योंकि वो असल मुद्दों पर बहस नहीं चाहते।